हर दौर में क्रिकेट की दुनिया में कई शानदार खिलाड़ियों का आना हुआ है, आज के वक़्त में जब टी-20 का जलवा है, तब भी ऐसे खिलाड़ी मौजूद हैं जो टेस्ट क्रिकेट की शान का बरक़रार रखे हुए हैं। कई बल्लेबाज़ ऐसे हैं जो सफ़ेद जर्सी में टीम के लिए एकाग्रता से बैटिंग करते हैं और जीत की तरफ़ कदम बढ़ाते हैं। वहीं ऐसे भी गेंदबाज़ हैं जो मुश्किल वक़्त में ज़रूरी विकेट निकालते हैं। आज हम यहां मौजूदा दौर की सबसे बेहतरीन टेस्ट एकदाश के बारे में चर्चा करेंगे।
#1 एलेस्टेयर कुक
एलेस्टेयर कुक सबसे कम उम्र के खिलाड़ी हैं जिन्होंने टेस्ट में 10 हज़ार रन का आंकड़ा पार किया है, यही वजह है कि उन्हें टेस्ट टीम में शामिल किया गया है। उन्होंने साल 2006 में टीम इंडिया के ख़िलाफ़ टेस्ट डेब्यू किया था और शानदार शतक बनाया था। इंग्लिश खिलाड़ियों की असली परीक्षा तब होती है जब वो ऑस्ट्रेलिया के ख़िलाफ़ खेल रहे होते हैं, कुक ने ये टेस्ट भी पास किया। उन्होंने ऑस्ट्रेलिया के ख़िलाफ़ सीरीज़ में 766 रन बनाए और इंग्लैंड को 3-1 से एशेज़ सीरीज़ दिलाई। भारत के ख़िलाफ़ 3 शतक लगाए और 562 रन बनाए, जिसकी बदौलत अंग्रेज़ों को भारत के ख़िलाफ़ टेस्ट में जीत हासिल हुई। वो 7 बार 150 से ज़्यादा रन बना चुके हैं और 2 दोहरा शतक भी अपने नाम किया है। इस वक़्त उन्होंने 12 से ज़्यादा टेस्ट रन बना लिए हैं जिसमें 32 शतक शामिल हैं
#2 डेविड वॉर्नर
डेविड वॉर्नर साल 1877 के बाद ऐसे पहले हुए हैं जिन्होंने बिना कोई प्रथम श्रेणी मैच खेले ऑस्ट्रेलियाई टेस्ट टीम में अपनी जगह बनाई है। उन्होंने प्रोटियाज़ टीम के ख़िलाफ़ टी-20 मैच में 43 गेंदों में 89 रन बनाया था। यही वजह है कि उन्हें वनडे टीम में भी शामिल कर लिया गया था। वो पहले ओपनर हैं जिन्होंने टेस्ट मैच के पहले सत्र में शतक लगाया हो। उन्होंने 74 टेस्ट में 48.2 की औसत से रन बनाए हैं, जिसमें 21 शतक शामिल हैं। वो फ़िलहाल बॉल टैंपरिंग के विवाद के बाद एक साल का प्रतिबंध झेल रहे हैं।
#3 केन विलियमसन (कप्तान)
न्यूज़ीलैंड टीम के कप्तान केन विलियमसन ने साल 2010 में भारत के ख़िलाफ़ अहमदाबाद में टेस्ट डेब्यू किया था। उन में स्पिन गेंद को खेलने का हुनर है जो ग़ैर एशियाई बल्लेबाज़ों में कम देखने को मिलता है। उन्होंने अपने पहले ही मैच में भारत के ख़िलाफ़ शतक लगाया था। वो ब्रैंडन मैक्कुलम के रिटायर होने के बाज कीवी टीम के कप्तान बनाए गए थे। फ़िलहाल वो आईपीएल की हैदराबाद टीम के भी कप्तान हैं।
#4 विराट कोहली
विराट कोहली 21वीं सदी के सबसे बेहरीन टेस्ट खिलाड़ियों में से एक हैं। उनके अंदर जीतने और रन बनाने की भूख साफ़ देखी जा सकती है। उन्हें साल 2011 में वेस्टइंडीज़ के ख़िलाफ़ टेस्ट में डेब्यू किया था। साल 2011 के आईसीसी वर्ल्ड कप में उन्होंने भारत की जीत में अहम योगदान दिया था। उन्होंने ऑस्ट्रेलिया के ख़िलाफ़ सीरीज़ के चौथे टेस्ट में एडिलेड के मैदान में पहला शतक बनाया था। इसी मैदान से कोहली ने साल 2014-15 के सीज़न में अपनी कप्तानी की शुरुआत की थी। अपने टेस्ट करियर में उन्होने 6 दोहरा शतक लगाया है। अब तक खेले गए 66 टेस्ट मैच में उन्होंने 5554 रन रन बनाए हैं जिसमें 21 शतक और 16 अर्धशतक शामिल हैं।
#5 स्टीव स्मिथ
स्टीव स्मिथ इस वक़्त बॉल टैंपरिंग विवाद की वजह से 12 महीनों का बैन झेल रहे हैं, लेकिन टेस्ट में आज भी उनके जैसा खिलाड़ी मिलना मुश्किल है। स्मिथ ने साल 2010 में पाकिस्तान के ख़िलाफ़ बतौर लेग स्पिनर अपने टेस्ट करियर की शुरुआत की थी। स्मिथ ने अपनी काबिलियत सीमित ओवर के खेल में भी अपनी जगह हासिल कर ली थी। साल 2013-14 में उनकी मौजूदगी में कंगारुओं ने एशेज़ सीरीज़ हासिल की थी। इस सीरीज़ में उन्होंने एक शतक भी लगाया था। स्मिथ ने अपने देश में भारत के ख़िलाफ़ टेस्ट सीरीज़ में 700 से भी ज़्यादा रन बनाए थे। पिछले साल उन्होंने पुणे में टीम इंडिया के ख़िलाफ़ शतक लगाया और अपनी को जीत दिलाई थी।
