IPL अटूट बंधन: 5 विदेशी खिलाड़ी जिन्होंने अब तक केवल एक ही फ़्रैंचाइज़ी के लिए खेला है

आईपीएल में खिलाड़ियों को रिटेन करना और बदलना इस लीग का हिस्सा है। हर साल, टीम फ्रैंचाइज़ी अपने कुछ खिलाड़ियों को छोड़ युवा खिलाड़ियों को टीम में शामिल करती हैं लेकिन ऐसा करते समय वो अपनी टीम के सर्वश्रेष्ट खिलाड़ियों को टीम में बरकरार रखती हैं। पिछले कुछ वर्षों में, यह देखा गया है कि आईपीएल नीलामी में भारतीय खिलाड़ियों की तुलना में विदेशी खिलाड़ियों को एक टीम से दूसरी टीम में स्थानांतरण का ज़्यादा सामना करना पड़ता है। हालांकि, कुछ विदेशी खिलाड़ी ऐसे भी हैं जो अपने शानदार प्रदर्शन के दम पर लंबे समय से एक ही फ्रेंचाइज़ी के लिए खेलते रहे हैं। तो आइए उन विदेशी खिलाड़ियों पर नज़र डालें जो लंबे समय से एक ही फ्रेंचाइज़ी के लिए खेलते आ रहे हैं।

लसिथ मलिंगा

लसिथ मलिंगा उन चुनिंदा खिलाड़ियों में से एक रहे हैं जिन्होंने आईपीएल के हर सीज़न में मुंबई इंडियंस की तरफ से खेला है। 2009 में मुंबई टीम से जुड़ने के बाद मलिंगा ने अपनी टीम के लिए सर्वोत्तम प्रदर्शन किया है। आंकड़ों की बात करें तो मलिंगा ने 110 आईपीएल मैचों में 154 विकेट लिए हैं और वो लीग के इतिहास में सबसे ज़्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाज़ हैं। ये सभी विकेट उन्होंने 6.86 की इकोनॉमी रेट से लिए हैं, जिनमें 4 बार चार विकेट और 5/13 का उनका सर्वश्रेष्ठ गेंदबाज़ी रिकार्ड शामिल हैं। आईपीएल में अपनी सर्वश्रेष्ट फॉर्म में उन्होंने विरोधी टीम की बल्लेबाज़ी को तहस नहस किया है और मुंबई की दो ख़िताबी जीतों के सूत्रधार रहे हैं। 2017 में मुंबई की तीसरी ख़िताबी जीत में भी उन्होंने एमआई के गेंदबाजी सलाहकार के रूप में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

शॉन मार्श

शॉन मार्श एकमात्र ऐसे विदेशी खिलाड़ी हैं जिन्होंने आईपीएल के पहले दस सत्रों में एक ही फ्रेंचाइजी के लिए खेला है। आईपीएल 2008 के ऑरेंज कैप विजेता खिलाड़ी किंग्स-XI पंजाब के भरोसेमंद खिलाड़ी रहे हैं। पंजाब के लिए खेलते हुए मार्श ने 71 मैचों में 39.95 के औसत से 2477 रन बनाए हैं। पंजाब के लगभग सभी सत्रों में निराशाजनक प्रदर्शन के बावजूद, मार्श ने अकेले दम पर टीम को जिताने का प्रयास किया है। उनकी लगातार अच्छा प्रदर्शन करने की भूख और जुझारूपन उन्हें किंग्स इलेवन पंजाब की बल्लेबाजी लाइन-अप के बाकी खिलाड़ियों से अलग करते हैं। हैरानी की बात है कि, 2018 में जब मार्श पूरी फॉर्म में थे, पंजाब ने उन्हें अपनी टीम में शामिल नहीं किया और आईपीएल नीलामी में इस बेहतरीन खिलाड़ी को कोई बोली लगाने वाला भी नहीं मिला।

