ऑस्ट्रेलिया के सर्वकालीन 10 महान टेस्ट क्रिकेटर

क्रिकेट को अनिश्चितताओं का खेल कहा जाता है। बांग्लादेश और ऑस्ट्रेलिया के बीच खेली गयी टेस्ट सीरीज का पहला मैच बांग्लादेश ने जीत कर सबको हैरान कर दिया। ऐसे में प्रतिष्‍ठा का प्रश्‍न बने दूसरे यानि चटगांव टेस्‍ट को सात विकेट से जीतकर ऑस्‍ट्रेलिया ने बांग्लादेश खिलाफ दो टेस्‍ट मैचों की सीरीज 1-1 से बराबर करा ली। पहले टेस्‍ट में 20 रन से हुई बार के बाद ऑस्‍ट्रेलियाई टीम अपने देश में खेलप्रेमियों और क्रिकेट समीक्षकों के निशाने पर थी।

हालांकि क्रिकेट में ऐसा अक्सर देखने को मिलता है लेकिन इससे हम ऑस्ट्रेलिया टीम को कमजोर नहीं आंक सकते है। ऑस्ट्रेलिया क्रिकेट इतिहास के सबसे ताकतवर देशों में शामिल रहा है। इसने टेस्ट और ओडीआई दोनों में ही सफलता के शिखर को छूआ है। टेस्ट में ऑस्ट्रेलिया को दिग्गजों की श्रेणी में गिना जाता है, इस टीम ने दो- दो बार बिना किसी हार के लगातार 16 टेस्ट मैच अपने नाम किये हैं।

पिछले कुछ सालों में ऑस्ट्रेलिया में कई महान क्रिकेटर रह चुके हैं, जिन्होंने देश का प्रतिनिधित्व किया है और वे सभी समय के साथ सबसे महान क्रिकेटर की लिस्ट में शुमार हो गए। आईये उन शीर्ष दस ऑस्ट्रेलियाई टेस्ट क्रिकेटरों पर नजर डालते हैं-

#10 मैथ्यू हेडन

ऑस्ट्रेलिया के बेहतरीन और सबसे विस्फोटक सलामी बल्लेबाजों में से एक मैथ्यू हेडन ने 1994 में अपना पहला टेस्ट मैच खेला लेकिन वह 2000 में न्यूज़ीलैंड टूर के पहले तक ऑस्ट्रेलिया के लिए नियमित सलामी बल्लेबाज नहीं बने सके, जहां उन्होंने हेमिल्टन में अंतिम टेस्ट की दोनों पारी में अर्धशतक बनाया।

हेडन बाद में ऑस्ट्रेलिया के बेहतरीन टेस्ट बल्लेबाजों में से एक बन गए और जस्टिन लैंगर के साथ एक शानदार सलामी जोड़ी बना ली। 2003 में हेडन ने जिम्बाब्वे के खिलाफ 380 रन बनाकर टेस्ट क्रिकेट में ब्रयान लारा द्वारा बनाये गये सर्वोच्च स्कोर 375 को पीछे छोड़ दिया। हालांकि उनका यह रिकॉर्ड लारा के द्वारा ही तोड़ा गया था लेकिन उनका वह स्कोर टेस्ट क्रिकेट में किसी ऑस्ट्रेलियाई का सर्वोच्च स्कोर है।

मैथ्यू हेडन केवल एकमात्र क्रिकेटर है जिसने पांच बार एक कैलेंडर ईयर में 1000 से अधिक रन बनाये हैं, जो कि 2001-2005 के दौरान रहे हैं। हेडन भी एक शानदार स्लिप फील्डर रहे हैं, जिसने टेस्ट में 128 कैच लिये थे।

इस बाएं हाथ का बल्लेबाज ने 103 मैचों की पारियों में 50.73 की औसत के साथ 8625 रन (ऑस्ट्रेलिया के लिए पांचवां अत्यधिक स्कोर) बनाए। जिसमें 29 अर्धशतक और 30 शतक शामिल थे।