#6 बेन स्टोक्स
इस बात में कोई शक नहीं है इस वक़्त दुनिया के सबसे बेहरीन ऑलराउंडर हैं। साल 2013-14 की एशेज़ सीरीज़ में उन्होंने टेस्ट डेब्यू किया था। सिडनी टेस्ट में उन्होंने 99 रन देकर 6 विकेट हासिल किए थे और 47 रन की पारी खेली थी। साल 2016 में दक्षिण अफ़्रीका के ख़िलाफ़ उन्होंने अपनी असली ताक़त दिखाई थी और इंग्लैंड को अफ़्रीकी ज़मीन पर टेस्ट सीरीज़ जिताने में मदद की थी। ब्रिस्टल नाइट क्लब में विवाद की वजह से साल 2017-18 की एशेज़ सीरीज़ से उन्हें बाहर होना पड़ा था।। अब तक खेले गए 41 टेस्ट मैच में उन्होंने 35.17 की औसत से 2532 रन बनाए हैं और 95 विकेट हासिल किए हैं।
#7 जॉनी बेयरस्टो (विकेटकीपर)
जॉनी बेयरस्टो इंग्लैंड के ऐसे खिलाड़ी हैं जिन्होंने अपने प्रदर्शन में ज़बरदस्त सुधार किया है, वो यॉर्कशायर की तरफ़ से काउंटी क्रिकेट खेलते हैं। साल 2012 में उन्होंने वेस्टइंडीज़ के ख़िलाफ़ अपने टेस्ट करियर की शुरुआत की थी, दक्षिण अफ़्रीका के ख़िलाफ़ तीसरे टेस्ट में उन्हें बुला लिया गया था, क्योंकि केविन पीटरसन ख़राब व्यवहार की वजह से टीम से बाहर हो गए थे। इस मौके का फ़ायदा उठाते हुए उन्होंने पहली पारी में 95 रन बनाए और दूसरी पारी में भी अर्धशतक लगाया था। 52 टेस्ट मैच में उन्होंने 39.2 की औसत से 3293 रन बनाए हैं जिसमें 5 शतक और 17 अर्धशतक शामिल हैं।
#8 रविचंद्रन अश्विन
रविचंद्रन ऑफ़ स्पिन के बेताज बादशाह हैं, जब टेस्ट क्रिकेट की बात आती है जो उनका जलवा देखते ही बनता है। साल 2011 में उन्होंने वेस्टइंडीज़ के ख़िलाफ़ टेस्ट में डेब्यू किया था, उसके बाद उन्होंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। 2017 में उन्होंने सर गारफ़ील्ड सोबर्स ट्रॉफ़ी हासिल की थी। उन्होंने डेनिस लिली के रिकॉर्ड को पीछे छोड़ते हुए महज़ 54 टेस्ट मैच में 300 विकेट हासिल किए थे। अब तक खेले गए 57 टेस्ट में उन्होंने 25.57 की औसत से 311 विकेट हासिल किए हैं जिसमें 26 बार 5 विकेट लेने का कारनामा किया है।
#9 कगिसो रबाडा
कगिसो रबाडा ने साल 2015 में टीम इंडिया के ख़िलाफ़ टेस्ट में डेब्यू किया था। उनकी पेस गेंदबाज़ी में ज़बरदस्त आक्रामकता देखी जा सकती है। पिछले साल उन्होंने इग्लैंज के ख़िलाफ़ 6 पारियों में 5 बार 5 विकेट हासिल करने का कारनामा किया था। वो भविष्य के बेहतरीन खिलाड़ी साबित होंगे। 22 साल की उम्र में उन्होंने अब तक 30 टेस्ट मैच में 21.59 की औसत से 143 विकेट हासिल किए हैं।
#10 मिचेल स्टार्क
मिचेल स्टार्क ने बाएं हाथ के तेज़ गेंदबाज़ हैं, वो लगातार अच्छे प्रदर्शन करने के लिए जाने जाते हैं। उन्होंने साल 2011 में न्यूज़ीलैंड के ख़िलाफ़ अपने टेस्ट करियर की शुरुआत की थी। साल 2015 के वर्ल्ड कप के बाद उनकी असली ताक़त देखने को मिली थी। 2015 में ही उन्होंने 160 किलोमीटर प्रति घंटा से ज़्यादा के रफ़्तार से गेंद फेंकी थी। 43 टेस्ट मैच में उन्होंने 28.18 की औसत से 182 विकेट हासिल किए हैं।
#11 जेम्स एंडरसन
इंग्लैंड टीम के जेम्स एंडरसन अपनी स्विंग गेंदबाज़ी के लिए जाने जाते हैं। उन्होंने साल 2003 में टेस्ट टीम में शामिल किया था। इंग्लैंड टीम से बाहर होने के बाद उन्होंने साल 2007 में वापसी की थी और फिर आगे बढ़ते चले गए थे। साल 2010 में उन्होंने ऑस्ट्रेलिया के ख़िलाफ़ 5 मैच में 24 विकेट हासिल किए थे। साल 2012 में कोलकाता में इंडिया के ख़िलाफ़ उन्होंने शानदार खेल दिखाया था। उन्होंने 54 टेस्ट मैच में शून्य पर आउट न होने का विश्व रिकॉर्ड बनाया था। उन्होंने टेस्ट मैच में 500 से ज़्यादा विकेट हासिल किए हैं जो उनका महानता को बयान करता है। लेखक- यश मित्तल अनुवादक – शारिक़ुल होदा