हैरिस-शील्ड इंटर स्कूल प्रतियोगिता में सेंट जेवियर्स के खिलाफ 1988 में 326 रनों की नबाद पारी खेल सचिन रातोंरात मुंबई क्रिकेट में चर्चा में आ गयें। इस पारी के दौरान सचिन ने विनोद काम्बली के साथ मिलकर 664 रनों की साझेदारी निभाकर कीर्तिमान स्थापित किया था, जो 2006 तक कायम रहा था। रणजी ट्रॉफी में अपने दमदार प्रदर्शन के दम पर सचिन ने मात्र 16 साल के उम्र में भारतीय टीम में जगह बना ली। सचिन ने अपना पहला मैच नवम्बर 1989 में पाकिस्तान के खिलाफ कराची में खेला था। उस उम्र में सचिन ने पाकिस्तान के तेज गेंदबाजों के सामने जिस साहस का परिचय दिया था वह अतुलनीय था। उसी दौरे में खेले गये एक प्रदर्शनी मैच में सचिन ने 18 गेंदों पर 53 रनों की पारी खेली थी, जिसमे अब्दुल कादिर के एक ही ओवर के 4 छक्के भी शामिल थे। सितम्बर 1994 में सचिन ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ कोलंबो में अपना पहला एकदिवसीय शतक जमाया।