3 शानदार पारियां जिन्होंने भारतीय क्रिकेट के पैमाने को ही बदल दिया

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भारतीय क्रिकेट टीम में ऐसी कई परफॉर्मेंस देखी गई हैं जिनके कारण भारतीय बल्लेबाजों ने अपनी बैटिंग के दम पर अपने फैंस के दिलों में जगह बनाई और दुनिया भर के एक्सपर्टों से तारीफें बटोरी हैं। भारतीय क्रिकेट टीम के बल्लेबाजों ने जिस तरह से खुद को पूरी दुनिया के सामने साबित किया है वो भी अपने आप में काबिल-ए-तारीफ है। ऐसी कई पारी है जिनमें भारतीय क्रिकेट टीम में अपनी दमदार बल्लेबाजी के दम पर दुनिया भर के लोगों को हैरान कर दिखाया है। खुद क्रिकेट के भगवान माने जाने वाले सचिन तेंदुलकर भी मानते हैं कि दुनिया भर में किसी भी दूसरे देश की क्रिकेट टीम के मुकाबले भारतीय क्रिकेट टीम सबसे कम समय में सबसे ज्यादा मजबूत बनकर सामने आई है।


#3 सुनील गावस्कर की इंग्लैंड के खिलाफ 1979 में 221 रनों की पारी

PCA Indian Dinner at Lord's

उन दिनों किसी भी बैट्समैन के जरिए खेली गई ये एक ऐसी पारी थी जिसकी चर्चा दुनिया भर में की जा रही थी। चौथे टेस्ट मैच में भारत को इंग्लैंड ने 438 रनों का लक्ष्य दिया था। धुरंधर बल्लेबाज सुनील गावस्कर मैदान में चेतन चौहान के साथ इस लक्ष्य का सामना करने उतरे। दोनों ने 213 रनों की साझेदारी की। इसके बाद बॉब विल्स ने चेतन चौहान का पहला विकेट झटक लिया लेकिन सुनील गावस्कर का बल्ला इसके बाद भी थमने का नाम नहीं ले रहा था।

इसके बाद नंबर तीन पर मैदान में उतरे बल्लेबाज दिलीप वेंगसकर के साथ साझेदारी करते हुए गावस्कर मे एक शतक और जड़ दिया। वेंगसरकर के साथ मिलकर गावस्कर ने 366 रनों का स्कोर बना दिया था। इस पारी के दौरान गावस्कर ने स्ट्रेट ड्राइव्स, स्कवायर कट्स और एपलोम्ब के साथ फ्लिक्स सभी शॉट्स खेले। 389 रनों का स्कोर बनाने के बाद बोथम की बॉल पर गावस्कर कैच आउट हो गए थे। गावस्कर ने इस दौरान 221 रनों की शानदार पारी खेली थी जिसने दुनिया भर के एक्सपर्टों को हैरान कर दिया था।

490 मिनट की इस पारी के दौरान गावस्कर ने 21 बाउंड्री शॉट्स खेले थे। ऐसी शानदार पारी के बाद उन्हें इंग्लिश टीम की ओर से स्टेंडिंग ओवेशन के जरिए सम्मान दिया गया था जो अपने में काफी अहम बात है। हालांकि ये टेस्ट मैच ड्रा हो गया था भारत ने पांचवें दिन 8 विकेट खोकर 429 रन बनाए थे। ये दूसरी बार था जब भारतीय क्रिकेट टीम 400 से ज्यादा रनों का लक्ष्य पाने के लिए मैदान में उतरी थी। इस इनिंग के बाद भारतीय क्रिकेट में पहले से कहीं ज्यादा आत्मविश्वास पैदा हो गया था क्योंकि टीम इतने बड़े लक्ष्य की प्राप्ति के काफी करीब पहुंच चुकी थी।

#2 कपिल देव की 1983 वर्ल्ड कप में जिम्बाब्वे के खिलाफ 175 रनों की नबाद पारी

Kapil Dev India 175 not out V Zimbabwe 1983 Cricket World Cup

1983 वर्ल्ड कप मैच में भारतीय क्रिकेट टीम जिम्बाब्वे के खिलाफ बल्लेबाजी करने उतरी। उस समय टॉप आर्डर में क्रिकेटर सुनील गवस्कर, के श्रीकांत, मोहिंदर अमरनाथ और संदीप पाटिल के नाम थे। ये सभी बहुत जल्दी आउट हो गए। उस समय टीम इंडिया का स्कोर 5 विकेट पर 17 रन था। ऐसे में कपिल देव अपने ही अंदाज मे मैदान में आए और क्रीज संभाली।

