टेस्ट क्रिकेट में अभी तक बल्लेबाजों ने कई बार लम्बी और बेहतरीन साझेदारियां निभाई हैं। टेस्ट में अभी तक 15 बार बल्लेबाजों ने 400 या उससे ज्यादा रनों की साझेदारी निभाई है, जिसमें पांच बार आंकड़ा 450 और दो बार आंकड़ा 500 के पार भी पहुंचा है। टेस्ट क्रिकेट की सबसे बड़ी साझेदारी का रिकॉर्ड महेला जयवर्धने और कुमार संगकारा के नाम है, जिन्होंने 2006 में तीसरे विकेट के लिए 624 रनों की मैराथन साझेदारी निभाई थी।
टेस्ट क्रिकेट में भारत की तरफ से भी 400 से ऊपर की साझेदारी दो बार निभाई गई है। गौरतलब है कि यह दोनों साझेदारी भारत की तरफ से पहले विकेट के लिए ही निभाई गई। भारत के अलावा श्रीलंका की तरफ से चार, ऑस्ट्रेलिया की तरफ से तीन, दक्षिण अफ्रीका की तरफ से दो और न्यूजीलैंड, पाकिस्तान, वेस्टइंडीज एवं इंग्लैंड की तरफ से एक-एक बार 400 रनों की साझेदारी निभाई गई है।
आइये नजर डालते हैं टेस्ट क्रिकेट की पांच सबसे बड़ी साझेदारी पर:
बिल पोंसफोर्ड और डॉन ब्रैडमैन (451, दूसरा विकेट vs इंग्लैंड, 1934)
1934 में इंग्लैंड के खिलाफ ओवल टेस्ट में ऑस्ट्रेलिया के बिल पोंसफोर्ड और डॉन ब्रैडमैन ने दूसरे विकेट के लिए 451 रनों की साझेदारी निभाई थी। यह टेस्ट क्रिकेट में किसी भी विकेट के लिए 400 रनों की पहली साझेदारी थी।
ऑस्ट्रेलिया ने पहली पारी में बिल पोंसफोर्ड के 266 और डॉन ब्रैडमैन के 244 रनों की मदद से 701 रन बनाये, जिसके जवाब में इंग्लैंड ने 321 रन बनाये। दूसरी पारी में ऑस्ट्रेलिया ने 327 रन बनाये और इंग्लैंड को जीत के लिए 708 रनों का लक्ष्य दिया, जिसके जवाब में मेजबान टीम सिर्फ 145 रन बनाकर ऑल आउट हो गई और ऑस्ट्रेलिया ने 562 रनों से मैच जीता था।
जावेद मियांदाद और मुदस्सर नज़र (451, तीसरा विकेट vs भारत, 1983)
1983 में भारत के खिलाफ हैदराबाद टेस्ट में पाकिस्तान की तरफ से जावेद मियांदाद और मुदस्सर नज़र ने तीसरे विकेट के लिए 451 रनों की साझेदारी निभाई थी। जावेद मियांदाद ने नाबाद 280 और मुदस्सर नज़र ने 231 रनों की पारी खेली थी।
पाकिस्तान ने एकमात्र पारी में 581/3 का स्कोर बनाया, जिसके जवाब में भारतीय टीम 189 और 273 रन ही बना सकी और मेजबानों ने एक पारी और 119 रनों के विशाल अंतर से मैच जीता था।
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