क्रिकेट के खेल में इंग्लैंड में जाकर इंग्लैंड की टीम को हरा देना आसान काम नहीं है। वहीं टेस्ट क्रिकेट में तो यह काफी मुश्किल भरा काम हो जाता है। इतिहास पर अगर गौर किया जाए तो ऐसे बहुत से कम ही मौके देखने को मिलेंगे, जब किसी टीम ने इंग्लैंड को उसी के घर में धूल चटा दी हो। वहीं इस जीत को सालों तक बरकरार रखना काफी मुश्किल रहता है लेकिन ऐसी टीमें भी मौजूद हैं जिन्होंने सालों तक इंग्लैंड में अपनी टेस्ट जीत के रिकॉर्ड को बरकरार रखा। आइए यहां जानते हैं उन टीमों के बारे में जो एक सफल इंग्लैंड दौरे को अंजाम दे चुकी है। नोट: दो असफल टूर के बीच की अवधि को एक सफल टूर के तौर पर मानदंड माना गया है।
वेस्टइंडीज़- 1969 से 2000, 31 साल
31 साल तक किसी दूसरे देश में सीरीज न हारना किसी आश्चर्य से कम नहीं लगता है लेकिन वेस्टइंडीज की टीम ने यह कारनामा बखूबी किया है। 1963 और 1966 में इंग्लैंड को हराकर 1969 में गैरी सोबर्स की अगुआई वाली टीम एक और सफल टेस्ट सीरीज की उम्मीद में थी लेकिन इंग्लैंड ने आश्चर्यजनक रूप से 2-0 के अंतर से उसमें जीत हासिल की। हालांकि इसके बाद वेस्टइंडीज की टीम 31 सालों तक इंग्लैंड में सफलता की ओर अग्रसर रही और 31 सालों तक यह रिकॉर्ड जारी रखा। इसके अतिरिक्त 1969-1991 से विंडीज ने इंग्लैंड में एक भी टेस्ट मैच नहीं हारा। आखिरकार साल 2000 में वेस्टइंडिया का जीत का सिलसिला टूट गया। साल 2000 में विस्डन ट्रॉफी में वेस्ट इंडीज की टीम को हार का सामना करना पड़ा। इस दौरान इंग्लैंड की टीम के खिलाफ वेस्टइंडीज ने 34 मुकाबले खेले। इनमें से वेस्टइंडीज ने 19 टेस्ट मैच में जीत दर्ज की तो वहीं चार टेस्ट मैचों में वेस्टइंडीज को हार का सामना करना पड़ा। इसके अलावा दोनों टीमों के बीच 11 मैच ड्रॉ खेले गए।
ऑस्ट्रेलिया- 1926 से 1953, 27 साल
इंग्लैंड में ऑस्ट्रेलिया कई बार अपनी जीत की कहानी लिख चुकी है। इसके बाद एक लंबे समय तक ऑस्ट्रेलिया अपनी जीत को बरकरार रखने में भी कामयाब रही है। इसी क्रम में सबसे पहले ऑस्ट्रेलिया का इंग्लैंड में शानदार खेल 1926 से 1953 के बीच देखने को मिला था। यह दौर सर डॉन ब्रेडमैन का था। डॉन ब्रेडमैन अपने खेल के कारण क्रिकेट जगत में महान बन चुके थे। 1930 के इंग्लैंड टूर में ब्रेडमैन ने 974 रन स्कोर कर डाले थे। इंग्लैंड ने 1926 से 1953 तक 27 साल तक इंग्लैड में अपनी सफलता जारी रखी। इस दौरान ऑस्ट्रेलिया ने 19 टेस्ट मुकाबले खेले। इनमें से ऑस्ट्रेलिया ने नौ टेस्ट मैचों में जीत का परचम लहराया तो तीन टेस्ट मैचों में ऑस्ट्रेलिया को हार का मुंह देखना पड़ा। इसके अलावा दोनों टीमों के बीत सात टेस्ट मैच ड्रॉ खेले गए।
पाकिस्तान- 1982 से 2006, 24 साल
