1971 में वनडे अंतर्राष्ट्रीय की शुरूआत हुई थी और उसने विश्व क्रिकेट में एक नया आयाम बना दिया। हालांकि, भारत ने सीमित ओवरों के खेल में एक मजबूत टीम के रूप में शुरूआत नहीं की लेकिन 1983 का विश्व कप भारतीय क्रिकेट के लिए एक यादगार क्षण साबित हुआ और तब से भारत की ताकत और अधिक मजबूत हुई है। आज तक भारत द्वारा खेले गये कुल 931 एकदिवसीय मैचों में से कुछ महान और यादगार जीत दर्ज हुई हैं, जबकि कुछ में भारत को निराशाजनक हार का सामना भी करना पड़ा है। भारत को हमेशा से ही एक मजबूत बल्लेबाजी लाइन-अप वाली टीम माना जाता है, जिसने पहले बल्लेबाजी करते समय स्कोरबोर्ड पर कई बार मजबूत स्कोर खड़ा किया है। हालांकि यह बल्लेबाजी लाइन अप कई बार बुरी तरह विफल भी साबित हुई है और भारत को सबसे शर्मानाक हार का सामना करना पड़ा है। यहां पहले बल्लेबाजी करते हुए भारत को मिली 5 सबसे बड़ी हार पर नजर डालें:
#5 भारत बनाम ऑस्ट्रेलिया, फ़रवरी 2003
भारत ने अपने 2003 विश्वकप की शुरूआत अच्छी की थी जब टूर्नामेंट के अपने पहले मैच में कमजोर नीदरलैंड को 68 रनों से हराया। उनका दूसरा मैच टूर्नामेंट की पसंदीदा टीम ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ हुआ था। यह मुकाबला भारी भरकम होने उम्मीद था, लेकिन अंत में यह एक फुस्स पटाखा साबित हुआ। पहले बल्लेबाजी करते हुए भारत केवल 41.4 ओवरों ही खेल सका और पूरी टीम 125 रन पर ऑलआउट हो गयी। सचिन तेंदुलकर 36 रनों के साथ सर्वोच्च स्कोरर थे, जबकि केवल तीन अन्य बल्लेबाज दोहरे आंकड़े तक पहुंचने में सफल रहे। जेसन गिलेस्पी ने अपने 10 ओवर के कोटे में सिर्फ 13 रन देते हुए तीन विकेट झटक भारतीय बल्लेबाजी को बिखेर दिया। जवाब में, ऑस्ट्रेलिया ने केवल 22.2 ओवरों में लक्ष्य को हासिल कर लिया। दूसरी पारी में 166 गेंद शेष रहते हुए, यह पहली बल्लेबाजी करने के बाद भारत की पांचवीं भारी हार थी।
#4 भारत बनाम ऑस्ट्रेलिया, जनवरी 1981
यह 1981 में सिडनी में आयोजित बेन्सन एंड हेडज वर्ल्ड सीरीज़ कप का 9वां मैच था। पहले बल्लेबाजी करते हुए पूरी टीम इंडिया सिर्फ 25.5 ओवर में 63 रन पर लुढ़क गयी। दुर्भाग्यवश सीमित ओवर के अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में पहले बल्लेबाजी करते समय भारत का यह सबसे कम स्कोर है। भारत के आखिरी 5 विकेट सिर्फ 9 रन पर गिर गए क्योंकि ग्रेग चैपल ने 9.5 ओवर में 5-15 के आंकड़े के साथ भारत की बल्लेबाजी लाइनअप को तहस नहस कर दिया। जवाब में ऑस्ट्रेलिया ने जॉन डायसन के रूप में शुरुआती विकेट गंवा दिया था लेकिन कप्तान ग्रेग चैपल ने मोर्चे की अगुवाई करते हुए 174 गेंद शेष रहते हुए अपनी टीम को जीत दिला दी। यह अपमानजनक हार भारत की सबसे बड़ी हार की सूची में चौथे स्थान पर है।
#3 भारत बनाम श्रीलंका, दिसंबर 2017
