Team India unhappy with MCG practice pitches: ऑस्ट्रेलिया दौरे पर जब भी भारतीय टीम जाती है तब कुछ ना कुछ विवाद जरूर देखने को मिलता है। हाल ही में विराट कोहली और रवींद्र जडेजा को ऑस्ट्रेलियाई मीडिया ने निशाना बनाया था और उनकी जमकर आलोचना की थीं। वहीं अब चौथे टेस्ट से पहले एक और मामले ने तूल पकड़ लिया है, जो प्रैक्टिस पिचों से जुड़ा हुआ है। भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी का चौथा टेस्ट मैच मेलबर्न में 26 दिसंबर से होना है और इसके लिए दोनों ही टीमें तैयारियों में जुटी हुई हैं। हालांकि, मेलबर्न क्रिकेट ग्राउंड में जो पिचें टीम इंडिया को अभ्यास के ले दी गईं, उससे भारतीय खेमा खुश नहीं नजर आ रहा है।
भारतीय टीम को मिल रही बेजान पिचें
मीडिया रिपोर्ट्स में बताया जा रहा है कि भारत को मेलबर्न में अब तक जो भी पिचें अभ्यास के लिए दी गई हैं, उनमें तेज गेंदबाजों के लिए खास मदद नहीं है। इन पिचों पर उछाल काफी कम मिल रहा है और फ्लैट ट्रैक जैसी लग रही हैं। इसी वजह से भारतीय टीम खुश नहीं दिखाई दे रही है। बता दें कि भारत ने एमसीजी में 21 और 22 दिसंबर को अभ्यास किया और इस दौरान रोहित शर्मा को चोट लगने की खबर ने सबसे ज्यादा चर्चा बटोरी।
रविवार को आकाशदीप ने भी पिचों को लेकर बात की थी और कहा था कि मुझे लगता है कि ये विकेट सफेद गेंद वाले क्रिकेट के लिए हैं। उछाल कम था, और बल्लेबाजों के लिए गेंदें छोड़ना मुश्किल था।
वहीं, ऑस्ट्रेलिया ने 23 दिसंबर को अपना अभ्यास सत्र शुरू किया और इस दौरान फ्रेश पिचें दी गईं। इसी वजह से सवाल उठ रहे हैं कि क्या जानबूझकर भारत को धीमी पिचों पर अभ्यास करने के लिए मजबूर किया जा रहा है।
MCG के पिच क्यूरेटर ने इस तरह के आरोपों को बेबुनियाद बताया और कहा कि फ्रेश पिचें मैच के तीन दिन पहले दी जाती हैं। उन्होंने कहा,
"हमें भारतीय टीम का शेड्यूल काफी पहले मिल गया था। लेकिन हम आम तौर पर मैच से तीन दिन पहले मैच-केंद्रित विकेट देते हैं। यह सभी टीमों के लिए लागू है।"