भारतीय टीम के सलामी बल्लेबाज और श्रीलंका के खिलाफ कप्तानी कर रहे रोहित शर्मा इन दिनों ताबड़तोड़ रन बना रहे हैं। मोहाली में खेले गए दूसरे एकदिवसीय मुकाबले में उन्होंने अपने एकदिवसीय करियर का तीसरा दोहरा शतक लगाया और ऐसा करने वाले वो दुनिया के इकलौते बल्लेबाज हैं। रोहित शर्मा ने 153 गेंदों पर शानदार 208 रन बनाए और 12 लंबे-लंबे छक्के जड़े। उनकी इस पारी की बदौलत भारतीय टीम ने 141 रनों से जीत हासिल कर श्रृंखला में वापसी की। कुल मिलाकर रोहित शर्मा इस साल 7 शतक जड़ चुके हैं, इनमें से 6 शतक उन्होंने एकदिवसीय मैचो में बनाए हैं और एक शतक टेस्ट मैच में बनाया है।
श्रीलंका के खिलाफ जीत के बाद उन्होंने कहा कि ये साल मेरे लिए काफी अच्छा रहा। मैं गेंद को काफी अच्छी तरह से हिट कर रहा था। वहीं टेस्ट मैचों में नियमित जगह बनाने को लेकर उन्होंने कहा कि मैं अपने आपको बताता रहता हूं कि अगर मौका मिले तो उसके लिए तैयार रहो। जो बीत चुका है उसका मुझे कोई दुख नहीं है, भविष्य काफी उज्जवल है। मैं टेस्ट मैचों के लिए हमेशा तैयार रहना चाहता हूं। मुझे पता है कि टीम किस कॉम्बिनेशन के साथ खेलती है। कभी 5 गेंदबाज या कभी 4 गेंदबाजों के साथ टीम मैच में उतरती है। हो सकता है मुझे अंतिम 11 में जगह मिले या फिर ना मिले लेकिन मैं हर मैच के लिए अपनी पूरी तैयारी करता हूं। उन्होंने कहा कि मैं अच्छी शुरुआत को बड़ी पारी में तब्दील करने की कोशिश करता हूं। मुझे पता है कि हर बार ऐसा नहीं हो सकता है लेकिन जब ऐसा हो रहा हो तो उसका पूरा फायदा उठाना चाहिए।
दक्षिण अफ्रीका दौरे को लेकर रोहित शर्मा ने कहा कि वो ज्यादा दूर की नहीं सोचते हैं, इसलिए वो अभी दक्षिण अफ्रीका दौरे के बारे में बात नहीं कर रहे हैं। पहली बार मुझे भारतीय टीम का कप्तान बनाया गया है इसलिए मेरा पूरा ध्यान इस श्रृंखला पर रहै। वहीं जब उनसे पूछा गया कि उनके 3 दोहरे शतकों में से उनका पसंदीदा दोहरा शतक कौन सा है तो उन्होंने कहा कि मैं अपने दोहरे शतकों की तुलना नहीं करता क्योंकि तीनों ही शतक काफी अहम हैं। ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ पहला दोहरा शतक सीरीज का निर्णायक मैच था और श्रीलंका के खिलाफ जब मैंने 264 रन बनाए तो मैं चोट से उबर रहा था। उन्होंने कहा कि 264 रनों की पारी एक वर्ल्ड रिकॉर्ड पारी थी और मुझे लगता है कि शीर्ष पर उसे ही होना चाहिए। आज जो मैंने 208 रन बनाए वो भी काफी अहम थे क्योंकि हम श्रृंखला में 1-0 से पिछड़ रहे थे और हमें वापसी करनी थी। ये मेरी कप्तानी में पहली श्रृंखला थी और एक बल्लेबाज के तौर पर भी मैं वापसी करना चाहता था। इसलिए तीनों ही दोहरे शतक मेरे लिए उतने ही अहम हैं।
रोहित शर्मा ने अपना शतक 115 गेंदों पर पूरा किया जबकि अगले 100 रन उन्होंने मात्र 36 गेंदों पर बना डाले। इस बारे में उन्होंने कहा कि यही मेरे खेलने का तरीका है। पहले शतक में थोड़ा समय लगा लेकिन दूसरा शतक काफी तेजी से आया। क्योंकि तब तक मैं सेट हो चुका था और मुझे पता था कि गेंदबाज क्या करने की कोशिश कर रहे हैं। रोहित ने कहा कि जब एक बार आप 100 बना लेते हैं तो फिर सब आपके ऊपर होता है कि अपनी तरफ से गलती करके आउट ना हों। मैं केवल ज्यादा से ज्यादा बल्लेबाजी करना चाहता था और इसके पीछे वजह थी कि एक शतक के बाद दूसरा भी क्यों ना बनाया जाए। हालांकि रोहित शर्मा ने ये भी कहा कि क्रिकेट में कुछ भी आसान नहीं होता है। जब आप बल्लेबाजी कर रहे होते हैं तो फिर आपको अपना दिमाग चलाना पड़ता है और गेंद को सही समय पर हिट करना होता है जो कि कतई आसान काम नहीं होता है। गौरतलब है रोहित शर्मा श्रीलंका के खिलाफ अब दो दोहरे शतक लगा चुके हैं और वनडे क्रिकेट में उनका उच्चतम स्कोर 264 रन है जो कि श्रीलंका के खिलाफ ही उन्होंने बनाया था।