दिग्गज बल्लेबाज सुरेश रैना ने 2011 वर्ल्ड कप जीत को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने बताया कि सचिन तेंदुलकर और एम एस धोनी की मीटिंग से टीम पर कितना फर्क पड़ता था। रैना ने बताया कि काफी सारी मीटिंग सचिन तेंदुलकर और एम एस धोनी ने ली थी। इस मीटिंग की वजह से खिलाड़ियों को काफी मदद मिली और भारतीय टीम ने 28 साल बाद वर्ल्ड कप का खिताब अपने नाम किया।
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भारतीय क्रिकेट टीम के सीमित ओवरों के उपकप्तान रोहित शर्मा के साथ इंस्टाग्राम पर लाइव चैट के दौरान सुरेश रैना ने ये बातें बताई। रैना ने बताया कि 2011 वर्ल्ड कप में जब दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ टीम को हार का सामना करना पड़ा था तो एक टीम मीटिंग का आयोजन हुआ था। रैना के मुताबिक ये मीटिंग काफी सही समय पर हुई थी, क्योंकि इससे खिलाड़ियों को अपनी कमजोरियों और मजबूत पक्ष के बारे में पता चला था।
एम एस धोनी और सचिन तेंदुलकर मीटिंग लेते थे-सुरेश रैना
सुरेश रैना ने कहा कि हमारी काफी मीटिंग्स होती थी। माही भाई और सचिन भाई उस मीटिंग को लेते थे। उन्होंने हमसे कहा था कि इकट्ठे होकर खेलो और पॉजिटिव रहो। उन मीटिंग्स में दोनों खिलाड़ियों का बहुत बड़ा योगदान था। उनके मुताबिक सभी खिलाड़ी टीम के लिए अहम थे। वो मीटिंग काफी महत्वपूर्ण थी और सही समय पर हुई थी। कभी-कभी जब आप चीजों का सही समय पर आंकलन कर लेते हैं तो उससे काफी फायदा मिलता है।
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आपको बता दें कि भारत ने 2 अप्रैल 2011 को मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम में श्रीलंका को हराकर वर्ल्ड कप का खिताब जीता था। युवराज सिंह मैन ऑफ द टूर्नामेंट रहे थे। सुरेश रैना ने भारत की उस वर्ल्ड कप जीत में अहम योगदान दिया था।