#9 ग्रेग चैपल

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वनडे की आखिरी गेंद में अंडर आर्म गेंदबाजी, भारत के बेहतरीन कप्तान में से एक के साथ टकराव, भारतीय खिलाड़ियों की कोचिंग और कॉन्ट्रोवर्सी, ग्रेग चैपल और विवादों का चोली दामन का साथ रहा है। लेकिन हम इससे इनकार नहीं कर सकते हैं कि वह दुनिया के सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाजों में से एक रहे हैं।

चैपल ने इंग्लैंड के खिलाफ अपनी पहली टेस्ट सीरीज में शतक लगाया और इस प्रारूप के सबसे महत्वपूर्ण खिलाड़ियों में से एक बन गए। चैपल ने अनूठे स्ट्रोक खेलने की तकनीक का आविष्कार किया जहां उन्होंने गेंद को मिड-ऑफ और मिड-ऑन के बीच एक सीमित वृत चाप में खेला।

1974 में चैपल ने वेलिंग्टन में न्यूजीलैंड के खिलाफ एक टेस्ट में 247 और 133 रन बनाये थे, जो एक टेस्ट मैच में सबसे ज्यादा रन बनाने के लिए रिकॉर्ड था जब तक कि ग्राहम गूच ने 1990 में इसे नहीं तोड़ा था।

14 साल के लंबे टेस्ट करियर के दौरान चैपल ने 87 मैचों में 53.86 की औसत से 7110 रन बनाये हैं जिसमें 31 अर्धशतक और 24 शतक शामिल रहे हैं। इसके अलावा चैपल पार्ट टाइम बॉलर भी थे जिसमें उनके नाम 46 विकेट रहे। सिडनी में पाकिस्तान के खिलाफ 1972 में एक टेस्ट के दौरान चैपल ने अपना सर्वश्रेष्ठ बॉलिंग प्रदर्शन करते हुए 61 पर 5 विकेट झटके। उनके रिटायरमेंट के दौरान उनके नाम टेस्ट क्रिकेट में 122 कैच लेने का भी रिकॉर्ड दर्ज हुआ।

अपनी आखिरी टेस्ट पारी में 182 रन खेलने वाले चैपल उन चार खिलाड़ियों की सूची ( विलियम पोन्सफोर्ड, आर डफ और मोहम्मद अजहरुद्दीन) में शामिल हो गये जिन्होंने अपनी पहली और आखिरी पारी में शतक लगाया था।

# 8 डेनिस लिली

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इतिहास के सबसे महान तेज गेंदबाजों में से एक डेनिस लिली के पास अपने करियर की शुरुआत में ऑस्ट्रेलियाई टीम के साथ उनका समय बहुत आसान नहीं रहा क्योंकि उन्हें 70 के दशक के शुरुआती दिनों में बैक की समस्या से निपटना पड़ा था। हालांकि लिली में लड़ाई की भावना ने उन्हें पूरी फिटनेस में वापस ला दिया और बाद में वह 1970 और 80 के दशकों के दौरान ऑस्ट्रेलिया की सबसे महत्वपूर्ण खिलाड़ियों में से एक बन गये।

लिली बेहद तेज गेंदबाज थे और अपने खेल के दिनों के दौरान सबसे ज्यादा खतरनाक गेंदबाजों में से एक थे। उन्होंने 1981 में टेस्ट मैचों में सबसे ज्यादा विकेट लेने वाला लांस गिब्स से आगे निकलने से पहले टेस्ट में सर्वाधिक विकेट लेने वाले ऑस्ट्रेलियाई रिची बेनॉड को पीछे छोड़ दिया।

लिली ने रॉडनी मार्श के साथ एक शानदार गेंदबाज/ विकेटकीपर और फील्डर साझेदारी की जिसमें लिली की बॉल पर मार्श ने 69 टेस्ट मैचों में 95 बार विकेट लेने का रिकॉर्ड बनाया, यह रिकॉर्ड अभी तक कायम है।

