भारतीय महिला टीम (Team India) की नई युवा बल्लेबाज यास्तिका भाटिया (Yastika Bhatia) ने हाल ही में ऑस्ट्रेलिया में तीनों फॉर्मेट में अपना अंतरराष्ट्रीय डेब्यू किया। बड़ौदा की 21 वर्षीय इस खिलाड़ी ने अपने पहले ही विदेशी दौरे में काफी प्रभावित किया और ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ वनडे सीरीज के तीसरे मैच में उन्होंने 64 रनों की बढ़िया पारी खेली एवं टीम की रोमांचक जीत में अहम योगदान दिया।
घरेलू क्रिकेट में बढ़िया प्रदर्शन करने के बाद यास्तिका को भारतीय टीम में मौका मिला था। ऑस्ट्रेलिया दौरे के बाद उन्होंने महिला सीनियर वनडे ट्रॉफी और सीनियर महिला चैलेंजर ट्रॉफी में बेहतरीन प्रदर्शन किया। सीनियर वनडे ट्रॉफी में उन्होंने पांच मैचों में एक शतक और एक अर्धशतक की मदद से 225 रन बनाये, वहीं महिला चैलेंजर ट्रॉफी के फाइनल में उन्होंने इंडिया ए के लिए 86 रनों की जबरदस्त पारी खेली और टीम को खिताबी जीत दिलाई।
यास्तिका से हमने उनके क्रिकेट करियर और बाकी अनुभवों के बारे में बात की, आइये पढ़ते हैं उन्होंने इसको लेकर क्या प्रतिक्रिया दी:
अपने अभी तक के क्रिकेट करियर के बारे में बताइये, कैसे आपने शुरुआत की और किस तरह भारतीय टीम तक का सफर तय किया?
यास्तिका - मैं जब 8 साल की थी, तब मैंने शुरुआत की। पहली बार मेरे पापा मुझे और मेरी बहन को वाईएससी, पोलो ग्राउंड लेकर गए। हम दोनों ने वहीं से बल्लेबाज और तेज गेंदबाज के तौर पर शुरुआत की थी। मैंने फिर धीरे-धीरे विकेटकीपिंग भी स्टार्ट की, क्योंकि बड़ौदा की टीम में विकेटकीपर की कमी थी। इसके बाद मैं विकेटकीपर-बल्लेबाज के तौर पर खेलने लगी।
जब मैं 10 साल की थी तब मैं अपने स्टेट के लिए सेलेक्ट हुई थी और जब 11 की थी तब डेब्यू किया था। जब मैं 13 की थी तब मैंने सीनियर खेला और इसकी बाद धीरे-धीरे सफर शुरू हुआ। इसके बाद कई जोनल कैंप किये और सीनियर में अच्छा प्रदर्शन करने की वजह से मुझे श्रीलंका और बांग्लादेश दौरे के लिए इंडिया ए में जगह मिली। फिर वहीं से आगे बढ़ते हुए मुझे ऑस्ट्रेलिया दौरे पर भारतीय टीम में मौका मिला।
भारत के लिए आपने ऑस्ट्रेलिया में तीनों फॉर्मेट (टेस्ट, वनडे और टी20) में डेब्यू किया। ऑस्ट्रेलिया जैसी जगह पर खेलने का अनुभव कैसा रहा?
यास्तिका - हाँ बहुत अच्छा अनुभव था ऑस्ट्रेलिया में खेलने का। वहां के विकेट थोड़े उछाल वाले रहते हैं और भारत से ज्यादा तेज़ होते हैं, जिसके लिए हमने तैयारी की थी। वहां पर खेलने में काफी मज़ा आ रहा था क्योंकि बैट पर अच्छे से गेंद आ रही थी। वर्ल्ड क्लास ऑस्ट्रेलियाई टीम के खिलाफ रन बनाकर काफी अच्छा लगा और काफी कुछ सीखने को मिला।
महिला सीनियर वनडे ट्रॉफी और चैलेंजर ट्रॉफी में आपका प्रदर्शन काफी शानदार रहा। 2022 वनडे वर्ल्ड कप की टीम में अगर मौका मिला तो उसके लिए किस तरह से तैयारियां करेंगी?