काइरोन पोलार्ड

काइरोन पोलार्ड के बिना मुंबई इंडियंस की कल्पना करना भी मुश्किल है। त्रिनिदाद के इस विस्फोटक बल्लेबाज़ ने 2010 में पहली बार आईपीएल में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई थी और अपने प्रदर्शन से दर्शकों का भरपूर मनोरंजन किया था। पिछले कुछ सालों में, वो मुंबई टीम का एक अनिवार्य हिस्सा बन गए हैं। आईपीएल में खेले अपने 130 मैचों में उन्होंने 145 की स्ट्राइक रेट से 2419 रन बनाये हैं। उन्होंने आईपीएल करियर में 151 छक्के लगाकर मुंबई के क्रिकेट प्रशंसकों का भरपूर मनोरंजन किया है। भले ही उन्होंने ज़्यादा रन ना बनाए हों लेकिन जब भी मुंबई को उनकी सबसे ज्यादा जरूरत होती है, पोलार्ड अपनी टीम की अपेक्षाओं पर हमेशा खरे उतरे हैं। जैसे, आईपीएल 2013 के फाइनल में उन्होंने ज़रूरत के समय 32 गेंदों में ताबड़तोड़ 60 रन बनाए थे और एमआई की ख़िताबी जीत के नायक बने थे।

डेविड मिलर

डेविड मिलर लंबे समय से किंग्स-XI पंजाब के भरोसेमंद खिलाड़ी रहे हैं। हालाँकि मिलर को 2011 में पंजाब फ्रैंचाइजी द्वारा आईपीएल नीलामी में अपनी टीम में चुना गया था, लेकिन टीम की अंतिम एकादश में शामिल होने के लिए उन्हें दो साल का लंबा इंतजार करना पड़ा। उन्होंने 2013 में आरसीबी के खिलाफ 37 गेंदों में शतक लगाकर अपने आईपीएल करियर की शुरुआत की। मध्य क्रम में मिलर की आक्रमक बल्लेबाज़ी ने किंग्स इलेवन पंजाब की बल्लेबाजी लाइन-अप को मजबूती प्रदान की। हालाँकि पंजाब का आईपीएल इतिहास में अब तक का प्रदर्शन निराशाजनक रहा है, लेकिन मिलर ने हर सीज़न में अपना बढ़िया प्रदर्शन जारी रखा। आंकड़ों की बात करें तो मिलर ने 68 मैचों में 141 की स्ट्राइक रेट से 1613 रन बनाए हैं । कोई आश्चर्य नहीं कि किंग्स इलेवन पंजाब के पूर्व कप्तान डेविड हसी ने एक बार उन्हें 'किंग्स इलेवन प्लेयर फॉर लाइफ ' कहा था।

सुनील नारेन

आईपीएल में खेलने वाले सर्वश्रेष्ट विदेशी स्पिनर सुनील नारेन ने आईपीएल इतिहास में बेहतरीन प्रदर्शन किया है। वो आईपीएल में 100 विकेट लेने वाले एकमात्र विदेशी स्पिन गेंदबाज हैं। 2012 में कोलकाता नाइट राइडर्स की टीम में शामिल हुए इस खिलाड़ी ने अपनी करिश्माई गेंदबाज़ी से विरोधी बल्लेबाज़ों को बाँध कर रख दिया। 93 मैचों में सिर्फ 6.48 की इकोनॉमी रेट से 108 विकेट लेना इस तथ्य का सबूत हैं। आज भी, बल्लेबाजों को उनकी गेंदबाज़ी विविधता को समझने में कठिनाई होती है। हाल के वर्षों में, उन्होंने बल्लेबाजी में एक पिंच हिटर के रूप में अपनी टीम के लिए ताबड़तोड़ बल्लेबाज़ी भी की है। निःसंदेह, सुनील नारेन कोलकाता नाइट राइडर्स के एक अमूल्य खिलाड़ी हैं। लेखक: अथर्वा आप्टे अनुवादक: आशीष कुमार