अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट परिषद यानि आईसीसी ने टी20 अंतर्राष्ट्रीय मैचों के प्लेइंग कंडीशंस में दो अहम बदलाव किए हैं। स्लो ओवर रेट और ड्रिंक्स ब्रेक को लेकर नया नियम लागू किया गया है। अगर कोई टीम स्लो ओवर रेट डालती है तो फिर उसके फील्डर घटा लिए जाएंगे।
इस महीने से ही टी20 मैचों में स्लो ओवर रेट के लिए बड़ी सजा टीमों को मिलेगी। अगर कोई टीम तय समय के अंदर अपने पूरे ओवर नहीं कर पाती है तो उसके बाद से उस टीम से एक फील्डर को 30 यार्ड सर्कल के बाहर कम कर दिया जाएगा।
इससे पहले स्लो ओवर रेट को लेकर टीमों पर बैन या जुर्माना लगता था। हालांकि इसकी काफी आलोचना होती थी क्योंकि प्लेयर्स के ऊपर जुर्माने का कोई असर ही नहीं पड़ता था और वो बार-बार यही गलतियां करते थे। नया नियम इंग्लैंड के 100 गेंदों वाले टूर्नामेंट द हंड्रेड से प्रभावित है और उसी हिसाब से ये नियम लागू किया गया है।
आईसीसी ने एक अधिकारिक बयान जारी कर कहा, "नियमों में इस बदलाव की सिफारिश आईसीसी क्रिकेट कमेटी ने की थी, जिनका काम हर एक फॉर्मेट में खेल के स्तर में सुधार करना है। ईसीबी ने द हंड्रेड के लिए जो नियम बनाए थे उसके आधार पर ही अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में इन नए नियमों को लागू किया गया है।"
स्लो ओवर रेट पर कम किए जाएंगे फील्डर
टी20 क्रिकेट में पावरप्ले के बाद टीमें 30 गज के बाहर पांच फील्डर्स को रख सकती हैं लेकिन अगर कोई टीम तय समय के भीतर अपने ओवर पूरे नहीं कर पाती है तो फिर वो चार ही फील्डर 30 गज के बाहर रख पाएगी।
वहीं दूसरे बदलाव की अगर बात करें तो आईसीसी ने ऑप्शनल ड्रिंक्स ब्रेक का नियम अब लागू किया है। हर पारी के 10 ओवर के बाद इस ड्रिंक्स ब्रेक को लिया जा सकता है। ये ड्रिंक ब्रेक ढाई मिनट का होगा।
वेस्टइंडीज और आयरलैंड के बीच 16 जनवरी को होने वाले टी20 मुकाबले के साथ ही ये नियम पूरी तरह से लागू हो जाएंगे।