अब 25 बॉल का होगा पावरप्ले, नो बॉल पर मिलेंगे 2 रन, प्रमुख क्रिकेट टूर्नामेंट के नियमों का ऐलान

Enter caption
Enter caption

इंग्लैंड में पहली बार हो रहे द हंड्रेड टूर्नामेंट के नियमों को जारी कर दिया गया है। अजीबोगरीब नियमों को जानकार आपको भी हैरानी होगी। अम्पायर ओवर को 'फाइव' (Five) बोलेगा। इसके अलावा इंग्लैंड इंग्लैंड के घरेलू क्रिकेट में पहली बार डीआरएस का प्रयोग होगा। वाईट कार्ड्स होंगे, इसके अलावा डीजे स्टैंड पर टॉस होगा।

हालांकि 'ओवर' शब्द खेल की परिस्थितियों में उपयोग में रहेगा, प्रेजेंटेशन के लिए ईसीबी बॉल्स को मेजरमेंट के यूनिट के लिए उपयोग में लेगा। स्कोरकार्ड और ब्रॉडकास्ट में खेली गई बॉल और बची हुई बॉल दिखाई जाएगी। ओवर नहीं बताए जाएंगे। प्रत्येक पारी 100 गेंदों तक चलेगी, जिसमें प्रत्येक छोर से दस गेंदें फेंकी जाएंगी, इसे पांच गेंदों के दो ब्लॉक में बांटा जाएगा।

एक गेंदबाज लगातार पांच या दस गेंदें फेंक सकता है। कप्तान को तय करना है कि वह एक ही छोर से या वैकल्पिक छोर से गेंदबाजी कराना उपयुक्त समझे। प्रत्येक गेंदबाज प्रति गेम अधिकतम 20 गेंदें फेंकेगा। पांच गेंदों के बाद अम्पायर ओवर के बजाय 'फाइव' बोलेगा। इसके बाद वह एक वाईट कार्ड जारी करेगा। पांच-पांच बॉल्स के दो ब्लॉक को बांटने के लिए ऐसा किया गया है। अगर गेंदबाज एक छोर से दस गेंद डालेगा, तो वाईट कार्ड से दुविधा दूर हो जाएगी और दो ब्लॉक का पता चल जाएगा।

पारी की पहली 25 गेंदों में पावरप्ले शामिल होगा, जिसमें 30-यार्ड सर्कल के बाहर केवल दो क्षेत्ररक्षकों को अनुमति दी जाएगी। इसके बाद किसी भी समय फील्डिंग वाली टीम 2 मिनट का टाइम आउट ले सकती है। यह अनिवार्य नहीं होगा और बल्लेबाजी वाली टीम के पास टाइम आउट का अधिकार नहीं होगा।

टॉस पिच पर नहीं होकर एक स्टैज पर होगा जिसे डीजे और मनोरंजन के लिए रखा जाएगा। लिंग भेद न हो, इसे देखते हुए बैट्समैन की जगह बैटर (Batter) टर्म का इस्तेमाल होगा। एक बैटर अगर कैच आउट होते है, तो नॉन स्ट्राइक वाला बैटर क्रॉस करने के बाद भी स्ट्राइक नहीं ले पाएगा। ग्रुप मुकाबलों में मैच टाई होने पर अंक बाँट दिए जाएंगे। एलिमिनेटर और फाइनल में टाई होने से सुपर फाइव खेला जाएगा। एक बार फिर से टाई होने पर ग्रुप चरण में टॉप टीम को विजेता घोषित किया जाएगा।

इंग्लैंड के घरेलू क्रिकेट में पहली बार प्रत्येक गेम के लिए निर्णय समीक्षा प्रणाली (DRS) मौजूद होने जा रही है, जिसमें तीसरे अंपायर के पास रिप्ले का नियंत्रण होगा। इससे मैदान पर लगने वाले समय में कमी आएगी। दोनों पारियों के लिए दो कूकाबुरा गेंदों का इस्तेमाल होगा। इसके अलावा नो बॉल पर दो रन होंगे।

Edited by Naveen Sharma
Be the first one to comment