लिली एक सफलतम गेंदबाज रहे इनके गवाह आंकड़े हैं। लिली ने 70 टेस्ट मैच में 355 विकेट लिये जिसमें 23 बार पांच विकेट चटकाए हैं। इसके अलावा लिली ने बैट से योगदान देते हुए 905 रन भी बनाए।

#7 एडम गिलक्रिस्ट

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खेल के इतिहास में सबसे महान विकेटकीपर बल्लेबाज में से एक गिलक्रिस्ट ने 28 वर्ष की उम्र तक इयान हिली की उपस्थिति के कारण अपने टेस्ट करियर का शुरूआत नहीं की। हेली को खराब प्रदर्शन के कारण बाहर कर दिया गया था और इसके बावजूद चयनकर्ता उन्हें पाकिस्तान के खिलाफ उनके घरेलू मैदान गाबा में विदाई मैच देना चाहते थे और तब गिली को अपना पहला टेस्ट मैच खेलने का मौका मिला।

गाबा ने उन्हें बहुत अच्छे से नहीं अपनाया और गिलक्रिस्ट का मैदान पर ठंडा स्वागत किया गया। लेकिन यह गिली के हौसले को 6 विकेट लेने (5 कैच और स्टंपिंग) और 81 रन बनाने से उन्हें रोका नहीं सका। गिलक्रिस्ट ने अपने दूसरे ही टेस्ट मैच में 149 रन बनाकर एक समय 126/5 संकट से जूझ रही ऑस्ट्रेलियाई टीम को 369 तक पहुंचाया।

जिसके बाद गिलक्रिस्ट ऑस्ट्रेलिया की टेस्ट टीम में एक नियमित खिलाड़ी बन गए थे और हालांकि उन्होंने वनडे में ओपनिंग से नंबर 7 तक पर बल्लेबाजी की फिर भी वह ऑस्ट्रेलिया के लिए बड़ा स्कोर बनाते रहे। गिलक्रिस्ट धीरे- धीरे टीम की मजबूत कड़ी बन गये और उन्हें किसी भी क्रम में बल्लेबाजी के लिए भेजा जाने लगा।

गिलक्रिस्ट की आक्रामक बल्लेबाजी ने ऑस्ट्रेलिया को अधिकतर मुश्किल की घड़ी से उबारा। गिली ने देरी से शुरूआत के बावजूद टेस्ट के 96 मैचों में 5570 रन बनाये 47.60 की औसत से और 81.95 की स्ट्राइक रेट के साथ जो कि टेस्ट में 5000 रन बनाने वाले किसी खिलाड़ी द्वारा दूसरा सर्वाधिक स्ट्राइक रेट है। गिली मार्क बाउचर के बाद दूसरे सबसे सफलतम टेस्ट विकेटकीपर हैं। जिसमें कुल 416 विकेट ( 379 कैच और 37 स्टंपिंग ) शामिल हैं।

#6 स्टीव वॉ

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ऑस्ट्रेलिया इतिहास के महानतम कप्तानों में से एक स्टीव वॉ अब तक के सबसे महान टेस्ट बल्लेबाज़ों में से एक है। 1987 में डेब्यू करने वाले वॉ अपने कैरियर में कुछ ही समय में ऑस्ट्रेलिया के जादुई खिलाड़ियों में से एक बन गए और उन्होंने ऑस्ट्रेलिया के खाते में लागातार 16 मैच जीत दिलायी।

ऑलराउंडर के तौर पर शुरुआत करने वाले वॉ को बैक में चोट लगने के कारण बॉलिंग से दूर होना पड़ा था लेकिन वह उनके लिये लाभदायक साबित हुआ क्योंकि उनकी बल्लेबाजी में बेहद सुधार देखने को मिला और वह यागे चलकर विश्व के महान बल्लेबाजों में शामिल हो गये।

