वनडे इतिहास की 5 पारियों जिनमें एमएस धोनी ने टीम इंडिया को संकट से उबारा

एमएस धोनी कप्तान के रूप में तीन आईसीसी टूर्नामेंट जीतने वाले एकमात्र कप्तान हैं। उन्होंने टीम इंडिया को 2007 में आईसीसी टी 20 विश्व कप, 2011 में विश्व कप और 2013 में चैंपियंस ट्रॉफी जिताई है। वह भारत के सफलतम कप्तान रहे हैं। दुनिया के बेहतरीन विकेटकीपर होने के साथ-साथ वह एक ज़बरदस्त बल्लेबाज़ भी हैं। उन्होंने वनडे में लगभग 10000 रन बनाए हैं। 300 एकदिवसीय मैचों में 50 से ऊपर का उनका औसत बहुत शानदार है। निचले मध्य-क्रम में खेलने वाले धोनी ने नंबर 5 और नंबर 6 पर बल्लेबाजी करते हुए कई मैच जिताऊ पारियां खेली हैं। धोनी टीम इंडिया के बेहतरीन फ़िनिशर हैं और उनमें दवाब में अच्छा प्रदर्शन करने की अदभुत क्षमता है। तो आइए धोनी की 5 ऐसी पारियों पर एक नज़र डालें जहां उन्होंने टीम इंडिया को संकट से उबारा है:

2017 में धर्मशाला में श्रीलंका के खिलाफ 65 रन

भारत धर्मशाला में तीन मैचों की वनडे सीरीज़ का पहला मैच श्रीलंका के खिलाफ खेल रहा था। पिच पर थोड़ी घास होने की वजह से यह पिच गेंदबाज़ों के लिए मददगार साबित हुई। इस मैच में श्रीलंका ने टॉस जीत कर पहले गेंदबाजी करने का फैसला किया। भारत की शुरुआत बहुत खराब रही और टीम के तीन विकेट सिर्फ 11 रनों पर गिर गए। एक समय में भारत का स्कोर 7 विकेटों पर 29 रन हो गया था और टीम इंडिया पर सबसे कम स्कोर पर आल-आउट होना का खतरा मंडरा रहा था। निचले क्रम पर बल्लेबाज़ी करने आये धोनी ने पारी को संभालते हुए भारत को सम्मानजनक स्कोर तक पहुंचाया। धोनी ने 87 गेंदों पर 65 रन बनाए, वहीं भारतीय टीम का कोई भी बल्लेबाज़ 20 रनों को पार नहीं कर पाया और धोनी के अर्धशतक की बदौलत भारत को 112 रनों तक पहुंचने में मदद मिली।

2013 में मोहाली वनडे में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ धोनी के नाबाद 139 रन

ऑस्ट्रेलिया 7 मैचों की एकदिवसीय श्रृंखला के लिए भारत दौरे पर था। दो मैचों के बाद श्रृंखला 1-1 से बराबर थी और दोनों टीमें मोहाली में होने वाले तीसरे वनडे में हर हाल में जीतना चाहती थीं तांकि वनडे श्रृंखला में बढ़त बना सकें। ऑस्ट्रेलिया ने टॉस जीतकर भारत को पहले बल्लेबाजी के लिए बुलाया। लेकिन भारतीय टीम की शुरुआत अच्छी नहीं रही और भारत ने जल्दी ही 4 विकेट गंवा दिए। 13 ओवरों में भारत का स्कोर 4 विकेट के नुक्सान पर 76 रन था। कोहली (68) और जडेजा (2) भी कुछ खास नहीं कर पाए और एक समय पर भारत का स्कोर 154-6 हो गया था और 250 स्कोर के आंकड़े को छूना बहुत मुश्किल लग रहा था। लेकिन कप्तान धोनी ने कप्तानी पारी खेलते हुए अश्विन (28) और भुवी (10) के साथ मिलकर टीम के स्कोर को 300 के पार पहुंचाया और भारत ने निर्धारित 50 ओवरों में 303 रन बनाए। धोनी 12 चौकों और 5 छक्के की मदद से शानदार नाबाद 139 रन बनाए। हालाँकि गेंदबाज़ इस स्कोर का बचाव नहीं कर सके और भारत यह मैच हार गया था।

2017 में चेन्नई वनडे में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 79 रन

