प्रेस कॉन्फ्रेंस में विराट ने कहा था कि पिच पर हरी खास है और काफी बाउंस मिलेगा। साथ ही बारिश का अनुमान भी लगाया जा रहा है। ऐसे में कोहली ने जोहांसबर्ग टेस्ट में टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी का फैसला कर सबको चौंका दिया। पिछले दो मैचों की चारों पारियों में भारतीय बल्लेबाजों के फ्लॉप शो की वजह से ही भारत मैच हारा था।
उसके बाद पिच का मिजाज जानने के बाद भी आखिर कप्तान साहब ने अपने किस खिलाड़ी के दम पर पहले बल्लेबाजी करने का फैसला किया ये अब तक समझ से परे है। हालांकि पिछली बार टीम इंडिया ने वांडर्र्स में खेले मैच के दौरान पहले बल्लेबाजी की थी और मैच ड्रॉ कराया था। लेकिन उस वक्त मौसम का मिजाज और टीम के हालात इतने बुरे भी नहीं थे। लेकिन इस बार आपके बल्लेबाज जब पूरी तरह बैकफुट पर नजर आ रहे हैं उसके बाद इस तरह का रिस्क लेना कितना ठीक है इसका आंकलन फिलहाल मुश्किल है।
भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान विराट कोहली ने एक बार फिर अपनी प्लेइंग इलेवन में बदलाव किया। और इस बार उन्होंने आखिरकार टीम के उपकप्तान को मौका दिया। रहाणे को रोहित की जगह चांस दिया गया। जबकि दूसरे बदलाव के रुप में अश्विन की जगह भुवी को टीम में शामिल किया गया है। इन दोनों ही बदलावों पर भी सवाल उठ रहे हैं। रोहित शर्मा जिन्होंने पिछले मैच में 57 रन बनाए उसके बाद उन्हें टीम से बाहर होना पड़ा। उनकी ही जगह रहाणे की एंट्री हुई। रहाणे को लेकर कप्तान पर दवाब भी था और टीम की जरुरत भी साफ देखी जा रही थी। लेकिन देर आएद दुरुस्त आएद की तर्ज पर इस बात को मान भी लें, तो भुवी को अश्विन की जगह टीम में शामिल करना और बिना स्पिनर के मैदान में उतरना भी किसी बड़े रिस्क से कम नहीं है। टीम इंडिया जोहांसबर्ग में पांच तेज गेंदबाजों के साथ मैदान पर प्रोटियाज से टक्कर ले रही है। इससे पहले 2012 में भारतीय टीम ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ बिना किसी स्पिनर के मैदान पर उतरने की हिम्मत दिखाई थी और उस मैच में टीम इंडिया को हार का सामना करना पड़ा था। ऐसे में ये दोनों फैसला टीम इंडिया को किस दिशा में ले जाएंगे इसका जवाब मैच के रिजल्ट के साथ ही सामने आ पाएंगे।