इस मैच के शुरु होने से पहले ही भारतीय टीम टेस्ट सीरीज़ में 2-0 की अजय बढ़त बना चुकी थी उनकी निगाहें आने वाले ऑस्ट्रेलिया दौरे पर थी। लेकिन असल मायने में यही अर्थहीन मैच सीरीज़ का सबसे रोमांचक मैच था और वानखेड़े पर मौजूद तमाम दर्शक इस टेस्ट के आखिरी दिन के रोमांचक के गवाह बने । टेस्ट इतिहास में ये दूसरी बार हुआ जब कोई टेस्ट मैच टाई रहते हुए ड्रॉ हुआ । वेस्टइंडीज़ के टॉप 6 बल्लेबाज़ों ने शानदार बल्लेबाज़ी की और 500 रन का स्कोर पार किया जिसमें डैरन ब्रावो ने बड़ा शतक जमाते हुए वेस्टइंडीज़ को 590 के विशालकाय स्कोर तक पहुंचा दिया। जवाब में आर अश्विन की शतकीय पारी की मदद से भारत वेस्टइंडीज़ के स्कोर से सिर्फ 108 रन पीछे रहा। अश्विन और प्रज्ञान ओझा ने दूसरी पारी में जबरदस्त वापसी की और मेहमान टीम को सिर्फ 134 रन पर ऑलआउट कर दिया जिससे भारत को जीत के लिए 243 रन बनाने की जरूरत थी। घरेलू टीम जब 101 रन पर 1 विकेट खोकर मजबूती से टारगेट की ओर बढ़ रही थी तभी वेस्टइंडीज़ ने पलटवार करते हुए जल्द ही मेजबान टीम को 6 विकेट पर 189 रन पर ला खड़ा किया। विराट कोहली अर्धशतक बनाकर भारतीय टीम को आगे ले जा रहे थे लेकिन उनके आउट होने के बाद मैच ने अंतिम क्षणों में रोमांचक मोड़ ले लिया । भारत के दो विकेट शेष थे और आखिरी ओवर में तीन रन बनाने की दरकार थी। वरुण एरॉन ने पहले तीन गेंदों पर संघर्ष करते हुए अपना विकेट बचाया और फिर चौथी गेंद पर 1 रन बंटोर लिया। आखिरी गेंद पर अश्विन ने लॉन्ग ऑन की दिशा में शॉट खेला और दूसरा रन दौड़ते हुए अश्विन रन आउट हो गए । बहरहाल , इतिहास लिखा गया और भारत ने सीरीज़ 2-0 से जीता।