यह एक नई सीरीज़ थी और ऑस्ट्रेलिया ने 5 मैचों की वनडे श्रृंखला के लिए भारत का दौरा किया था। चेन्नई में खेले गए पहले वनडे में भारत ने टॉस जीत कर पहले बल्लेबाज़ी करने का विकल्प चुना। भारत की शुरुआत बेहद खराब रही और ऑस्ट्रेलियाई तेज गेंदबाजों ने सिर्फ 87 रनों पर लगभग आधी टीम को पवेलियन वापिस भेज दिया। ऐसा लग रहा था जैसे टीम इंडिया 200 रन भी नहीं बना पायेगी। यही वह समय था जब धोनी ने हार्दिक पांड्या के साथ मिलकर टीम को संकट से उबारा। हार्दिक ने कुछ बड़े शॉट खेले और एमएस ने धीरे-धीरे अपनी पारी को आगे बढ़ाया। हार्दिक ने 66 गेंदों पर धमाकेदार 83 रन बनाए तो वहीं धोनी ने संजीदगी के साथ खेलते हुए 79 रनों की बेहद अहम पारी खेली और भारत को निर्धारित 50 ओवरों में 281 के अच्छे स्कोर तक पहुंचाया। वर्षा से बाधित यह मैच भारत ने डकवर्थ लुइस नियम के आधार पर 26 रनों से जीता था।

2012 के चेन्नई वनडे में पाकिस्तान के खिलाफ नाबाद 113 रन

2012 में पाकिस्तान के भारत दौरे में पहला वनडे चेन्नई में खेला गया था। पिच पर घास दिख रही थी इसलिए पाकिस्तान ने टॉस जीतकर पहले गेंदबाजी करने में कोई हिचकिचाहट नहीं दिखाई क्योंकि पिच गेंदबाजों के लिए माकूल थी। भारत की शुरुआत अच्छी नहीं रही और उनके 5 विकेट सिर्फ 29 रनों पर गिर गए। टीम इंडिया पर सबसे कम स्कोर पर आउट होने का खतरा मंडरा रहा था और पाकिस्तान 100 रनों से पहले ही भारतीय टीम को पवेलियन वापिस भेजना चाहता था। लेकिन रैना और धोनी ने 73 रनों की साझेदारी की और भारत को 100 रनों के पार पहुंचाया। फिर भी, एक समय पर भारत का स्कोर 6 विकेट के नुकसान पर 102 हो गया था। लेकिन धोनी ने अश्विन के साथ मिलकर सूझ-बूझ से खेलते हुए निर्धारित 50 ओवरों में भारत को 227 के स्कोर तक पहुंचाया। धोनी 125 गेंदों पर 113 रन बनाकर नाबाद रहे और उन्होंने अपनी पारी में 7 चौके और 3 छक्के लगाए। हालांकि भारत के गेंदबाजों ने कड़ी मेहनत की लेकिन भारत ने अंतिम ओवर में मैच गंवा दिया। लेकिन धोनी की वो पारी उनकी सबसे यादगार पारियों में से एक बन गयी।

2015 के इंदौर वनडे में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ नाबाद 92 रन

2015 में दक्षिण अफ्रीका ने क्रिकेट के तीनों प्रारूपों में एक सीरीज़ के लिए भारत का दौरा किया। इस दौरे में मेहमान टीम ने 3 टी -20, 5 वनडे और 4 टेस्ट मैच खेले थे। दक्षिण अफ्रीका ने शानदार प्रदर्शन करते हुए तीन मैचों की टी-20 सीरीज़ जीती और इसके बाद वनडे सीरीज़ का भी पहला मैच जीत कर वे लगातार दूसरी सीरीज़ जीतना चाहते थे। दूसरा वनडे इंदौर में खेला गया और एक कप्तान और बल्लेबाज के रूप में एमएस धोनी पर दबाव था और साथ ही पिछले कुछ मैचों में उनका बल्ला भी खामोश था। भारत ने टॉस जीता और पहले इंदौर की सूखी पिच पर बल्लेबाजी करने का फैसला किया। भारत की शुरुआत अच्छी रही और अजिंक्य रहाणे ने नंबर 3 पर बल्लेबाजी करते हुए अर्धशतक लगाया। लेकिन फिर भारत का मध्यक्रम ताश के पत्तों की तरह बिखर गया और एक समय जहां भारत का स्कोर 2 विकेट के नुक्सान पर 82 रन था वो कुछ ही ओवरों में 6 विकेटों के नुक्सान पर 124 पर पहुंच गया। लेकिन उसके बाद नंबर 6 पर बल्लेबाज़ी करने आये धोनी ने भुवी (14) और हरभजन (22) के साथ मिलकर भारत को निर्धारित 50 ओवरों में 247 के सम्मानजनक स्कोर तक पहुंचा दिया। धोनी ने नाबाद 92 रन बनाए और भारत ने यह मैच जीतकर सीरीज़ को 1-1 से बराबर कर दिया। लेखक: शुभम कुलकर्णी अनुवादक: आशीष कुमार

Edited by Staff Editor
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