टेस्ट सीरीज़ हारने के बाद टीम इंडिया ने जोहांसबर्ग में तीसरे टेस्ट में कमाल की वापसी की और फिर वहां से कोहली एंड कंपनी ने पीछे मुड़कर नहीं देखा है। दक्षिण अफ़्रीका की सरज़मीं पर पिछले 8 अंतर्राष्ट्रीय मैचों में भारत ने 7 में एकतरफ़ा जीत दर्ज की है, इस दौरान वनडे सीरीज़ पर 5-1 से कब्ज़ा किया। इसके बाद जोहांसबर्ग में टी20 सीरीज़ का शानदार तरीक़े से टीम इंडिया ने आग़ाज़ किया और अब एक बार फिर सेंचुरियन पहुंच चुकी हैं दोनों ही टीम।
मेहमानों की नज़र सीरीज़ जीतने पर, मेज़बानों के लिए करो या मरो का मुक़ाबला
सेंचुरियन के सुपर स्पोर्ट पार्क में आज रात 9.30 बजे खेला जाएगा तीन मैचों की टी20 सीरीज़ का दूसरा मुक़ाबला, 1-0 से सीरीज़ में बढ़त ले चुकी टीम इंडिया आज ही टी20 सीरीज़ पर भी कब्ज़ा जमाने के इरादे से उतरेगी। जबकि मेज़बानों के लिए ये बेहद अहम मैच होगा, अगर प्रोटियाज़ की टीम आज भी हारती है तो फिर वनडे के बाद टी20 सीरीज़ भी उनके हाथ से चली जाएगी। हालांकि, दक्षिण अफ़्रीका के लिए ये इतना आसान होने वाला नहीं क्योंकि मेज़बान टीम सीमित ओवर क्रिकेट में अब तक किसी भी विभाग में मेहमान टीम के आस पास भी नज़र नहीं आई है। उपर से एक के बाद एक चोटिल खिलाड़ियों की फ़ेहरिस्त ने उनके ज़ख़्मों पर नमक छिड़कने का काम किया है।
सुरेश रैना और मनीष पांडे के लिए बेहद अहम मुक़ाबला
भारत के लिए अब तक तो इस सीमित ओवर सीरीज़ में सबकुछ शानदार गया है लेकिन मिडिल ऑर्डर की समस्या उनके लिए जस की तस बनी हुई है। वनडे में भी नंबर-4 पर अजिंक्य रहाणे के साथ प्रयोग सफल होता नहीं दिखा और टी20 में भी बीच के ओवरों में मिडिल ऑर्डर बल्लेबाज़ों ने रनरेट को उस तेज़ी से नहीं बढ़ाया जिसकी दरकार इस सबसे छोटे फ़ॉर्मेट में रहती है। वापसी कर रहे सुरेश रैना ने 7 गेंदों पर आक्रामक 15 रनों की पारी ज़रूर खेली लेकिन अगर उन्हें विश्वकप की टीम के लिए वनडे में भी वापसी करनी है तो एक बड़ी पारी बेहद ज़रूरी है और उसके लिए पिच पर टिकना आवश्यक हो जाता है। कुछ यही हाल मनीष पांडे का भी है, वनडे सीरीज़ में लगातार बेंच पर बैठे अपने मौक़े का इंतज़ार करने वाले पांडे को जब पहले टी20 में टीम में शामिल किया गया तो अच्छे प्रदर्शन का दबाव उनपर साफ़ दिख रहा था। शायद यही वजह थी कि उन्होंने रन बनाने से ज़्यादा पिच पर समय बिताना और नॉट आउट जाना ज़्यादा मुनासिब समझा तभी तो क़रीब 100 की स्ट्राइक रेट से ही उन्होंने रन बनाए। जो इस फ़ॉर्मेट के लिए सही नहीं करार दिए जा सकते, पांडे की नज़र इस मौक़े को भुनाने पर होगी।
टी20 में क्या है महेंद्र सिंह धोनी की भूमिका ?
