IND v AFG: अफ़ग़ानिस्तान टेस्ट टीम का पूरा विश्लेषण

ये अफ़ग़ानिस्तान के लिए गर्व की बात है कि कई सालों की मेहनत और लगन के बाद इस टीम को आख़िरकार टेस्ट का दर्जा दिया गया है। जिस तरह अफ़ग़ानिस्तान की टीम ने अपने प्रदर्शन में सुधार किया है वो क़ाबिल-ए-तारीफ़ है। ये देखना काफ़ी सुखद है कि एशिया कि इस टीम में जीत की भूख साफ़ देखी जा सकती है। अफ़ग़ानिस्तान अब टेस्ट मैच खेलने के लिए पूरी तरह से तैयार है। क्रिकेट के इस सबसे लंबे फ़ॉर्मेट में किसी भी टीम का असली इम्तेहान होता है। अफ़ग़ानिस्तान टीम ने ऐसी चुनौती का सामना पहले कभी नहीं किया है। बैंगलौर के चिन्नास्वामी स्टेडियम में अफ़ग़ान शेर भारतीय शेरों से टकराएंगे। हम यहां अफ़ग़ानिस्तान टेस्ट टीम का पूरा विश्लेषण करने जा रहे हैं।

टीम की ताक़त

स्पिन गेंदबाज़ी

स्पिन गेंदबाज़ी के मामले में अफ़ग़ानी गेंदबाज़ करिश्माई हैं और भारतीय उपमहाद्वीप के पिच पर अच्छी गेंदबाज़ी कर सकते हैं। इस टीम के पास 2 शानदार स्पिन गेंदबाज़ हैं, राशिद ख़ान और मुजीब उर रहमान। आईपीएल 2018 में कुछ बेहतरीन गेंदबाज़ी की बदौलत इन 2 बॉलर्स ने सभी का दिल जीता था। राशिद ख़ान ने आईपीएल के 11वें सीज़न में 17 मैच में 21 विकेट हासिल किए थे। वो इस वक़्त आईसीसी रैंकिंग में नंबर वन टी-20 और वनडे गेंदबाज़ हैं। टीम इंडिया के लिए वो सबसे बड़ी चुनौती साबित हो सकते हैं। मुजीब उर रहमान ने इसी आईपीएल के 11 मैच में 14 विकेट हासिल किए थे। 16 सदस्यों की टीम अन्य युवा स्पिनर्स भी हैं उनके नाम हैं ज़ाहिर ख़ान और हमज़ा होतक। ज़ाहिर ने हाल में ही हुए आईसीसी इंटरकॉन्टिनेंटल कप में शानदार गेंदबाज़ी करते हुए 31 विकेट हासिल किए थे।

मुख्य बल्लेबाज़

असगर स्टैनिकज़ई के पास अनुभव की कोई कमी नहीं है। बल्लेबाज़ी की असली ज़िम्मेदारी उनके ही कंधों पर है। इसके अलाव मोहम्मद शहज़ाद और मोहम्मद नबी भी मुख्य बल्लेबाज़ हैं। इन तीनों बल्लेबाज़ों ने अफ़ग़ानिस्तान टीम के लिए काफ़ी रन बनाए हैं। नबी एक ऑलराउंडर हैं और गेंद से भी कमाल दिखा सकते हैं। इन खिलाड़ियों के पास वनडे, प्रथम श्रेणी और लिस्ट-ए क्रिकेट का अच्छा ख़ासा अनुभव है। इन खिलाड़ियों की वजह से अफ़ग़ान टीम उत्साह से भरी हुई है और इस टीम के खिलाड़ी अपने देश का नाम रोशन करना चाहते हैं।

