शुक्रवार की रात पूरी दुनिया की नज़र भारत पर थी, एक तरफ़ GST लॉन्चिंग ख़बरों ने सवा सौ करोड़ भारतवासियों के साथ साथ पूरी विश्व का ध्यान अपनी ओर खींचा। तो ठीक उसी वक़्त क्रिकेट इतिहास के सबसे सफल कप्तानों में से एक और दुनिया के बेहतरीन मैच फ़िनिशर महेंद्र सिंह धोनी का बल्ला एंटीगुआ में चमक बिखेर रहा था। भारत में जीएसटी लागू होने के कुछ ही घंटों बाद क्रिकेट में टीम इंडिया की जीत भी हुई और इसके हीरो रहे धोनी। मेज़बान विंडीज़ ने टॉस जीतकर तेज़ गेंदबाज़ों की माक़ूल पिच पर पहले गेंदबाज़ी का फ़ैसला लिया था और उसका फ़ायदा उठाते हुए विंडीज़ के गेंदबाज़ों ने भारत के 3 विकेट जल्दी गिरा दिए थे। पिच में उछाल भी था और स्विंग भी लिहाज़ा बल्लेबाज़ों को काफ़ी परेशानी हो रही थी, लेकिन अजिंक्य रहाणे के साथ मिलकर धोनी ने कठिन परिस्थिति में भारत को संकट से निकाला। और फिर नज़रें जमाने के बाद गियर भी बदला, धोनी इस पारी में लाजवाब रंग में नज़र आए और अपने अंदाज़ में खेलते हुए भारत को एक अच्छे फ़िनिश तक ले गए। धोनी ने 79 गेंदो पर 78 रनों की नाबाद पारी खेली, और भारत को बहुत बड़े तो नहीं पर एक चुनौतीपूर्ण स्कोर तक ज़रूर पहुंचा दिया था। धोनी की ज़िम्मेदारी यहीं ख़त्म नहीं हुई, जब टीम इंडिया मैदान में आई तो हर समय धोनी कप्तान विराट कोहली को सलाह दे रहे थे जो वह अक्सर करते रहते हैं। लेकिन जो हमेशा नहीं दिखता या एक क्रिकेट फ़ैन सुन नहीं पाता वह था... धोनी की मैदान पर हर वक़्त खिलाड़ियों को सलाह और विंडीज़ के बल्लेबाज़ों के बारे में पहले ही अनुमान लगाने की बात। जो स्टंप माइक से काफ़ी तेज़ आ रही थी, इसकी वजह ये भी थी कि वेस्टइंडीज़ में सुबह सुबह शुरू हुए इस मैच में दर्शकों का न आना लिहाज़ा स्टेडियम का सन्नाटा धोनी की आवाज़ को कॉमेंट्री की तरह हम और आप तक पहुंचा रही थी। इस दौरान बहुत सी ऐसी बातें और सलाह सुनने और देखने को मिली जो ये समझने के लिए काफ़ी था कि इस खिलाड़ी का क़द क्यों महान से भी बड़ा है। अश्विन जब गेंदबाज़ी कर रहे थे तो धोनी ने पीछे से आवाज़ लगाई, ‘’ऐश ये (एश्ले नर्स) ये बस बल्ला घुमा रहा है, पकड़ कर खेलने वाला नहीं, इसे वहीं डाल..’’ अगली दो गेंदो के अंदर ही बड़ा शॉट खेलने की कोशिश में नर्स पैवेलियन में थे, इसी तरह जब पॉवेल बल्लेबाज़ी कर रहे थे तब धोनी ने अश्विन को सलाह दी... ‘’ऐश इसके लिए (डीप स्वीपर कवर) वहां मत रख, ये नहीं मारेगा जब तक कि तू इसे दूसरा नहीं डालेगा।‘’ इतना ही नहीं कोहली को भी कई बार धोनी फ़िल्ड में इधर से उधर करते हुए सुने गए, जैसे कि... ‘’चीकू अपने बाएं ओर रह, ये उधर ही मारेगा इसे सिंगल मत देना।‘’ और बिल्कुल कोहली के पास ओवर में कई बार गेंद उसी दिशा में गई। इतना ही नहीं जब एक बार कुलदीप की गेंद पर बल्लेबाज़ के ख़िलाफ़ तेज़ अपील हुई तो अंपायर ने नॉट आउट दिया। उस वक़्त कोहली भी धोनी के पास गए और पूछने लगे कि DRS लूं क्या, तो धोनी ने कहा, ‘’नहीं नहीं मत लेना, मुझे लग रहा है कि गेंद स्लाइड कर रही है’’... और तुरंत ही बड़ी स्क्रीन पर साफ़ दिख रहा था कि गेंद स्लाइड होती हुई बस छू कर निकल जाती यानी अंपायर कॉल होता और DRS बरबाद हो जाता। धोनी की ये सलाह और मशवरा तो हर मैच में ही होता है लेकिन क्रिकेट फ़ैन को शोर और हल्लों में सुनाई नहीं देता। लेकिन एंटीगुआ के इस मैच को देखने के बाद उन्हें ज़रूर जवाब मिल गया होगा जो धोनी के करियर पर सवाल उठाते हैं और धोनी को उम्र की याद दिलाते हैं। धोनी ने मैन ऑफ़ द मैच का ख़िताब जीतने के बाद पोस्ट मैच प्रेंज़ेटेशन से शायद उन्हें ही जवाब दिया, ‘’Age is like a wine for me…’’ (उम्र मेरे लिए शराब की तरह है...) सच में भारत के इस कोहीनूर ने एक बार फिर साबित कर दिया कि क्यों उन्हें महान कहा जाता है। साथ ही साथ विपरित परिस्थिति में खेली गई धोनी की मैच जिताऊ पारी ये बताने के लिए काफ़ी है कि दुनिया में उन जैसा फ़िनिशर कोई नहीं। बहरहाल, माही ने तो फिर साबित किया और कईयों का धागा भी खोल दिया लेकिन क्या जीएसटी अपने ऊपर उठ रहे सवालों का जवाब धोनी की तरह दे पाएगा ??