रोजर बिन्नी के साथ मिलकर कपिल देव ने स्कोर को 77 रन पर पहुंचा दिया। इसके बाद जॉन ट्राईकोस ने बिन्नी का विकेट झटक लिया। कपिल देव बेहद सावधानी से खलने लगे क्योंकि वो किसी भी गलती के कारण एक और विकेट नहीं खोना चाहते थे। उनके साथ रवि शास्त्री मैदान में उतरे लेकिन वो भी बहुत जल्दी आउट हो गए। स्कोर था 78 रनों पर 7 विकेट। ऐसे में क्रिकेटर मदन लाल कपिल देव के साथ खेलने के लिए उतरे और बहुत जल्द इस जोड़ी मे टीम इंडिया को खतरे से बाहर निकाल दिया।

भारतीय क्रिकेट टीम का ऐसा प्रदर्शन देख कपिल देव को काफी गुस्सा आ रहा था। जिसके कारण वो एग्रेसिव मोड में आ गए और फिर उन्होंने गेंदबाजों के पसीने छुड़ाने शुरू किए। एग्रेसिव मोड में आने के बाद कपिल देव ने पूरे स्टेडियम में शॉट्स मारने शुरू कर दिए। इसके बाद इस जोडी ने स्कोर को 140 रनो तक पहुंचा दिया। इस स्कोर पर पहुंचने के बाद मदन लाल को केविन करन ने आउट कर दिया। इस विकेट के बाद सैयद किरमानी कपिल देव के साथ स्ट्राइक संभालने आए।

कपिल देव अभी भी अपने एग्रेसिव मोड में खेल रहे थे। जिसके बाद 60 ओवर में टीम इंडिया का स्कोर 9 विकेट पर 266 रन हो गया था। इस मैच में कपिल देव ने 138 गेंदों पर 175 रन बनाए थे। इस पारी के दौरान कपिल देव के 16 चौके और छक्के शामिल हैं। वहीं मैच की बात करें तो इस मैच में जिम्बाब्वे को भारत ने 235 रनों पर समेट दिया था और मैच अपने नाम कर लिया था। कपिल देव की इस पारी ने सभी को कभी हार न मानने की सीख दी थी।

#1 2001 में वीवीएस लक्ष्मण की ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ कोलकाता में 281 रनों की पारी

Second Test - Day Five: India v Australia

2001 में ऑस्ट्रेलिया के साथ सीरीज के दूसरे टेस्ट मैच में ऑस्ट्रेलिया ने पहली इनिंग में 455 रन का स्कोर बना दिया था। वही पहली इनिंग में 171 रनों पर टीम इंडिया आउट हो गई थी। इस मैच को किसी तरह वीवीएस लक्ष्मण ने संभाला। ओपनर शिव सुंदर दास और सदागोप्पन ने अच्छी शुरुआत की लेकिन शिव 39 और सदागोप्पन 30 रन बनाकर आउट हो गए। वहीं सचिन तेंदुलकर भी इस मैच में 10 रन बनाकर पवेलियन लौट गए।

लक्ष्मण और सौरभ गांगुली ने मैच को संभालते हुए 232 स्कोर बना दिया। इसके बाद उस समय के कप्तान सौरभ गांगुली भी आउट हो गए। जिम्मेदारी के साथ खेल रहे लक्ष्मण के साथ राहुत द्रविड़ मैदान में उतरे। ये जोड़ी इतिहास की सबसे शानदार पार्टनरशिप के रूप में सामने आई। मैच में इस जोड़ी ने ऑस्ट्रेलिया के शेन वॉर्न, जेसन गिलिस्पाई और ग्लेन मैकग्राथ जैसे क्रिकेटरों के पसीने छुड़ा दिए। ऑस्ट्रेलिया टीम ने विकेट लेने कि हर संभव कोशिश की लेकिन लक्ष्मण मस्त होकर खेलते रहे।

जब वीवीएस लक्ष्मण का विकेट हुआ उस समय स्कोर 608 रनों पर 5 विकेट था। इस मैच में लक्ष्मण ने 452 गेंदों पर 281 रन बनाए थे। द्रविड़ ने भी इस मैच में शानदार पारी खेलते हुए 180 रन बनाए थे। दोनों की ये साझेदारी आज भी ऐतिहासिक पारियों में याद की जाती है। इस पारी के लिए लक्ष्मण को सभी से स्टेंडिंग ओवेशन मिला था। भारत ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ ये मैच 171 रनों से जीता था। इस पारी के बाद से भारतीय क्रिकेट टीम की दुनिया भर में चर्चा होने लगी थी।

लेखक: प्रवीर राय

अनुवादक: हिमांशु कोठारी