अंतररराष्ट्रीय क्रिकेट में खिलाड़ियों के शॉट और उनकी दूरी से महानता और आक्रामकता का पता चलता है। स्टेडियम भी इसमें अहम भूमिका निभाते हैं। छोटे मैदानों में सही टाइमिंग नहीं होने वाले शॉट भी छह रन के लिए चले जाते हैं। ऑस्ट्रेलिया का मेलबर्न क्रिकेट ग्राउंड सबसे बड़ा माना जाता है, इसकी दर्शक क्षमता भी काफी ज्यादा है। सबसे छोटे मैदानों में न्यूजीलैंड के मैदान आते हैं। इंग्लैंड में क्रिकेट मैदानों की लम्बाई औसत होती है। भारत में ज्यादातर क्रिकेट मैदान छोटे होते हैं लेकिन कुछ जगह बड़े मैदान भी है और आज हम आपको उनसे ही रूबरू कराएंगे।
3. JSCA इंटरनेशनल स्टेडियम कॉम्प्लेक्स, रांची
इसका निर्माण 2010 में हुआ और यह झारखंड राज्य क्रिकेट संघ ने बनवाया। झारखंड राज्य क्रिकेट संघ ने रांची में अंतरराष्ट्रीय मैच कराने के लिए इसका निर्माण कराया। झारखंड की रणजी टीम का यह घरेलू मैदान है। भारत के खूबसूरत मैदानों में इसका नाम आता है। इसकी बाउंड्री की लम्बाई 70 से 75 मीटर है तथा दर्शकों के बैठने की क्षमता 40 हजार है। यहां अब तक 1 टेस्ट, 4 वन-डे और 1 टी20 अंतरराष्ट्रीय मैच खेला जा चूका है।
2. पंजाब क्रिकेट एसोसिएशन स्टेडियम, मोहाली
नवम्बर 1993 में हीरो कप में भारत और दक्षिण अफ्रीका के बीच वन-डे मैच से इसका उद्घाटन हुआ। इस मैदान की फ्लड लाईट बाकी मैदानों से अलग है। इसमें 16 पॉल लगाकर लाईट लगाई गई है। चंडीगढ़ हवाई अड्डे से उड़ने वाले विमानों के लिए लाईट के खम्बे कम उंचाई पर लगे हुए हैं। दर्शक क्षमता की बात करें तो यहां 26 हजार से ज्यादा लोग बैठ सकते हैं। मैदान की बाउंड्री लाइन 70 से 80 मीटर लम्बी है। भारत का दूसरा सबसे बड़ा मैदान इसे कहा जा सकता है। पंजाब की रणजी टीम का यह घरेलू मैदान है।
1. विदर्भ क्रिकेट एसोसिएशन स्टेडियम, नागपुर
नागपुर में यह नया मैदान भी कहा जा सकता है। यह भारत का सबसे बड़ा अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट ग्राउंड है। फील्ड एरिया और बाउंड्री लाइन की दूरी काफी ज्यादा है । यह तकरीबन 80 मीटर है। खिलाड़ियों को छक्के लगाने के लिए यहां सोचना पड़ता है। एक बार में 45 हजार दर्शक यहां मैच देख सकते हैं। विदर्भ क्रिकेट संघ के पुराने स्टेडियम को बदलकर इसे बनाया गया है। रणजी ट्रॉफी के लिए यह विदर्भ की टीम का घरेलू मैदान है। स्टेडियम में मौजूद सुविधाओं को लेकर कई अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी इसकी तारीफ कर चुके हैं। यहां की पिच स्पिन गेंदबाजों के लिए वरदान साबित होती है। विदेशी टीमों के बल्लेबाजों का यहां टिकना काफी मुश्किल होता है।