गुजरात लायंस के कप्तान सुरेश रैना ने आख़िरकार खुलासा किया कि किस वजह से वह पिछले कुछ महीनों से खेल से दूर हैं। रैना ने बताया कि वह अपनी बीमार बेटी का उपचार कराने में व्यस्त थे। रैना ने हवाले से इंडियन एक्सप्रेस ने कहा, 'लोगों को काम चाहिए बोलने का- ऐसा है, वैसा है। मुझे अपनी बेटी को अस्पताल ले जाना पड़ रहा था। मुझे घर के काम करना पड़ रहे थे और मुझे नहीं पता कि कैसे लोग मेरी आलोचना कर रहे थे? बाहर का बंदा नहीं आएगा न ये सब करने।' 2005 में भारत की तरफ से डेब्यू करने के बाद रैना सीमित ओवरों के प्रारूप में टीम के नियमित सदस्य बने रहे। निचलेक्रम पर आकर दमदार शॉट जमाना तथा धीमी ऑफ़स्पिन गेंदों के कारण वह एमएस धोनी के प्रमुख हथियारों में से एक रहे। मगर 2015 विश्व कप के बाद रैना गायब होने लगे। वह पहले के समान विध्वंसक पारी नहीं खेल पा रहे थे और इसी वजह से उन्हें अंतिम एकादश में भी जगन नहीं मिली। हालांकि, आईपीएल में बाएं हाथ के बल्लेबाज अलग लय में नजर आए। वह लीग के सर्वश्रेष्ठ स्कोरर में से एक रहे और उन्होंने गुजरात लायंस का बखूबी प्रतिनिधित्व किया। हाल ही में रैना को लेकर विवाद हुआ जब बीसीसीआई ने उन्हें वार्षिक अनुबंध सूची से बाहर कर दिया। बोर्ड के इस फैसले से रैना के फैंस और समर्थकों को तगड़ा झटका लगा, जिन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर अपनी निराशा जाहिर की। उत्तर प्रदेश के कोच रिजवान शमशेद ने रैना को लताड़ लगाते हुए कहा था कि शादी के बाद वह बदल गए हैं और खेल पर उनका ध्यान कम हो गया है। हालांकि, रैना ने कहा कि खेल के प्रति उनका प्यार आज भी बरक़रार है और चिकन पॉक्स व बुखार की वजह से वह दिलीप ट्रॉफी तथा विजय हजारे ट्रॉफी में हिस्सा नहीं ले सके थे। रैना ने कहा कि उन्हें राज्य चयनकर्ताओं और बीसीसीआई को इस बारे में जानकारी दी थी। रैना को इसकी कोई जानकारी नहीं है कि उन्हें वार्षिक अनुबंध से बाहर क्यों किया गया जबकि पिछले 6 महीनों में उन्होंने भारत की तरफ से टी20 मैच खेला था। रैना के पास आईपीएल में अपनी उपयोगिता साबित करने का बेहतरीन मौका है। अगर वह अपनी क्षमता के अनुरूप खेलने में सफल रहे और गुजरात लायंस को मैच जिताने में कामयाब रहे तो चैंपियंस ट्रॉफी के लिए टीम में उनकी वापसी हो सकती है।