भारतीय टीम के इंग्लैंड में खेले गए टेस्ट मैचों की जीत पर एक नजर

टीम इंडिया ने हाल में ही हुई ट्रेंट ब्रिज टेस्ट जीत लिया है। ये इंग्लैंड की धरती पर भारत की 7वीं टेस्ट जीत है। इंग्लैंड की धरती टीम इंडिया के लिए पसंदीदा जगह नहीं रही है क्योंकि भारत ने यहां 7 टेस्ट मैच जीता और जबकि 32 बार उसे हार का सामना करना पड़ा है। भारत ने सिर्फ़ 3 बार इंग्लैंड में सीरीज़ जीतने में कामयाबी हासिल की है। 1971, 1986 और 2007 में भारत ने इंग्लैंड में टेस्ट सीरीज़ जीती थी। हम यहां टीम इंडिया के साल 2018 से पहले इंग्लैंड की धरती पर जीते गए सभी 6 टेस्ट मैच को लेकर चर्चा कर रहे हैं। 1971- केनिंग्टन ओवल, लंदन भारत ने साल 1971 में पहली बार इंग्लैंड में टेस्ट मैच जीता था, उस वक़्त अजीत वाडेकर टीम इंडिया के कप्तान थे। इंग्लैंड ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाज़ी करते हुए 355 रन का स्कोर खड़ा किया। इसके जवाब में मेहमान टीम इंडिया 284 रन पर सिमट गई, और इस तरह इंग्लैंड को 71 रन की बढ़त हासिल हुई। दूसरी पारी में इंग्लैंड 101 रन पर ही सिमट गई, भारत के भागवत चंद्रशेखर ने इंग्लैंड के 6 बल्लेबाज़ों को पवेलियन वापस भेजा था। भारत ने ये टेस्ट 4 विकेट से जीत लिया था। चूंकि इस टेस्ट सीरीज़ के पहले 2 मैच ड्रॉ रहे, इसलिए टीम इंडिया सीरीज़ पर 1-0 से कब्ज़ा जमाने में कामयाब रही।1986- लॉर्ड्स, लंदन टीम इंडिया साल 1986 में 3 मैचों की टेस्ट सीरीज़ खेलने इंग्लैंड गई थी। टॉस जीतने के बाद भारत ने पहले गेंदबाज़ी का फ़ैसला किया। इंग्लिश टीम ने ग्राहम गूच के शतक की बदौलत पहली पारी में 294 रन का स्कोर बना लिया। भारत के चेतन शर्मा ने 5 विकेट हासिल किए थे। इसके जवाब में भारत के दिलीप वेंगसरकर ने शानदार शतक बनाया और अपनी टीम को 47 रन की बढ़त दिला दी। फिर भारत के कप्तान कपिल देव ने 4 विकेट लिए और इंग्लैंड टीम को 180 रन पर समेट दिया। भारत ने जीत के लक्ष्य को 5 विकेट रहते हासिल कर लिया। भारत ने इस सीरीज़ में 1-0 की बढ़त हासिल कर ली।1986- लीड्स, हेडिंग्ले इस टेस्ट मैच में भारत के कप्तान कपिल ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाज़ी का फ़ैसला किया और पहली पारी में 279 रन का स्कोर बनाया। इसके बाद भारत के रॉजर बिन्नी ने 5 विकेट लेते हुए इंग्लिश टीम को पहली पारी में 102 रन पर समेट दिया। दिलीप वेंगसरकर ने एक बार फिर इंग्लैंड में शतक लगाया और भारत के स्कोर को 237 रन पर पहुंचा दिया। इंग्लैंड की टीम चौथी पारी में महज़ 128 रन ही बना पाई और इस तरह टीम इंडिया ने ये टेस्ट मैच 279 रन से जीत लिया। भारत को इस सीरीज़ में 2-0 से बढ़त हासिल हुई। इस सीरीज़ का आख़िरी टेस्ट मैच ड्रॉ रहा और भारत ने इंग्लैंड में दूसरी बार टेस्ट सीरीज़ पर कब्ज़ा जमाया।2002- ट्रेंट ब्रिज, नॉटिंघम सौरव गांगुली की अगुवाई में टीम इंडिया साल 2002 में इंग्लैंड के दौरे पर गई थी। सौरव गांगुली ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाज़ी का फ़ैसला करते हुए सभी को चौंका दिया। दरअसल ये पिच बॉलिंग के लिए मुफ़ीद लग रही थी ऐसे में पहले बल्लेबाज़ी करना घातक हो सकता था। पहली पारी में राहुल द्रविड़, सचिन तेंदुलकर और सौरव गांगुली ने शतक लगाया। भारत ने अपनी पारी 628-8 पर घोषित कर दी। इसके बाद भारत ने इंग्लैंड को 273 रन पर समेट दिया और मेज़बान को फ़ॉलोऑन खेलने पर मजबूर किया। दूसरी पारी में इंग्लिश टीम 309 रन ही बना सकी और भारत ने ये मैच पारी और 46 रन से जीत लिया।2007- ट्रेंट ब्रिज, नॉटिंघम इस मैच में कप्तान राहुल द्रविड़ ने टॉस जीतकर पहले गेंदबाज़ी का फ़ैसला किया और इंग्लैंड को पहली पारी में 198 रन पर ऑल आउट कर दिया। भारत ने बल्लेबाज़ी करते हुए पहली पारी में 481 रन बनाए। दूसरी पारी में इंग्लैंड की टीम ने 355 रन बनाए और भारत को एक आसान लक्ष्य दिया। भारत ने ये मैच 7 विकेट से जीत लिया था। इस टेस्ट सीरीज़ का पहला और तीसरा मैच ड्रॉ रहा था। यही वजह रही कि भारत ने इस टेस्ट सीरीज़ पर 1-0 से कब्ज़ा जमाया।2014- लॉर्ड्स, लंदन साल 2014 में टीम इंडिया 5 टेस्ट मैचों की सीरीज़ खेलने इंग्लैंड के दौरे पर गई थी। लॉर्ड्स के मैदान में पहले बल्लेबाज़ी करते हुए भारत ने 295 रन का स्कोर खड़ा किया। इसके जवाब में इंग्लैंड ने 319 रन बनाए। दूसरी पारी में भारत ने 342 रन का स्कोर बनाया। जिसके बाद इशांत शर्मा ने ज़बरदस्त गेंदबाज़ी की और इंग्लैंड के 7 खिलाड़ियों को पवेलियन वापस भेज दिया। इस शानदार बल्लेबाज़ी की बदौलत इंग्लिश टीम 223 रन पर सिमट गई और भारत ने ये मैच 95 रन से जीत लिया। लेखक – मीत संपत अनुवादक – शारिक़ुल होदा