इस साल भारत का साउथ अफ़्रीकी दौरा बेहद यादगार रहा है, अब ये अंतिम पड़ाव में पहुंच गया है। टी-20 सीरीज़ का पहला मैच टीम इंडिया ने 28 रन से जीता है। भारत टेस्ट सीरीज़ 1-2 से हारी है और वनडे सीरीज़ पर 5-1 से कब्ज़ा जमाया है। टीम इंडिया की कोशिश है कि इस दौरे की आख़िरी सीरीज़ को भी अपने नाम किया जाए। अब सभी का ध्यान 3 मैच की टी-20 सीरीज़ पर आ चुका है। टीम इंडिया इस सीरीज़ में फ़िलहाल 1-0 से आगे है। टीम इंडिया ने इस सीरीज़ को जीतने की पूरी तैयारी कर ली है। कप्तान कोहली की कोशिश है कि उन खिलाड़ियों को भी मौक़ा मिले जिन्हें कम खेलने का मौक़ा मिला है। कुछ खिलाड़ी ऐसे भी हैं जिनके लिए ये सीरीज़ ‘करो या मरो’ जैसी है. अगर वो टीम इंडिया के लिए इस सीरीज़ में शानदार प्रदर्शन नहीं कर पाते हैं तो उनका टी-20 करियर हमेशा हमेशा के लिए ख़त्म हो सकता है। हम यहां ऐसे ही 3 खिलाड़ियों के बारे में बता रहे हैं।
#3 शिखर धवन
पिछले कुछ टी-20 सीरीज़ में टीम इंडिया में शिखर धवन से ज़्यादा केएल राहुल को तरज़ीह दी गई है। शिखर धवन और केएल राहुल दोनों ही रोहित शर्मा के साथ टीम के लिए ओपनिंग करते हैं। टीम के चयनकर्ताओं को हमेशा अन्य विकल्प की तलाश होती है। ऐसे में धवन को इस सीरीज़ में शानदार प्रदर्शन करना होगा। अंतरराष्ट्रीय टी-20 में धवन का प्रदर्शन कुछ ख़ास नहीं रहा है। 29 टी-20 मैचों में उनका औसत 23.65 और स्ट्राइक रेट 123.49 का रहा। शिखर को हमेशा अहम मैच में अच्छा न खेलने के लिए ज़िम्मेदार ठहराया जाता रहा है। चूंकि शिखर धवन इस साल शानदार फ़ॉम में चल रहे हैं। ऐसे में टीम मैनेजमेंट ने उनपर एक बार फिर भरोसा जताया है। हालांकि ये आंकड़ें जोहांसबर्ग में हुए पहले टी20 के पहले के हैं, पहले टी20 में धवन ने शानदार 72 रनों की पारी खेलते हुए अपनी जगह पक्की करनी की ओर क़दम बढ़ा दिया है। इससे पहले हाल में ख़त्म हुई वनडे सीरीज़ में उन्होंने 64 की औसत 320 रन बनाए हैं। वो इस सीरीज़ में दूसरे सबसे ज़्यादा रन बनाने वाले बल्लेबाज़ बने हैं। शिखर चाहते हैं कि उनका ये शानदार प्रदर्शन टी-20 सीरीज़ में बरक़रार रहे जिससे वो टी-20 में बेहतर करियर बना सकें।
#2 मनीष पांडेय
भारत ने मध्य क्रम में कई बल्लेबाज़ों को आज़माया है लेकिन ज़्यादा कामयाबी नहीं मिल पाई है। इस बात में कोई शक नहीं है कि मनीष पांडेय एक शानदार मध्य क्रम के बल्लेबाज़ हैं, लेकिन वो टीम इंडिया के लिए कुछ ख़ास नहीं कर पाए हैं, न ही वो टीम में अपनी जगह। साल 2015 में उन्होंने अपने अंतरराष्ट्रीय करियर की शुरुआत की थी। अब तक वो 22 वनडे और 16 टी-20 मैच खेल चुके हैं। हांलाकि उनके हुनर की हमेशा तारीफ़ की जाती है लेकिन अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में वो ख़ुद को ज़्यादा साबित नहीं कर पाए हैं। उनका अंतरराष्ट्रीय करियर काफ़ी मुश्किल दौर से गुज़र रहा है। ऐसे में उनको इस सीरीज़ में शानदार खेल दिखाना ही होगा। जोहांसबर्ग में खेले गए पहले टी20 में भी मनीष पांडेय का प्रदर्शन साधारण रहा था, वह अंत तक नाबाद ज़रूर रहे लेकिन उनकी रन बनाने की गति बेहद साधारण थ, पांडे का स्ट्राइक रेट 100 के आस पास ही रहा।
#1 सुरेश रैना
ये कहना ग़लत नहीं होगा कि सुरेश रैना का टी-20 में चयन उनके प्रदर्शन की बदौलत नहीं, बल्कि टीम इंडिया की ज़रूरत के हिसाब से हुआ है। भारत को एक अच्छे मध्य क्रम बल्लेबाज़ की ज़रुरत थी इसलिए रैना को मौक़ा मिला है। घरेलू सर्किट में रैना का हाल का प्रदर्शन कुछ ख़ास नहीं रहा है, ऐसे में उन्हें चुने जाने से कई सवाल खड़े हो गए हैं। रैना एक हरफ़नमौला क्रिकेटर हैं वो न सिर्फ़ अच्छी बल्लेबाज़ी, बल्कि ज़रूरत पड़ने पर ऑफ़ स्पिन भी कर सकते हैं। सीरीज़ के पहले टी-20 मुक़ाबले में रैना ने 7 गेंदों में 15 रन बनाए थे। अब इस सीरीज़ के 2 मैच बाक़ी हैं रैना के लिए ये बेहद ज़रूरी है कि वो शानदार प्रदर्शन करें ताकि इंग्लैंड दौरे पर उन्हें टीम इंडिया में खेलने का मौक़ा मिल सके। अगले साल आईसीसी वर्ल्ड कप भी होने वाला है ऐसे में रैना के लिए ये सीरीज़ काफ़ी अहम है। लेखक – cricwiz7 अनुवादक – शारिक़ुल होदा