सुरेश रैना को अंडर-19 विश्वकप में अपने शानदार प्रदर्शन के आधार पर मात्र 19 साल की उम्र में ही भारत के लिए खेलने का मौका मिल गया। बाएं हाथ का यह बल्लेबाज अपनी आक्रामक बल्लेबाजी के साथ ही साथ विश्व के सबसे अच्छे फील्डरों में गिना जाता है। शॉर्ट गेंदों को खेलने में नाकाम होने की वजह से रैना का टेस्ट करियर ज्यादा लम्बा नहीं चल सका पर सीमित ओवरों के खेल में आज भी उनका बोलबाला है। कुछ साल पहले तक रैना सीमित ओवर के मैचों में भारत के सबसे महत्वपूर्ण बल्लेबाज थे जो बड़े शॉर्ट खेलने के साथ ही विकेटों के बीच भी काफी तेजी से रन चुराता थे। इसी दौरान जिम्बाब्वे दौरे पर रैना को भारतीय टीम की कप्तानी भी मिली। अपने एकदिवसीय करियर में रैना ने 36 अर्द्धशतकों की मदद से 5000 से ज्यादा रन बनाये हैं वहीं उन्होंने अपने पहले ही टेस्ट में शतक भी बनाया था। भारत की तरफ से टी-20 में शतक बनाने वाले पहले बल्लेबाज भी सुरेश रैना ही हैं।