पिछले कुछ सालों में जब भी भारतीय टीम ने कोई टेस्ट सीरीज़ जीती तो यह माना गया कि वे टेस्ट क्रिकेट में अजेय हैं। श्रीलंका के खिलाफ दो टेस्ट सीरीज़ जीतने के बाद भारतीय क्रिकेट प्रशंसक यह मान बैठे थे कि टीम इंडिया को हराना बहुत ही मुश्किल है।
हालांकि दक्षिण अफ्रीका और इंग्लैंड के दौरा पर भारतीय टीम संघर्ष करते नज़र आई। ना केवल टीम को इन दोनों सीरीज़ में शर्मनाक हार का सामना करना पड़ा बल्कि भारत की मजबूत बल्लेबाज़ी लाइन-अप की पोल खुल गयी।
अब टीम इंडिया को ऑस्ट्रेलिया के महत्वपूर्ण दौरे से पहले घरेलू मैदान पर वेस्टइंडीज़ के खिलाफ वनडे और टेस्ट सीरीज़ खेलनी है, जिससे टीम को कई नुकसान होंगे।
आइये जानते हैं ऑस्ट्रेलिया दौरे से पहले विंडीज़ के खिलाफ खेलने से टीम इंडिया को होने वाले तीन नुकसानों के बारे में:
1) भारत में सीरीज़ खेलना सही फैसला नहीं
ऑस्ट्रेलिया में भारत के मुकाबले तेज़ पिच हैं। ऐसे में ऑस्ट्रेलिया दौरे से पहले भारत के घरेलू मैदान पर वेस्ट इंडीज़ के खिलाफ टेस्ट और वनडे सीरीज़ खेलने को उचित नहीं ठहराया जा सकता क्योंकि यहां की गई तैयारी भारतीय टीम के ऑस्ट्रेलिया दौरे में काम नहीं आएगी।
इससे अच्छा तो यह होता कि टीम इंडिया ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ ज़्यादा अभ्यास मैच खेलती, जिससे वहाँ कि परिस्थितियों से बेहतर तालमेल बैठाया जा सकता।
2) कमज़ोर टीम के खिलाफ खेलने से नहीं हो सकेगी तैयारी
इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता कि वर्तमान में वेस्टइंडीज़ टीम भारत से काफी कमज़ोर है। पिछली बार उन्होंने 2012 में किसी बड़ी टीम के खिलाफ टेस्ट श्रृंखला जीती थी। इस समय टेस्ट रैंकिंग में भारत नंबर 1 जबकि विंडीज़ टीम आठवें नंबर पर है।
वहीं, ऑस्ट्रेलियाई टीम की बात करें तो वह नंबर 3 पर है। ऐसे स्थिति में, भारतीय खिलाड़ियों को अपने से कमज़ोर टीम के खिलाफ खेलने से अपने खेल के स्तर को सुधारने के लिए मजबूत चुनौती नहीं मिल पायेगी।
हालांकि वेस्टइंडीज़ ने पिछले एक साल में अपने प्रदर्शन में सुधार किया है, लेकिन उनके अधिकांश खिलाड़ी टेस्ट क्रिकेट नहीं खेले हैं और अनुभवहीन हैं। इसकी जगह टीम इंडिया किसी बड़ी टीम के खिलाफ खेलती तो उन्हें चुनौती मिलती और ऑस्ट्रेलिया के महत्वपूर्ण दौरे से पहले खिलाड़ियों को अपनी गलतियां सुधारने का मौका मिलता।
#3) सलामी जोड़ी का चयन होगा मुश्किल
हाल ही में समाप्त हुए इंग्लैंड दौरे में भारतीय बल्लेबाज़ों के तकनीकी कौशल पर सवाल उठे थे। हालाँकि यह पहला मौका नहीं था, इससे पहले दक्षिण अफ्रीका दौरे में भारतीय बल्लेबाज़ संघर्ष करते नज़र आये थे।
टीम इंडिया ने अफगानिस्तान के खिलाफ बेंगलुरु में एकमात्र टेस्ट खेला जिसमें भारत के सलामी बल्लेबाज़ों ने शानदार प्रदर्शन किया और यह उम्मीद की जा रही थी कि वे अपना यह प्रदर्शन इंग्लैंड दौरे में भी जारी रखेंगे लेकिन ऐसा हो ना सका। इंग्लैंड की तेज़ पिचों पर भारतीय सलामी बल्लेबाज़ संघर्ष करते नज़र आये।
पृथ्वी शॉ पहले मैच में केएल राहुल के साथ बल्लेबाज़ी की शुरुआत कर सकते हैं। हालांकि यह सलामी जोड़ी ऑस्ट्रेलिया दौरे में सफलता की गारंटी नहीं हो सकती। ऐसे में अगर वेस्टइंडीज़ के खिलाफ प्रदर्शन के आधार पर सलामी जोड़ी का चयन होता है तो यह सही नहीं होगा।