कमज़ोरी

अनुभवहीन खिलाड़ी

कई खिलाड़ियों के पास तज़ुर्बे की काफ़ी कमी है जिसके वजह से उन्हें अंतरराष्ट्रीय स्तर पर परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। राशिद ख़ान, असगर, नबी और शहज़ाह ही ऐसे खिलाड़ी हैं जिन्होंने काफ़ी अंतरराष्ट्रीय मैच खेले हैं। बाक़ी टीम के खिलाड़ियों में हुनर की कमी नहीं है, सिर्फ़ उनके पास ज़्यादा अनुभव नहीं है। हमज़ा और वफ़ादार ने तो प्रथम श्रेणी और लिस्ट-ए मैच भी काफ़ी कम खेले हैं। टेस्ट क्रिकेट संयम का खेल है और अनुभव की कमी टीम के लिए नुक़सानदेह है।

पेस गेंदबाज़ी

अफ़ग़ान टीम के पास अच्छे पेस गेंदबाज़ों की कमी है। तेज़ गेंदबाज़ दौलत ज़रदान इस वक़्त टीम से बाहर हैं क्योंकि उनके घुटनों में चोट लगी है। पेस तिकड़ी यामिन अहमदज़ई, वफ़ादार और सैय्यद अहमद शिरज़ाद के पास तेज़ गेंदबाज़ी की ज़िम्मेदारी है।

मौके

चूंकि ये अफ़ग़ान टीम का पहला टेस्ट मैच है इसलिए उनके कंधे पर ज़्यादा दबाव नहीं। उनका प्रदर्शन चाहे जैसा भी रहे उनके लिए ये एक नया अनुभव हासिल करने का मौका होगा। ये भी ग़ौर करने वाली बात है कि ये टेस्ट मैच भारतीय सरज़मीं पर होने वाला है, ऐसे में यहां के मैदान अफ़ग़ान टीम के लिए नए नहीं हैं। साल 2015 से अफ़ग़ानिस्तान के खिलाड़ी ग्रेटर नोएडा में स्थित स्टेडियम में अभ्यास कर रहे थे। अफ़ग़ानिस्तान के पास ये मौका है कि वो अपना नेचुरल गेम खेलें और नए अनुभव से सीख हासिल करें ताकि भविष्य के लिए उनकी राहें और आसान हो जाएं। जिस तरह का प्रदर्शन अफ़ग़ान टीम ने पिछले कुछ सालों में किया है उसकी बदौलत क्रिकेट पंडित और फ़ैस में उम्मीदें बढ़ गई हैं। भारत के इस सहयोगी देश के खिलाड़ियों को उम्मीद है कि वो अपने पहले टेस्ट मैच में अपना सबसे बेहतरीन खेल दिखाएंगे।

ख़तरा

अफ़ग़ानिस्तान के लिए ये सबसे बड़ा मौका है और उतनी ही बड़ी चिताएं उनके दिमाग़ में घूम रही हैं। टीम इंडिया विश्व क्रिकेट की सबसे बेहतरीन टीम्स में से एक है। उनके सामने अफ़ग़ानिस्तान की अनुभवहीन टीम का क्या हाल होगा, ये कहना मुश्किल है। इस नई टीम का प्रदर्शन उनके मनोबल को या तो बढ़ा सकता है या कम कर सकता है। अफ़ग़ान टीम की गेंदबाज़ी ही उनकी सबसे बड़ी ताक़त है। इनके गेंदबाज़ों की कोशिश रहेगी कि किसी भी भारतीय बल्लेबाज़ को पिच पर ज़्यादा देर टिकने न दें। बल्लेबाज़ी के मामले में ये टीम थोड़ी कमज़ोर है, जो इस टीम की एक और बड़ी चिंता है। इस मैच पर पूरे दुनिया की नज़र है ऐसे में हर कोई बेहतर प्रदर्शन करना चाहेगा। अब देखना होगा कि अफ़ग़ान टीम का टेस्ट में डेब्यू कितना यादगार रहता है। लेखक- आलेख अनुवादक- शारिक़ुल होदा

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