क्रिकेट के दिग्गज सचिन तेंदुलकर के फैन्स की भावनाएं तब आहत हो गयी, जब एआईबी कॉमेडियन तन्मय भट्ट ने स्नैपचैट पर ‘सचिन बनाम लता सिविल वार’ शीर्षक से वीडियो पोस्ट किया। इस तथाकथित कॉमेडी वीडियो में सचिन और महान गायक लता मंगेशकर के बीच एक बहस दिखाई गई है। जिसमें विराट से तेंदुलकर को अच्छा बल्लेबाज़ बताया गया है। बहस में सचिन और लता को एक दूसरे का मज़ाक उड़ाते हुए दिखाया गया है। इस घटना ने तेंदुलकर और लता मंगेशकर के फैन्स को काफी नाराज कर दिया है। जिन्हें सचिन अपने मां के समान मानते हैं। इस वीडियो में तन्मय ने इन दोनों दिग्गजों के चेहरे का मास्क पहनकर इसे शूट किया है। तन्मय भट और एआईबी ह्यूमर पहले भी चर्चा का विषय बनता रहा है। लेकिन इस बार ये वीडियो दो महान विभूतियों का मजाक बनाने की वजह से लोगों को पसंद नहीं आया है। हालांकि भट पहले ऐसे नहीं जिन्होंने सचिन के फैन्स को नाराज किया है। आज ऐसे ही अन्य 5 लोगों के बारे में बता रहे हैं, जिन्होंने इस दिग्गज बल्लेबाज़ के भगवान के दर्जो को देश में चुनौती दी है। #1 मारिया शारापोवा टेनिस स्टार मारिया शारापोवा को लोगों को अपने ज़बरदस्त खेल से टेनिस कोर्ट तक मैच देखने के लिए आकर्षित कर लेती हैं। साल 2014 के विंबलडन में डेविड बेकहम और सचिन तेंदुलकर भी उनके मुकाबले को देखने आये थे। पोस्ट मैच के बाद जब मारिया शारापोवा से पूछा गया तो उन्होंने बेकहम को बेहतरीन फुटबॉलर और अच्छा इंसान बताया। लेकिन जब रिपोर्टर ने सचिन के बारे पूछा तो उन्होंने उन्हें जानने से इंकार कर दिया। बाद में रिपोर्टर ने उन्हें बताया कि सचिन और डेविड एक ही युग के बड़े खिलाड़ी हैं। उनके इस टिपण्णी पर भारत में उनका सोशल मीडिया पर काफी मजाक बनाया गया। इसके साथ ट्विटर पर हैश्टैग #whoismariasharapova ट्रेंड करने लगा था। ये मामला तब समाप्त हुआ जब सचिन ने एनडीटीवी से इंटरव्यू के दौरान शारापोवा के टिपण्णी को अपमानित करने वाला नहीं बताया। उन्होंने कहा वह क्रिकेट फॉलो नहीं करती हैं। #2 माइक डेनिस स्कॉटलैंड में पैदा होने वाले माइक डेनिस ने अपने पूरे करियर में 28 टेस्ट मैच खेले थे, जिनमें से उन्होंने 12 में कप्तानी की थी। वह अपने खेलने के दिनों में उतने लोकप्रिय नहीं थे। जितने की वह बतौर मैच रेफरी रहते हुए सचिन पर गेंद टेम्परिंग का आरोप लगाने के बाद हो गये थे। पोर्ट एलिज़ाबेथ में हुए साल 2001-02 में दक्षिण अफ्रीका से दूसरे टेस्ट मैच में उन्होंने ये आरोप सचिन पर लगाये थे। लेकिन फैन्स को ये बात पसंद नहीं आई और उन्होंने डेनिस के इन आरोपों को नस्लीय भेदभाव की वजह बताया। उन्होंने कप्तान गांगुली को निलम्बित भी कर दिया था। इस स्टार बल्लेबाज़ के सपोर्ट में तब बीसीसीआई भी आ गया, जिसके बाद आखिरी टेस्ट के लिए डेनिस को बतौर मैच रेफरी हटा दिया गया। टीम जब वापस देश में आई तो समर्थकों ने डेनिस के पुतले फूंके। सचिन के साथ उनके इस बर्ताव के लिए आईसीसी ने डेनिस को दोबारा मैच रेफ्री नियुक्त नहीं किया। #3 ब्रिटिश एयरवेज लोग तो सचिन से भिड़ने के बाद बैकफुट पर आये ही इसके आलावा ब्रिटिश एयरवेज को भी सचिन के साथ बुरे बर्ताव के लिए झुकना पड़ा। सचिन अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में 100 शतक बनाये हैं। मामला ये था कि सचिन ब्रिटिश एयरवेज से यात्रा कर रहे थे। तभी उनका सामान किसी अन्य जगह चला गया। तब इस 42 वर्षीय क्रिकेटर ने ट्विटर पर अपनी इस बात को ज़ाहिर किया। जिसके बाद इस पूरी घटना के लिए ब्रिटिश एयरवेज को सचिन से माफ़ी मांगनी पड़ी। इस पूरे मामले पर ट्विटर पर सचिन के फैन्स ने ब्रिटिश एयरवेज पर ट्वीट की बमबारी कर दिया था। #4 शोएब अख्तर इस पेसर ने कई बार सचिन से भिड़ने की कोशिश की है। जिनमें सबसे लोकप्रिय भिड़ंत इन दोनों के बीच साल 2003 के वर्ल्डकप में हुई थी। तेंदुलकर, सहवाग के साथ मैदान पर बल्लेबाज़ी कर रहे थे। और शोएब की 150 किमी घंटे की स्पीड की गेंदों की बखिया उधेड़ रहे थे। चोट से जल्दी खत्म हुए करियर के बाद अख्तर ने विवादित आत्मकथा लिखी थी, जिसका शीर्षक “कंट्रोवर्सली योर्स” दिया था। बहुत से लोगों ने उनकी इस आत्मकथा पर ध्यान ही नहीं दिया तो कई ने इसे तेज गेंदबाज़ की झूठी कहानी बताया। अख्तर ने तेंदुलकर को मैच विजेता नहीं माना और उन्हें फैसलाबाद टेस्ट में खुद की गेंदों से डरने की बात कही। इस बात पर फैन्स और एक्सपर्ट्स को खूब हंसी आई। और अमूल ने इस पर एक कॉमेडी बनाई की वह “तब भी फेंकता था, अब भी फेंकता है।” #5 डिकी बर्ड पूर्व अंपायर डिकी बर्ड जिन्हें दुनिया का बेहतरीन अंपायर माना जाता था। उन्होंने तब सचिन के फैन्स को नाराज कर दिया था, जब उन्होंने अपनी ड्रीम टेस्ट एकादश में सचिन को जगह नहीं दिया था। उन्होंने उनकी जगह सुनील गावस्कर को चुना था। इस अंपायर ने 1996 में 66 टेस्ट के बाद सन्यास लिया था। उन्होंने डॉन ब्रेडमैन को नहीं चुना था। लेकिन सचिन के समर्थक उनसे काफी नाराज हो गये थे। इसके लिए सचिन को पूर्व खिलाड़ियों का भी सपोर्ट मिला था। चंदू बोर्डे ने बर्ड के क्रिकेट की जानकारी पर सवाल उठा दिए थे। उन्होंने सचिन और ब्रेडमैन के न होने पर उनकी तीखी आलोचना की थी। उन्होंने साथ ही उनके अंपायरिंग पर भी सवाल खड़े कर दिए थे। जिसे अंग्रेजी मीडिया ने खूब सराहा था।