श्रीलंका लगातार 12 मैचों से हारता चला आ रहा था और दुनिया की नंबर दो रैंकिंग टीम उनके खिलाफ कोई मौका नहीं देना चाहती थी। लेकिन तेज गेंदबाजों को सहायता देने वाले धर्मशाला की पिच पर श्रीलंकाई गेंदबाज सुरंगा लकमल ने भारत के शीर्ष क्रम को उखाड़ फेंका और एक समय भारत का स्कोर 29-7 हो गया। इससे पहले भारत अभी तक के सबसे कम स्कोर पर ऑलआउट होता भारत के पूर्व कप्तान एमएस धोनी ने पुछल्ले बल्लेबाजों के साथ मिलकर पारी को संभाला और 65 रन की पारी खेलते हुए भारत को 112 रन के सम्मानजनक स्कोर तक पहुंचाया। जवाब में श्रीलंका दो विकेट गंवा बैठा थे और बुमराह की नो बॉल के साथ यह शुरुआत में तीन विकेट हो सकता था। हालांकि, उन्होंने आसानी से सिर्फ 20.4 ओवरों में 112 के छोटे लक्ष्य को 3 विकेट खोकर हासिल कर किया। इस लिस्ट में भारत की ये तीसरी सबसे बड़ी हार है।
#2 भारत बनाम श्रीलंका, जुलाई 2012
पहले मैच में एक शानदार प्रदर्शन के बाद भारत एकदिवसीय श्रृंखला के दूसरे मैच के लिए आत्मविश्वास से भरी हुई थी। हालांकि दूसरा मैच भारतीयों के लिए एक दुःस्वप्न साबित हुआ। पहले बल्लेबाजी करते हुए भारत एक नियमित अंतराल पर अपने विकेट खोता गया और 33.3 ओवर में केवल 138 रन बनाकर पूरी की पूरी टीम पवेलियन लौट गयी। गौतम गंभीर 65 रनों के साथ सर्वोच्च स्कोरर थे। जवाब में श्रीलंका के सलामी बल्लेबाजों दिलशान और थरंगा ने जोरदार शुरुआत की और टीम के लिए शतकीय साझेदारी कर डाली, इससे पहले दिलशान आउट होते टीम का स्कोर 119 रन हो चुका था। दिनेश चांडीमल ने विजय रन लेते हुए टीम को जीत दिलायी और केवल 19.5 ओवरों में लक्ष्य का पीछा कर लिया। यह भारत की एकदिवसीय मैच में मिली दूसरी बड़ी हार थी।
#1 भारत बनाम श्रीलंका, अगस्त 2010
जब बात बड़ी हार की आती है तो श्रीलंका, भारत का सबसे बड़ा शत्रु रहा है और यहां एक बार फिर से श्रीलंका से सामना होता है- इस बार उन्होंने गेंदों के मामले में भारत को सबसे बड़ी हार का सामना करवाया। यह श्रीलंका में आयोजित 2010 त्रिकोणीय श्रृंखला थी। भारत और न्यूजीलैंड अन्य दो टीमों थी। पहले बल्लेबाजी करने करते हुए शीर्ष 6 में से 4 बल्लेबाज दोहरे अंक के आंकड़े तक तो पहुंच गए लेकिन उनमें से कोई भी आगे नहीं बढ़ सका और एक बड़ा स्कोर नहीं बना सका। शेष बल्लेबाजों ने विनम्रतापूर्वक आत्मसमर्पण कर दिया क्योंकि भारत के अंतिम 5 बल्लेबाजों ने सिर्फ 8 रन का ही योगदान दिया। थिसारा परेरा ने शानदार ढंग से गेंदबाज़ी करते हुए करियर का इकलौता पांच विकेट लेकर भारत को केवल 103 रन पर सीमित कर दिया। जवाब में श्रीलंका को महेला जयवर्धने, तिलकरत्ने दिलशान और कुमार संगकारा ने तेजी से 30-30 रनों की पारी खेलते हुए आसानी से लक्ष्य हासिल कर लिया। लेखक- प्रियम अनुवादक- सौम्या तिवारी