उन तकनीक पर एक नज़र जिसने क्रिकेट को काफ़ी बदल दिया है

कुछ अन्य तकनीक

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सुपर स्लो-मो: ये ज़्यादा कुछ नहीं बस एक आधुनिक कैमरा है जो किसी भी वीडियो को स्लो मोशन में रिकॉर्ड कर सकता है। ये इस बात का पता लगाने में मदद करता है कि कोई भी घटना किस प्रकार से घटी है। कुछ चीज़ों की सही जानकारी स्लो मोशन में ही मिलती है। मिसाल के तौर पर दक्षिण अफ़्रीका और ऑस्ट्रेलिया के बीच हाल में हुए टेस्ट मैच में बॉल टैंपरिंग की घटना की बात कर लें। इस मैच में कंगारू टीम के कैमरन बैनक्राफ़्ट गेंद को घिसने के लिए सैंड पेपर का इस्तेमाल करते हुए पकड़े गए। कैमरे में ये साफ़ दिख रहा था कि वो किस तरह सैंडपेपर को पॉकेट और अपने पैजामे में में वापस रख रहे थे। बॉलिंग मशीन: ये एक ऐसी मशीन होती है जो किसी भी तरह के गेंद को एक निश्चित गति से फेंक सकती है। इससे किसी भी बल्लेबाज़ को प्रैक्टिस करने में मदद मिलती है। ये मशीन गेंद को किसी भी तरह से फेंक सकता है। बॉल आरपीएम: इस तकनीक का इस्तेमाल ये पता लगाने के लिए किया जाता है कि कोई गेंद कितनी बार घूमी है। इसका इस्तेमाल अकसर स्पिन गेंदबाज़ी में किया जाता है जिससे सटीक जानकारी मिल सके। लेखक- साहिल जैन अनुवादक- शारिक़ुल होदा

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