तिलकरत्ने दिलशान ने कुछ दिन पहले संन्यास लेकर श्रीलंकाई क्रिकेट को अभूतपूर्व क्षति पहुंचाई है। करियर के शुरुआती दिनों में फॉर्म की उठापटक ने दिलशान को मध्यक्रम के बल्लेबाज़ से श्रीलंका का विस्फोटक सलामी बल्लेबाज़ बना दिया। चयनकर्ताओं के 2019 वर्ल्डकप को देखते हुए नई टीम तैयार करने के रोडमैप और बढ़ती उम्र को देखते हुए दिलशान ने अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट को अलविदा कह दिया। दिलशान ने वनडे और टी-20 दोनों फॉर्मेट को अलविदा कह दिया है। इससे पहले साल 2013 में उन्होंने टेस्ट को भी बाय बोल दिया था। दिलशान की बल्लेबाज़ी दर्शकों को आकर्षित करती थी। वह बिग हिटर बल्लेबाज़ थे, जो दर्शकों का मनोरंजन करते थे। दिलशान का करियर 17 साल का रहा ऐसे में उनके जाने से श्रीलंकाई क्रिकेट को बड़ा नुकसान हुआ है, जिनमें से 5 के बारे में हम आपको बता रहे हैं: #1 श्रीलंका के स्वर्णिम युग के अंतिम सदस्य श्रीलंका में बीते वर्षों में कई नामचीन क्रिकेटर हुए हैं, जिनमें अर्जुन रणतुंगा, अरविन्द डीसिल्वा और सनथ जयसूर्या के साथ-साथ चमिंडा वास और मुथैया मुरलीधरन जैसे दिग्गज शामिल हैं। इसके अलावा महेला जयवर्धने, कुमार संगकारा और तिलकरत्ने दिलशान की त्रिमूर्ति ने लम्बे समय तक श्रीलंकाई क्रिकेट की सेवा की। महेला जयवर्धने ने साल 2015 के वर्ल्डकप के खत्म होते ही संन्यास की घोषणा कर दी। उसके बाद उनके दोस्त कुमार संगकारा ने कुछ महीने के बाद क्रिकेट को अलविदा कह दिया। और अब दिलशान के जाने श्रीलंकाई बल्लेबाज़ी बिलकुल ही नए अंदाज में दिखेगी। दिलशान बड़े मैच के बल्लेबाज़ थे। वह कभी भी बड़े मैच के दबाव से डरते नहीं थे। ऐसे में उनके जाने से श्रीलंकाई क्रिकेट की बड़ी क्षति हुई है। #2 रनमशीन इसमें कोई दो राय नहीं है कि तिलकरत्ने दिलशान श्रीलंका के लिए रन मशीन थे। उन्होंने देर से ही लेकिन जब दशक बदला तो वह तीनों फॉर्मेट में कभी रुके नहीं। वह चौथे ऐसे श्रीलंकाई खिलाड़ी बने जिसने 10 हजार से ज्यादा रन बनाया है। इससे पहले जयसूर्या, संगकारा और जयवर्धने के नाम इतने रन हैं। दिलशान ने टेस्ट में 5 हजार, वनडे में 10 हजार और टी-20 में 2 हजार के करीब रन बनाये हैं। टी-20 के फॉर्मेट में वह सुपरस्टार माने जाते थे। उनके खेलने का तरीका इस छोटे प्रारूप में काफी फिट बैठता था। #3 आक्रामक अंदाज आज दुनिया में कई बल्लेबाजों के स्ट्राइक रेट काफी ज्यादा हैं, दिलशान उन्हीं में से एक हैं। वह दुनिया के ऐसे बल्लेबाज़ थे जो मैच का रुख अकेले दम पर पलटने में माहिर थे। यदि भारत के पास वीरेन्द्र सहवाग थे तो श्रीलंका के पास दिलशान। वनडे में दिलशान का स्ट्राइक रेट 86 और टी-20 में 120 के करीब है। विपक्षी गेंदबाज़ उनके सामने अक्सर घुटने टेक दिया करते थे। उनके शॉट में एक अलग ही रेंज हुआ करती थी। #4 नए शॉट इजाद करने वाला स्ट्रेट ड्राइव, कवर ड्राइव, दिलस्कूप, पुल शॉट, हुक दिलशान के तरकश के खतरनाक शॉट हैं। जिनमें दिलस्कूप का इजाद दिलशान ने अपनी अदभुत क्षमता से किया। “दिलस्कूप” शॉट लेंथ गेंद पर आक्रामकता में खेला जाने वाला शॉट है। ये विकेटकीपर के ऊपर से सीमा पार पहुंचता है। सीमित ओवर के क्रिकेट में इसका काफी चलन है। कई बल्लेबाजों ने इस शॉट को खेलने की हिम्मत की लेकिन दिलशान जैसी कुशलता और सुन्दरता किसी में नहीं दिखी। दिलस्कूप के अलावा दिलशान कट और पुल भी बड़े निराले अंदाज में खेलते थे। जिससे गेंदबाज़ असहज हो जाता था। #5 गेंदबाज़ी और फील्डिंग दिलशान को दुनिया का बेहतरीन फील्डर माना जाता है। ये बात आज के दिनों में सच साबित होती है, क्योंकि 39 की उम्र में भी वह उतने ही फुर्तीले रहे। बैकवर्ड पॉइंट हो या मैदान का कोई भी कोना हो दिलशान अपनी क्षमता से मुश्किल से मुश्किल कैच को आसान बना दिया करते थे। वह काफी प्रभावी गेंदबाज़ भी थे। वह उन खिलाड़ियों की श्रेणी में आते हैं, जिसने 100 विकेट और 10 हजार रन भी बनाये हैं। वह एक बेहतरीन ऑफ़ स्पिनर थे। जो कप्तान के लिए काफी उपयोगी साबित होते थे। जो जरूरत के समय विकेट निकालने में सक्षम थे।