गुजरात के प्रतिभाशाली बल्लेबाज नारी कॉन्ट्रैक्टर का करियर चोट की वजह से उस समय समाप्त हो गया जब वह सबसे करियर के अच्छे दौर से गुजर थे। एक बाउंसर सीधे उनके सिर पर लगी जिसके बाद उन्हें कई ऑपरेशन कराने पड़े। इसके बाद उन्होंने दोबारा अन्तर्राष्ट्रीय मैचों में हिस्सा नहीं लिया। उस घटना से पहले कॉन्ट्रैक्टर ने 31 टेस्ट में 31.58 की औसत से 1611 रन बनाये थे, लेकिन सबसे बड़ी बात ये थी कि उन्होंने ये रन उस मौके पर बनाये जब टीम की उनको सबसे ज्यादा जरूरत थी। 1959 में इंग्लैंड के खिलाफ पसली टूटने से पहले कॉन्ट्रैक्टर ने 81 रन बनाये थे और भारतीय टीम का कुल स्कोर 168 रन था। कॉन्ट्रैक्टर ने अपने करियर में मात्र एक शतक बनाया वो भी उस समय की सबसे अच्छी टीम ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ। उन्हें कुछ समय के लिए भारतीय टीम की कप्तानी भी मिली लेकिन चोट की वजह से उनके करियर पर पूर्ण विराम लग गया।