एम एस धोनी की प्रतिभा या उनती क़ाबिलियत पर शक़ करना या सवाल उठाना ठीक वैसे ही है जैसे सूर्य को प्रकाश दिखाना। लेकिन टीम को उनकी भूमिका और बल्लेबाज़ी के क्रम पर विचार करने की ज़रूरत है। धोनी अब पारी को रफ़्तार देने के लिए और अपने हैलिकॉप्टर शॉट खेलने के लिए थोड़ा टेक ऑफ़ का समय लेते हैं, लिहाज़ा ये समय देने के लिए टीम मैनेजमेंट को उन्हें नंबर-4 पर लाना चाहिए। जहां से वह थोड़ा समय लेते हुए और अपनी नज़रें जमाने के बाद लंबी लंबी हिट कर सकें, क्योंकि पहली ही गेंद से आक्रामक शॉट खेलने के लिए अब टीम में हार्दिक पांड्या मौजूद हैं।
पिच का पेंच और मौसम का मिज़ाज
दक्षिण अफ़्रीका दौरे पर अब तक सेंचुरियन के सुपर स्पोर्ट पार्क पर 3 मुक़ाबले खेले जा चुके हैं। जहां टेस्ट मैचों में भारत को हार का सामना करना पड़ा था तो उसके बाद इस पिच पर हुए दोनों ही वनडे में टीम इंडिया ने 9 और 8 विकेट से मैच अपने नाम किया है। लगाताक हो रहे मैचों की वजह से पिच पूरी तरह से थक चुकी है और क्यूरेटर के पास सिवाए घास छोड़ने के दूसरा कोई विकल्प भी नहीं बचता है। उम्मीद यही है कि अब तक जिस तरह से पिच धीमी और स्पिनरों के लिए मददगार रही है, आज भी कुछ ऐसा ही देखने को मिल सकता है यानी भारतीय स्पिनरों की एक बार फिर बल्ले बल्ले हो सकती है। हां, मौसम ज़रूर इस मुक़ाबले में बड़ी भूमिका निभा सकता है। दोपहर को तेज़ बारिश की संभावना है, अगर ऐसा हुआ तो मैच देर से शुरू हो सकता है और शुरुआत में तेज़ गेंदबाज़ों को थोड़ी बहुत मदद मिल सकती है। ऐसी परिस्थिति में टॉस जीतने वाली टीम पहले गेंदबाज़ी करना पसंद करेगी लेकिन यहां के आंकड़ें उन्हें ये फ़ैसला लेने से रोक भी सकते हैं। क्योंकि पिछले 5 मुक़ाबलों में से 4 बार पहले बल्लेबाज़ी करने वाली टीम ने इस मैदान पर जीत हासिल की है, ऐसे में आज टॉस हारना कप्तान के लिए बेहतर विकल्प हो सकता है।
कुलदीप यादव अगर फ़िट रहे तो प्लेइंग-XI में वापसी संभव
बात अगर अंतिम एकादश की करें तो टीम इंडिया में सिर्फ़ एक बदलाव ही नज़र आ रहा है, सेंचुरियन की पिच को देखते हुए कुलदीप यादव को शामिल किया जा सकता है। वनडे सीरीज़ में रिकॉर्ड 17 विकेट लेने वाले कुलदीप चोट की वजह से जोहांसबर्ग में नहीं खेल पाए थे, अगर वह फ़िट रहते हैं तो जयदेव उनादकट की जगह उनकी वापसी संभव है। दूसरी तरफ़ चोट से परेशान मेज़बान टीम के लिए कोई भी कॉम्बिनेशन सही बैठता हुआ नहीं दिख रहा है। अगर आज इस धीमी पिच पर आरोन फ़ांगिसो को भी टीम में शामिल किया गया तो हैरानी नहीं होनी चाहिए। भारत संभावित-XI: शिखर धवन, रोहित शर्मा, विराट कोहली, सुरेश रैना, महेंद्र सिंह धोनी, मनीष पांडे, हार्दिक पांड्या, भुवनेश्वर कुमार, कुलदीप यादव/जयदेव उनादकट, युज़वेंद्र चहल और जसप्रीत बुमराह दक्षिण अफ़्रीता संभावित-XI: रीज़ा हेन्ड्रिक्स, जे जे स्मट्स, जेपी डुमिनी, डेविड मिलर, फ़रहान बेहरदीन, हेनरिक क्लासेन, क्रिस मॉरिस, एंडिले फ़ेलुकवायो, जूनियर डाला, डेन पैटरसन/आरोन फ़ांगिसो और तबरेज़ शम्सी