भारत का साउथ अफ़्रीकी दौरा बेहद रोमांचक रहा है। टेस्ट सीरीज़ पर प्रोटियाज़ टीम ने कब्ज़ा जमाया था तो वनडे सीरीज़ टीम इंडिया ने 5-1 से अपने नाम की थी। साउथ में भारत की ये पहली द्विपक्षीय सीरीज़ जीत है। अब दोनों टीमों का पूरा ध्यान टी-20 सीरीज़ पर जा चुका है। इस सीरीज़ का पहला मैच भारत ने जीत लिया है और अब वो 1-0 से आगे है। भारत ने अब तक 11 बार साउथ अफ़्रीका के ख़िलाफ़ टी-20 मैच खेला है और टीम इंडिया ने 7 मुक़ाबले अपने नाम किए हैं। भारत के कप्तान विराट कोहली और साउथ अफ़्रीका के कप्तान जेपी डुमिनी ने टी-20 में अपनी टीम के लिए काफ़ी क़ामयाबी हासिल की है। इस टी-20 सीरीज़ में ये 5 चीज़ें देखने को मिल सकती हैं।
#5 दक्षिण अफ़्रीका का जवाबी हमला
दुनिया की कोई भी टीम भले वो सबसे ताक़तवर हो या सबसे कमज़ोर, अपने ही देश में हारना किसी को भी पसंद नहीं आता। अगर साउथ अफ़्रीका की बात करें तो उन्हें घर में हारना कतई गवारा नहीं है। प्रोटियास टीम आजकल भले ही मुश्किल में चल रही है, फिर भी वो कभी भी अपने पुराने रंग में वापस आ सकती है। जब किसी मैच में साउथ अफ़्रीका मुश्किल में हो उनके बल्लेबाज़ कभी भी विस्फोटक शॉट खेल सकते हैं इसके अलावा उनके डेथ बॉलर काफ़ी घातक साबित हो सकते हैं। कोई एक खिलाड़ी भी मैच का पासा पलटने की क़ाबीलियत रखता है। जेपी डुमिनी की कप्तानी में कई युवा चेहरे को टीम में शामिल किया गया है। ये युवा खिलाड़ियों को अपने हुनर को साबित करने का पूरा मौक़ा है। अगर ये खिलाड़ी अच्छा प्रदर्शन करते हैं तो उन्हें वनडे में भी मौक़ा मिल सकता है।
#4 सुरेश रैना की वापसी
पहले सुरेश रैना टीम इंडिया के अहम खिलाड़ी थे और मध्य क्रम में बल्लेबाज़ी करते थे। आईपीएल में उनके शानदार प्रदर्शन की बदौलत उन्हे ‘मिस्टर आईपीएल’ भी कहा जाता है। रैना काफ़ी लंबे वक़्त से टीम इंडिया से बाहर रहे हैं। टीम इंडिया के मैनेजमेंट ने एक बार फिर रैना पर भरोसा जताया है। अब रैना को इस उम्मीद पर खरा उतरना है। इस सीरीज़ के पहले मैच में उन्होंने 7 गेंदों में 15 रन बनाया था। हाल में ही ख़त्म हुई वनडे सीरीज़ से ये बात साबित हो चुकी है कि टीम इंडिया के मिडिल ऑर्डर में अब तक सुधार नहीं आ पाया है। यही वजह कि सुरेश रैना को इसकी ज़िम्मेदारी सौंपी गई है। जो नंबर 4 पर टीम की बैटिंग लाइन अप को मज़बूती दे सकें। अगर वो इस सीरीज़ में अच्छा प्रदर्शन करते हैं तो उन्हें इंग्लैंड दौरे के लिए चुना जा सकता है, जहां रैना का रिकॉर्ड काफ़ी अच्छा है।
#3 कोहली का दबदबा
विराट कोहली का जादू हर सीरीज़ में सिर चढ़कर बोलता है, साउथ अफ़्रीका के ख़िलाफ़ इस साल की टेस्ट और वनडे सीरीज़ में वो मैन ऑफ़ द सीरीज़ चुने गए थे। बतौर खिलाड़ी कोहली के लिए साउथ अफ़्रीका का दौरा शानदार रहा है। टीम इंडिया के कप्तान टी-20 में 2000 रन के आंकड़े से कुछ ही रन दूर हैं। कोहली की अहमियत इन आंकड़ों से कहीं आगे है, लेकिन ये आंकड़े उनके हुनर और क़ाबीलियत की गवाही देते हैं। कोहली का ये दबदाबा प्रोटियाज़ टीम के लिए परेशानी का सबब बन सकता है। अगर प्रोटियास टीम को टी-20 में हार की शर्मिंदगी से बचना है तो उन्हें कोहली को रोकना ही होगा।
#2 दक्षिण अफ़्रीका की डेथ बॉलिंग
वनडे सीरीज़ के वक़्त हाशिम अमला ने ये बात कही थी कि प्रोटियास टीम ने टीम इंडिया को आख़िरी 15 ओवर में काबू कर लिया था। भारत के मध्य क्रम बल्लेबाज़ों ने उम्मीद के मुताबिक प्रदर्शन नहीं किया था। साउथ अफ़्रीका के गेंदबाज़ों ने डेथ ओवर में भारत के बढ़ते रन को काबू में कर लिया था। साउथ अफ़्रीका की तरफ़ से क्रिस मॉरिस काफ़ी उपयोगी साबित हो सकते हैं। वनडे सीरीज़ के दौरान ऐसा महसूस हो रहा था कि भारत 20-30 रन ज़्यादा बना सकता था। अब ये देखना होगा कि रबादा, नगीदी और मॉर्केल की ग़ैरमौजूदगी में क्या प्रोटियास टीम भारतीय बल्लेबाज़ों को रोक पाएगी।
#1 भारत की स्पिन जोड़ी
कुलदीप यादव और युज़वेंद्र चहल ने कुल मिलाकर 6 वनडे में 33 विकेट हासिल किए थे। साउथ अफ़्रीकी टीम के बल्लेबाज़ों के पास अकसर भारत की इस युवा स्पिन जोड़ी का कोई जवाब नहीं है। हांलाकि वर्षा से बाधित चौथे वनडे मैच में मिलर, क्लासें और फेलुकवायो ने इन स्पिन गेंदबाज़ों के छक्के छुड़ा दिए थे। अब देखना ये होगा कि प्रोटियास टीम इस कामयाबी को दोहरा पाएगी या नहीं। भारत ने साउथ अफ़्रीका के दौरे पर कई रिकॉर्ड्स बना हैं। अब टीम इंडिया को इस दौरे का शानदार अंत करना है। लेखक – यश पावस्कर अनुवाद – शारिक़ुल होदा