उन तकनीक पर एक नज़र जिसने क्रिकेट को काफ़ी बदल दिया है

स्निको (स्निकोमीटर) और हॉटस्पॉट

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स्निकोमीटर एक तरह का संवेदनशील माइक्रोफ़ोन होता है जिससे ध्वनि में बदलाव का पदला चलता है। इससे ये जानकारी मिलती है कि गेंद बल्ले, पैड या शरीर से लगी है या नहीं। इस तकनीक से तीसरे अंपयार को ये पता लगाने में मदद मिली है कि बल्लेबाज़ कैच आउट या एलबीडब्ल्यू का शिकार हुआ है या नहीं। डीआरएस में इस तकनीक का ख़ूब इस्तेमाल किया जाता है। एक एख इंफ्रारेड तकनीक है जिससे इस तरह की तस्वीर निकाली जाती है और पता लगाया जाता है कि गेंद किनारों को छू कर निकली है या नहीं। ये एक ज़रूरी मगर बेहद महंगी तकनीक है। कई बात स्निको तकनीक काम नहीं करती जब बल्लेबाज़ के आस-पास शोर काफ़ी ज़्यादा होता है।

Edited by Staff Editor
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