"जितनी स्पिन फेंकता था उतना ही मुथैया मुरलीधरन को देखता था"- दिग्गज स्पिनर ने बताई शुरुआती दौर की कहानी

सुनील नारेन ने अपने शुरूआती दिनों का जिक्र किया
सुनील नारेन ने अपने शुरूआती दिनों का जिक्र किया

वेस्टइंडीज के स्पिनर सुनील नारेन (Sunil Narine) लिमिटेड ओवर्स की क्रिकेट के सबसे बेहतरीन स्पिनर्स में से एक माने जाते हैं। नारेन को मिस्ट्री स्पिनर के नाम से भी जाना जाता है क्योंकि उनकी गेदों का सामना करना बल्लेबाजों के लिए काफी कठिन साबित होता है। वेस्टइंडीज को तेज गेंदबाजों के लिए जाना जाता है और ऐसे में नारेन का इतना सफल स्पिनर बनना एक बड़ी उपलब्धि है। हालांकि, नारेन के मुताबिक उनके लिए स्पिन गेंदबाजी करना आसान नहीं था। उन्होंने बताया,

कैरेबियन में यह कर पाना काफी मुश्किल था। मैं जितनी अधिक स्पिन गेंदबाजी करता था उतना ही मैं मुथैया मुरलीधरन को देखता था। वह गेंद को दोनों तरफ स्पिन कराते थे, लेकिन शुरुआत में मेरे लिए काफी कठिन था। उस समय निरंतर तौर पर खेलने वाले स्पिनर वेस्टइंडीज में मौजूद नहीं थे। स्पिनर्स को एकाध मैच मिलते थे और तेज गेंदबाज ही खेल पर दबदबा बनाए रहते थे।

"बल्लेबाजी हमेशा मेरे लिए पसंदीदा चीज रही है"- सुनील नारेन

नारेन ने अपनी गेंदबाजी से तो सबके प्रभावित किया ही था, लेकिन पिछले कुछ सालों में उन्होंने अपनी बल्लेबाजी से भी सबको प्रभावित किया है। इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) में नारेन को ओपनिंग का मौका मिला और उन्होंने कुछ बेहतरीन पारियां खेस डालीं। नारेन का कहना है कि बल्लेबाजी हमेशा उनके लिए पसंदीदा चीज थी और आगे भी रहेगी। उन्होंने कहा,

ईमानदारी से कहूं तो बल्लेबाजी हमेशा मेरे लिए पसंदीदा चीज थी और रहेगी। जब मैंने पहला मैच खेला था तो चार दिवसीय मुकाबले में 14 विकेट चटका दिए थे। त्रिनिदाद में लोगों को पता है कि मैं बल्लेबाजी कर सकता हूं, लेकिन यही वो समय था जब मैं गेंदबाज बन गया। इसी जगह से मुझे मिस्ट्री स्पिनर का टैग भी मिल गया।

नारेन अपने करियर में 419 टी20 मुकाबले खेल चुके हैं और इस दौरान उन्होंने 452 विकेट अपने नाम किए हैं। इतने अधिक मैच खेलने के बावजूद उनकी इकॉनमी छह की है। बल्लेबाजी में उन्होंने 3196 रन बनाए हैं जिसमें 13 अर्धशतक शामिल हैं।

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