वॉ में लंबी पारी खेलने की क्षमता थी और मैदान पर उनकी मौजूदगी गेंदबाजों के लिए एक दुःस्वप्न थी। लगभग दो दशकों तक चलने वाले करियर में वॉ ने 168 मैचों में 51.06 की औसत से 10, 927 रन 50 अर्धशतक और 32 शतक की मदद से बनाए। उन्होंने अपनी गेंदबाजी के तहत 92 विकेट जिसमें 3 बार 5 विकेट लेने का कारनामा भी किया। वॉ ने 112 कैच भी पकड़े।

#6 ग्लेन मैक्ग्रा

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अबतक विश्व में सबसे ज्यादा विकेट अपने नाम करने वाले तेज गेंदबाज ग्लेन मैक्ग्रा निस्संदेह ऑस्ट्रेलिया के सबसे सर्वश्रेष्ठ गेंदबाज हैं। मैक्ग्रा की सटीक रेखा और लंबाई ने उन्हें खतरनाक विकेट लेने वाले गेंदबाज बनाया और वह ऑस्ट्रेलियाई टीम का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बन गये, जिसने 90 से लेकर 2000 के मध्य तक क्रिकेट में राज किया था।

मैक्ग्रा उन कुछ चुनिंदा गेंदबाजों में शामिल हैं जिन्होंने दो बार एक पारी में आठ विकेट लेने का कारनामा किया है। मैक्ग्रा ने 1997 में इंग्लैंड और 2004 में पाकिस्तान पर अपना कहर बरपाया था। लगभग 14 साल के करियर में मैक्ग्रा ने 124 टेस्ट में 21.64 की औसत से 563 झटके हैं।

मैक्ग्रा के नाम 29 बार पांच विकेट लेने का रिकॉर्ड है, वहीं पाकिस्तान के खिलाफ 24 रन पर 8 विकेट उनकी सर्वश्रेष्ठ बॉलिंग थी।

#3 शेन वॉर्न

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क्रिकेट में रिची बेनॉड, लांस गिब्स और बीएस चंद्रशेखर जैसे कई शानदार स्पिनर थे जो अपने स्टाइल में माहिर थे। लेकिन तेज गेंदबाज के दौर में स्पिन गेंदबाजी शेन वॉर्न क्रांतिकारी बदलाव लेकर आये।किसी भी हालत में गेंद को टर्न कराने की क्षमता और अपनी शस्त्रागार में विभिन्न प्रकार की बॉलिंग के साथ वार्न ने हमेशा ऑस्ट्रेलिया के लिए दमदार प्रदर्शन किया और अपने पूरे करियर में कई बड़ी जीत हासिल करने में उन्हें मदद की।

वॉर्न ने 145 टेस्ट मैच में 25.41 की औसत से 708 विकेट अपने नाम किये हैं। जिसमें वॉर्न ने 37 बार पांच विकेट लेने का कारनामा किया है। इसके अलावा वॉर्न बैटिंग में भी अपना कारनामा दिखा चुके हैं। वॉर्न ने 12 अर्धशतकों के साथ 3145 रन बनाए हैं, जिसमें न्यूजीलैंड के खिलाफ बनाए गए 99 रन उनका सर्वाधिक स्कोर रहा है।

इसके अलावा फील्ड पर भी वॉर्न ने कमाल दिखाया है। वॉर्न ने 125 कैच पकड़े हैं जो किसी ऑस्ट्रेलियाई फील्डर द्वारा सातवां सर्वाधिक कैच हैं।

# ऐलन बॉर्डर

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ऑस्ट्रेलिया के एक और महान कप्तान एलन बॉर्डर अपने खेल के दिनों के दौरान दुनिया के सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाज थे और 1980 के दशक में टीम कप्तान होने के अलावा ऑस्ट्रेलिया के जादूगर भी थे। एक बल्लेबाज जो आक्रामक ढंग से ज्यादा समझदारी से खेलता है, बॉर्डर स्पिन गेंदबाजी के खिलाफ एक बहुत ही शानदार खिलाड़ी थे।

