भारतीय टीम के कप्तान विराट कोहली ने हाल ही में हुए डीडीसीए के एक इवेंट के दौरान कहा था कि युवा खिलाड़ियों को क्रिकेट के बड़े प्रारूप 'टेस्ट क्रिकेट' की तरफ ज्यादा ध्यान रखना चाहिए, क्योंकि किसी भी ख़िलाड़ी की काबिलियत का टेस्ट हमेशा टेस्ट फॉर्मेट से ही पता चलता है। हाल ही में उन्होंने फिर से टेस्ट क्रिकेट के प्रति अपने प्यार को सबके साथ साझा किया है। श्रीलंका के खिलाफ दिल्ली टेस्ट में अपने करियर का 6ठा दोहरा शतक जड़ने के बाद विराट ने कहा कि टेस्ट क्रिकेट में उन्हें अपनी जिम्मेदारियों की काबिलियत का ज्यादा पता चलता है और इस फॉर्मेट से वह अपनी जिम्मेदारियों से ज्यादा संतुष्ठ नजर आते हैं। भारतीय क्रिकेट बोर्ड की निजी वेबसाईट पर भारत के टेस्ट स्पेशलिस्ट बल्लेबाज चेतेश्वर से बातचीत करते हुए कोहली ने टेस्ट क्रिकेट को लेकर कहा कि इस खेल में टेस्ट फॉर्मेट मुझे ज्यादा पसंद है। हमें इस फॉर्मेट को सबसे ज्यादा इसलिए महत्वपूर्ण मानना चाहिए क्योंकि बल्लेबाज और गेंदबाज के पास मैच में ज्यादा से ज्यादा अपने आप को बेहतरीन दिखाने का मौके होते है। खासतौर पर जब परिस्थिति खिलाड़ियों के विपरीत हो, जैसे इंग्लैंड, दक्षिण अफ्रीका और ऑस्ट्रेलिया में आपको परिस्थितियों के विपरीत जाकर खेलना होता है। इसलिए टेस्ट क्रिकेट में अपनी जिम्मेदारियां निभाने से मैं ज्यादा संतुष्ठ रहता हूँ। कप्तान विराट कोहली ने टेस्ट क्रिकेट के अलावा एकदिवसीय और टी20 प्रारूप को लेकर भी कहा कि वनडे और टी20 में खेलना भी एक अलग एहसास है। इन फॉर्मेट में स्टेडियम खचाखच भरे होते हैं और आप जब कोई करीबी मुकाबला जीतते हैं, तो वह आपके लिए सबसे शानदार पल होता है। इसलिए वनडे और टी20 फॉर्मेट का अपना ही अलग मजा है। दिल्ली में चल रहे टेस्ट मैच के दौरान विराट कोहली और चेतेश्वर पुजारा एक दूसरे से टेस्ट क्रिकेट को लेकर बात करते नजर आयें। विराट कोहली ने श्रीलंका के खिलाफ दिल्ली में अपने अंतरराष्ट्रीय करियर का 6ठा दोहरा शतक लगाया और ब्रायन लारा के एक कप्तान के रूप में सबसे ज्यादा दोहरे शतक का रिकॉर्ड तोड़ दिया।