इंग्लैंड के खिलाफ पाकिस्तान भी अपना शानदार दौर बना चुकी है। पाकिस्तान ने भी काफी लंबे समय तक इंग्लैंड में अपनी सफलता को बरकरार रखा। 1982 में सीरीज हारने के बाद 1987 में इमरान के ऑलराउंडर प्रदर्शन के बाद से पाकिस्तान की जीत का सिलसिला शुरू हुआ। इसके बाद पाकिस्तान की टीम 19 सालों तक अपराजेय रही। इस दौरान पाकिस्तान को वसीम, वकार, अकीब जावेद और बाद में शोएब अख्तर के अलावा स्पिन गेंदबाजी में अब्दुल कादिर, मुश्ताक अहमद, सकलैन मुश्ताक जैसे खिलाड़ियों का जीत में साथ नसीब हुआ। 27 सालों तक पाकिस्तान ने अपनी जीत का सिलसिला जारी रखा। 1982 और 2006 के बीच पाकिस्तान ने इंग्लैंड के खिलाफ 15 टेस्ट मैच खेल। इनमें से पाकिस्तान ने इंग्लैंड के खिलाफ 6 टेस्ट मैचों में जीत हासिल की तो वहीं दो मैचों में पाकिस्तान को हार का सामना करना पड़ा। इसके अलावा दोनों टीमों के बीच सात मैच ड्रॉ खेले गए।
ऑस्ट्रेलिया- 1956 से 1977, 21 साल
क्रिकेट की दुनिया की ताकतवर टीमों में से एक ऑस्ट्रेलिया ने भी इंग्लैंड के खिलाफ अपना जलवा बरकरार रखा। 50 के दशक में एक बार फिर ऑस्ट्रेलिया का इंग्लैंड के खिलाफ इंग्लैंड में जीत का कारवां शुरू हुआ जो कि 21 सालों तक चलता रहा। 1961 में ऑस्ट्रेलिया ने इंग्लैंड के खिलाफ 2-1 से सीरीज में जीत हासिल की। इसके बाद से ही इंग्लैंड में ऑस्ट्रेलिया 1970-71 तक बिना हारे अपना खेल आगे बढ़ाती रही। हालांकि 1972 में इंग्लैंड के खिलाफ एशेज में सीरीज ड्रॉ भी रही। 1956 से 1977 के बीत ऑस्ट्रेलिया ने 24 टेस्ट मुकाबले खेले। इनमें से ऑस्ट्रेलिया टीम को सात मुकाबले में जीत नसीब हुई तो चार टेस्ट मैचों में ऑस्ट्रेलिया को हार मिली। इसके साथ ही दोनों टीमों के बीच 13 मुकाबले ड्रॉ खेले गए।
ऑस्ट्रेलिया-1985 से 2005, 20 साल
ऑस्ट्रेलिया का इंग्लैंड के खिलाफ रिकॉर्ड काफी शानदार हैं। इंग्लैंड के खिलाफ हर मोर्चे पर ऑस्ट्रेलिया अपना 100 फीसदी देने के लिए मैदान पर उतरती है। इसके चलते ही ऑस्ट्रेलिया का इंग्लैंड को उसी के घर में मात देने का रिकॉर्ड भी काफी दमदार है। 1985 से 2005 के बीच ऑस्ट्रेलिया ने इंग्लैंड में एक बार फिर शानदार प्रदर्शन करते हुए जीत की कहानी लिखी और 20 सालों तक यह दौर चलता रहा। इस दौरान टीम में मार्क टेलर, स्टीव वॉ और रिकी पोंटिंग जैसे कुछ शानदार खिलाड़ी देखने को मिले। इन खिलाड़ियों के बेहतरीन खेल के चलते टीम की जीत सुनिश्चित ही मानी जाती थी। 1985 से 2005 के दौरान ऑस्ट्रेलिया ने 23 टेस्ट मुकाबले खेले। इनमें से टीम को 15 मैचों में जीत हासिल हुई तो चार मैचों में ऑस्ट्रेलियाई टीम को हार का सामना भी करना पड़ा। इसके अलावा दोनों टीमों के बीच चार टेस्ट मैच ड्रॉ रहे। लेखक: मंगिरिजा69 अनुवादक हिमांशु कोठारी