भारतीय ऑफ स्पिनर रविचंद्रन अश्विन के लिए आज का दिन दोहरी खुशी भरा रहा, जहां उन्हें आईसीसी वर्ष 2016 में क्रिकेटर ऑफ द ईयर के लिए बनी सर गैरी सोबर्स ट्रॉफी के लिए चुना गया। इसके अलावा विश्व के नंबर एक टेस्ट गेंदबाज को 2016 में टेस्ट क्रिकेट में भी श्रेष्ठ खिलाड़ी चुना गया है। BCCI.TV को दिए साक्षात्कार में अश्विन ने कहा स्वाभाविक तौर पर सर गैरी सोबर्स ट्रॉफी के लिए चुना जाना खुशी की बात है, उन्होंने इसके लिए अपने परिवार सहित टीम के साथियों और सभी चाहने वालों का शुक्रिया अदा किया। कैरम बॉल के जादूगर ने कहा "इस महान पुरस्कार से सम्मानित होना स्वाभाविक तौर पर खुशी की बात है। इस अतुल्य उपलब्धि के लिए कई लोग हैं, जिन्हें मैं धन्यवाद ज्ञापित करना चाहूंगा। पिछले दो साल काफी शानदार रहे, लेकिन यह वर्ष खास रहा। इसमें देखने वाली बात यह थी कि मैंने बल्लेबाजी और गेंदबाजी की लेकिन इसके पीछे जितने लोगों का हाथ है वो भी काफी महत्वपूर्ण है। सबसे पहले मैं अपने परिवार, मेरी पत्नी और खास तौर से मेरी बेटी का धन्यवाद करना चाहूंगा। पूरे परिवार के लिए यह अच्छा सफर रहा। सभी मुझसे बेहद नजदीकी से जुड़े हुए हैं। खेल सभी के घर में एक परीक्षा लेता है और यह आसान नहीं है। यह अवॉर्ड मैं अपने परिवार को समर्पित करता हूं। इसके अलावा मैं आईसीसी और मेरे टीम के साथियों का भी शुक्रिया अदा करता हूं।" ये पुरस्कार खिलाड़ियों के सितंबर 2015 से लेकर सितंबर 2016 के 12 महीने के समय के प्रदर्शन के आधार पर दिए गए हैं। आईसीसी द्वारा दिए गए इस समय के दौरान अश्विन ने 8 टेस्ट मैच खेलते हुए 15.39 की औसत से 48 विकेट झटके, वहीं वन-डे क्रिकेट में इस भारतीय ऑफ स्पिनर ने 47.66 की औसत से 3 मैचों में 3 विकेट झटके। टी20 प्रारूप में अश्विन ने 18 मैचों में 6.42 की इकॉनमी से 25 विकेट चटकाए। महेंद्र सिंह धोनी द्वारा टेस्ट क्रिकेट से संन्यास लेने के बाद से टीम के बुरे समय के बारे में भी बात की। उन्होंने अपनी सफलता का श्रेय अपनी टीम के प्रतेयक सदस्य, कोच और सपोर्ट स्टाफ आदि को दिया। भविष्य में भारतीय टीम को मिलने वाली चुनौतियों को लेकर भी अश्विन आशावादी हैं। विश्व के नंबर एक टेस्ट गेंदबाज के अनुसार "महेंद्र सिंह धोनी के टेस्ट क्रिकेट से संन्यास लेने के बाद टीम 2014 में संक्रमण के दौर से गुजरी। एक युवा कप्तान ने कमान संभाली और हम सही रास्ते पर आ गए। हमारे पास अच्छे लड़कों की फौज है और यह सफलता मैं टीम, सपोर्टिंग स्टाफ और संजय बांगड़, आर श्रीधरन, अनिल कुंबले, रवि शास्त्री सभी को समर्पित करता हूं। सबसे महत्वपूर्ण यह है कि टीम के लिए हमने पिछले 18 महीनों में क्या उपलब्धि हासिल की, मैं भविष्य में आने वाली चुनौतियों को लेकर भी आशावादी हूं। हम लगातार सुधार करने वाला संगठन हैं।" अवॉर्ड के बारे में पूछे जाने पर अश्विन ने कहा कि यह मेरे लिए पूर्णतया आश्चर्यजनक है, और मैंने अपने परिवार को इसे छुपाकर रखने के लिए कहा है। इससे पहले यह अवॉर्ड सचिन तेंदुलकर और राहुल द्रविड़ को ही मिला है, इस लिहाज से अश्विन ये उपलब्धि प्राप्त करने वाले तीसरे भारतीय खिलाड़ी बन गए। इस ऑल राउंडर ने कहा "मैं इस अवॉर्ड के बारे में नहीं सोच रहा था, यह मेरे लिए आश्चर्यजनक है और जब यह खबर आई, तो बहुत सुखद पल था। मैंने परिवार को इसे छुपाने के लिए कहा। मैं उन दो नामों के लिए विनम्र हूं जिन्हें मुझसे पहले ये अवॉर्ड मिला, वो हैं राहुल द्रविड़ और सचिन तेंदुलकर। ये दोनों इस खेल के ब्रांड एंबेसडर हैं और मैं उनसे ही क्रिकेटर बनने के लिए प्रेरित हुआ हूं। उन्होंने मुझे प्रोत्साहित किया अन्यथा मैं एक इंजीनियर बनकर ही रह जाता। क्रिकेटर ऑफ द ईयर के अलावा इस भारतीय ऑल राउंडर को वर्ष 2016 का श्रेष्ठ टेस्ट क्रिकेटर भी चुना गया। 48 विकेट लेने के अलावा अश्विन ने 9 पारियों में 42 की औसत से 336 टेस्ट रन भी बनाए। दक्षिण अफ्रीका के विकेट कीपर बल्लेबाज क्विंटन डी कॉक को वन-डे क्रिकेटर ऑफ द ईयर चुना गया। इस दक्षिण अफ्रीकी खिलाड़ी ने 15 एकदिवसीय मैचों में 56.28 की औसत से 788 रन बनाए।