एक खराब स्थिति में ऑस्ट्रेलियाई टीम को संभालने के बाद बॉर्डर ने अपने नेतृत्व में ऑस्ट्रेलिया को एक मजबूत टीम बनाया और यह ऐसी नींव जो उन्होंने रखी जिस पर आगे चलकर स्टीव वॉ और रिकी पोंटिंग ने टीम को जीत दिलायी।

जब बॉर्डर रिटायर हुए तब तक उन्होंने अपने नाम सर्वाधिक रन बनाने का रिकॉर्ड कायम कर दिया। बॉर्ड ने 156 टेस्ट में 50.56 की बेहतरीन औसत से 11,174 रन बनाए। उन्होंने अपने टेस्ट करियर के दौरान 27 शतक और 63 अर्धशतक लगाये। इसके अलावा बॉर्डर ने 39 विकेट भी अपने नाम किये जिसमें बॉर्डर ने अपने सौंवे टेस्ट में सर्वश्रेष्ठ बॉलिंग का प्रदर्शन करते हुए 46 रन पर 7 विकेट लिये।

बॉर्डर ने लगातार बिना बाहर हुए 153 टेस्ट मैच खेलकर एक अनोखा रिकॉर्ड भी अपने नाम किया।

#2 रिकी पोटिंग

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अब तक के सबसे महान कप्तान और क्रिकेट इतिहास के सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाजों में से एक रिकी पोटिंग का करियर। 1995 में डेब्यू करने के बाद पोटिंग जल्द ही राष्ट्रीय टीम में नियमित खिलाड़ी बने गये।

पोटिंग के पास हर एक शॉट को खेलने की क्षमता और तकनीक थी और हुक व पुल शॉट खेलने में पोटिंग को महारत हासिल थी। पोटिंग टीम को जीत दिलाने के लिए कई यादगार पारियां खेलीं और एक कप्तान के रूप में, टीम को एकजुट कर उसे अजेय इकाई बनाया।

पोटिंग ने 168 टेस्ट मैचों में 51.85 के औसत से 13,378 रन बनाए। जिसमें 62 अर्धशतक और 41 शतक जमाए, भारत के खिलाफ 257 उनका सर्वोच्च स्कोर रहा। पोंटिंग बेहतरीन बल्लेबाज के साथ एक शानदार फील्डर भी थे उन्होंने 196 कैच अपने नाम भी किये। जो किसी भी फील्डर के लिए चौथा सबसे अधिक स्कोर है।

#1 डॉन ब्रेडमैन

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आप अंदाजा लगा सकते हैं इस सूची में पहले नंबर पर नाम किस खिलाड़ी होगा। जिसे पछड़ाने के लिए ऑस्ट्रेलिया में अभी तक कोई खिलाड़ी नहीं आ सका है। सिर्फ 20 साल की उम्र में डेब्यू करने के साथ सर डॉन 1930 और 40 के दशक के दौरान सबसे खतरनाक बल्लेबाज बन गये।

उनकी शानदार और सफल बल्लेबाजी ने ऑस्ट्रेलिया को एक मजबूत इकाई बनाया और साथ ही उन्हें इस खेल का एक प्रतिष्ठित व महान व्यक्ति बना दिया। बेहद ही मजबूत बल्लेबाज ब्रेडमैन किसी भी प्रकार की गेंद को खेलने में माहिर थे, अतिरिक्त बाउंस वाली गेंद को ब्रेडमैन हुक और पुल शॉट के साथ खेलकर उसे बाउंड्री के बाहर पहुंचा देते थे। उनका रुख ऐसा था कि वह अपने बचाव से समझौता किए बिना अच्छी तरह से गेंद खेलने में समक्ष थे।

लगभग दो दशक के अपने करियर में सर डॉन ब्रेडमैन ने 99.94 की अविश्वसनीय औसत से 6996 रन बनाए। जिसमें 13 अर्धशतक और 29 शतक शामिल रहे। वास्तव में सर ब्रेडमैन ऑस्ट्रेलिया के महानतम खिलाड़ी रहे हैं।

लेखक- निलाभ्रा रॉय

अनुवादक- सौम्या तिवारी