ऑस्ट्रेलिया के पूर्व कप्तान माइकल क्लार्क टीम में उस समय शामिल हुए जब ऑस्ट्रेलिया टीम का सबसे शानदार वक्त चल रहा था। कुछ ही समय में टीम में अपनी अलग जगह बनाने वाले क्लर्क, दुनिया के बल्लेबाजों की सूची में चोटी पर भी रहे। 2011 में रिकी पोंटिंग के बाद क्लार्क को टीम की कप्तानी दी गई। बतौर कप्तान उन्होंने ऑस्ट्रेलिया को सफलता के मुकाम पर पहुंचाया। उनकी कप्तानी में टीम ने ‘ऐशेज सीरीज’ में इंग्लैंड को व्हाइटवॉश किया और फिर 2015 का विश्व कप अपने नाम किया। विश्व कप जीतने के बाद ही क्लार्क ने क्रिकेट के सभी रूपों से संन्यास ले लिया। माइकल क्लार्क ने अपने शरीर पर कुछ टैटू गुद्वा रखे हैं। अरबी भाषा में बने उनके एक टैटू का मतलब है ‘अनुशान में न रहने का दर्द कुछ वैसा ही होता है जैसा दर्द कोई काम पूरा न कर पाने पर होता है’। इसके अलावा एक और टैटू के साथ ही, उन्होंने अपने माता-पिता के नाम भी लिखवाया हुआ है।