एक और लो स्कोरिंग मुकाबला लेकिन 50 ओवर के इस मैच में जीत टीम इंडिया को मिली। इस मैच को बाएं हाथ के स्पिनर मुरली कार्तिक कभी नहीं भुला पाएंगे। हरभजन सिंह और अनिल कुंबले के टीम में रहते हुए बहुत कम मौकों पर कार्तिक को टीम में खेलने का मौका मिलता था, लेकिन वानखेड़े पर मिले इस मौके को कार्तिक ने दोनों हाथों से लपका और खूब भुनाया। खचाखच भरे वानखेड़े के दर्शक ऑस्ट्रलिया के पतन के गवाह बने , मुरली के जादुई प्रदर्शन के सामने ऑस्ट्रेलिया एक समय 20वें ओवर में 117 रन पर 2 विकेट से 193 रन पर ऑलऑउट हो गया । मुरली कार्तिक ने 27 रन देकर 6 विकेट लिए और करियर का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया। रिकी पॉन्टिंग इस मुकाबले में अर्धशतक जड़ने वाले अकेले बल्लेबाज़ थे। लक्ष्य का पीछा करने उतरी भारतीय टीम की शुरुआत बेहद खराब रही और सौरव गांगुली और दिनेश कार्तिक बिना खाता खोले ही पवेलियन लौट गए। महज़ 64 रन पर 6 विकेट खोने के बाद भारत को हार सामने दिख रही थी , लेकिन तभी हरभजन सिंह और रॉबिन उथप्पा ने गज़ब की वापसी की दास्तां लिखी। उथप्पा के आउट होने से पहले दोनों ने सातवें विकेट के लिए 65 रन की साझदारी की और एक बार फिर ऑस्ट्रेलिया के लिए जीत के दरवाजे खुल गए। लेकिन भारतीय टेलएंडर्स के इरादे कुछ और ही थे और हरभजन सिंह और मुरली कार्तिक ने आठवें विकेट के लिए नाबाद 52 की साझेदारी कर भारत को 4 विकेट से यादगार जीत दिला दी । हालांकि इस सीरीज़ में भारत के लिए ये जीत काफी देर में आई और ऑस्ट्रेलियाई टीम सीरीज़ पहले ही अपने नाम कर चुकी थी।