भारतीय टीम (Indian Team) के खिलाड़ी और घरेलू क्रिकेट में बंगाल से खेलने वाले मनोज तिवारी (Manoj Tiwary) ने सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी (Syed Mushtaq Ali Trophy) से दूर रहने का निर्णय लिया है। जनवरी में सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी में खेलने के बाद उन्होंने किसी भी तरह का अन्य क्रिकेट अब तक नहीं खेला है। अब उनको विधानसभा चुनाव जीतने के बाद बंगाल सरकार में मंत्री भी बनाया गया है।
घरेलू सीजन से पहले तिवारी ने वीवीएस लक्ष्मण से कौशल सीखने के लिए कैम्प जॉइन किया था लेकिन अब उन्होंने मानसिकता बदलते हुए टूर्नामेंट से हटने का निर्णय लिया है। एक रिपोर्ट के अनुसार बंगाल टीम के सहायक कोच ने उनके निर्णय का सम्मान करते हुए कहा कि तिवारी का अनुभव काफी है और यह अहमियत रखता है।
बंगाल में मनोज तिवारी खेलों के कल्याण को लेकर काम कर रहे हैं। उन्हें बंगाल सरकार में खेल मंत्री बनाया गया है। हालांकि कुछ खबरों के अनुसार सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी से उनके हटने के कुछ कारण हो सकते हैं। इसमें पहला कारण यह है कि वह घुटने में लगी चोट से अब तक पूरी तरह से रिकवर नहीं हो पाए हैं। दूसरा कारण यह माना जा रहा है कि युवाओं को मौका देने के लिए उन्होंने खुद पीछे हटने का निर्णय लिया है।
अगर उनकी चोट पूरी तरह से ठीक नहीं हुई है, तो सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी से हटने पर उनको समय मिल जाएगा और वह अच्छी तरह से रिकवर भी हो पाएंगे। कोरोना वायरस के कारण पिछले डेढ़ साल से घरेलू क्रिकेट काफी ज्यादा प्रभावित रहा है। ऐसे में बीसीसीआई ने पिछली बार कुछ टूर्नामेंट आयोजित कराए थे लेकिन रणजी ट्रॉफी नहीं हुई थी। इस बार भी रणजी ट्रॉफी इस साल नहीं होगी। इसे अगले साल जनवरी में आयोजित कराने का निर्णय हुआ है। हालांकि घरेलू सीरीज की शुरुआत सितम्बर से होगी लेकिन उसमें सफेद गेंद प्रारूप के टूर्नामेंट होंगे।