यास्तिका - हाँ प्रदर्शन अच्छा रहा है और आगे भी अच्छा करना है। अगर वर्ल्ड कप की टीम में मौका मिलता है तो न्यूजीलैंड की कंडीशन के लिए तैयारी करनी है। वहां स्विंग थोड़ी ज्यादा होती है, तो उसी तरह का प्रैक्टिस भारत में करना होगा कि कैसे उस तरह की कंडीशन में खेलना है। बल्लेबाज के तौर वहां 'क्लोज टू द बॉडी' खेलना होता है। वहां बल्लेबाजी के लिए भी अच्छे कंडीशन हैं और अगर आप अच्छा खेले तो वहां भी रन बना सकते हैं। साथ ही फिटनेस पर भी काम कर रहे हैं और काफी अच्छा करने का हमारा लक्ष्य रहेगा।
![यास्तिका ने ऑस्ट्रेलिया में अपना अन्तरराष्ट्रीय डेब्यू किया](https://statico.sportskeeda.com/editor/2021/12/a02c4-16395640749872-1920.jpg?w=190 190w, https://statico.sportskeeda.com/editor/2021/12/a02c4-16395640749872-1920.jpg?w=720 720w, https://statico.sportskeeda.com/editor/2021/12/a02c4-16395640749872-1920.jpg?w=640 640w, https://statico.sportskeeda.com/editor/2021/12/a02c4-16395640749872-1920.jpg?w=1045 1045w, https://statico.sportskeeda.com/editor/2021/12/a02c4-16395640749872-1920.jpg?w=1200 1200w, https://statico.sportskeeda.com/editor/2021/12/a02c4-16395640749872-1920.jpg?w=1460 1460w, https://statico.sportskeeda.com/editor/2021/12/a02c4-16395640749872-1920.jpg?w=1600 1600w, https://statico.sportskeeda.com/editor/2021/12/a02c4-16395640749872-1920.jpg 1920w)
आपने मिताली राज और हरमनप्रीत कौर, दोनों की कप्तानी में खेला। दोनों के बारे में आपके क्या विचार हैं?
यास्तिका - जी अभी तो मैं काफी नई हूँ इस सर्किट में और काफी कम मैच खेले हैं। दोनों की कप्तानी में काफी मज़ा आया और दोनों (हरमन और मिताली दीदी) काफी अच्छे तरह से मदद करती हैं। आशा करती हूँ कि आगे भी हम इंडिया के लिए साथ-साथ खेलें।
घरेलू क्रिकेट और भारतीय क्रिकेट टीम के लिए खेलने में कितना अंतर है?
यास्तिका - घरेलू क्रिकेट और भारतीय क्रिकेट टीम के लिए खेलने में काफी अंतर है। जब हम घरेलू खेलते हैं तो हमें उस तरह की सुविधाएं नहीं मिलती। भारत के लिए खेलने पर हमें कोच और स्पोर्ट स्टाफ का अच्छा साथ मिलता है। इसके अलावा फिजियो और ट्रेनर भी आपके प्रदर्शन के लिए अपना-अपना योगदान देते हैं। काफी अच्छा माहौल मिलता है और क्रिकेट का स्तर भी काफी अच्छा रहता है। इसी वजह से भारतीय टीम के लिए खेलने में काफी मज़ा आता है।
महिला बिग बैश लीग और द हंड्रेड जैसे टूर्नामेंट की तरह अगर महिला आईपीएल भी शुरू हो जाए, तो इससे युवा खिलाड़ियों को किस तरह से फायदा मिलेगा?
यास्तिका - जैसा आपने देखा कि चैलेंजर ट्रॉफी में चार टीमें थी और उसमें काफी युवा खिलाड़ियों को मौका मिला। बीसीसीआई भी महिला क्रिकेट को काफी मदद कर रही है। जल्द ही लगता है कि महिला आईपीएल भी शुरू होगा और इससे युवा खिलाड़ियों को काफी मदद मिलेगी। अगर आईपीएल शुरू होगा तो इससे महिला क्रिकेट को भी बहुत ज्यादा फायदा होगा।