इस पेसर ने कई बार सचिन से भिड़ने की कोशिश की है। जिनमें सबसे लोकप्रिय भिड़ंत इन दोनों के बीच साल 2003 के वर्ल्डकप में हुई थी। तेंदुलकर, सहवाग के साथ मैदान पर बल्लेबाज़ी कर रहे थे। और शोएब की 150 किमी घंटे की स्पीड की गेंदों की बखिया उधेड़ रहे थे। चोट से जल्दी खत्म हुए करियर के बाद अख्तर ने विवादित आत्मकथा लिखी थी, जिसका शीर्षक “कंट्रोवर्सली योर्स” दिया था। बहुत से लोगों ने उनकी इस आत्मकथा पर ध्यान ही नहीं दिया तो कई ने इसे तेज गेंदबाज़ की झूठी कहानी बताया। अख्तर ने तेंदुलकर को मैच विजेता नहीं माना और उन्हें फैसलाबाद टेस्ट में खुद की गेंदों से डरने की बात कही। इस बात पर फैन्स और एक्सपर्ट्स को खूब हंसी आई। और अमूल ने इस पर एक कॉमेडी बनाई की वह “तब भी फेंकता था, अब भी फेंकता है।”
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