कोलकाता के ईडन गार्डन्स पर खेले गए टॉप-10 मैच

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क्रिकेट से जुड़ा हुआ लगभग हर देश इस प्रतिष्ठित स्टेडियम से जुड़ा हुआ है। ये स्टेडियम जितना प्रिय क्रिकेट प्रसंशकों के लिए है उतना ही खिलाड़ियों के लिए भी है और इसीलिए हर खिलाड़ी इस मैदान पर अपनी छाप छोड़ने के लिए हर संभव प्रयास करता है। अगर इंग्लैंड के लिए लॉर्ड्स और ऑस्ट्रेलिया के लिए एमसीजी है, तो ईडन गार्डन्स भारत के मैदानों में सबसे प्रिय है। 1934 में ईडन गार्डन्स ने अपने सबसे पहले टेस्ट मैच की मेजबानी की थी और 1987 में वर्ल्ड कप फाइनल की मेजबानी करने का मौका भी ईडन गार्डन्स को मिला। पहले, ईडन गार्डन्स में 1 लाख लोगों के बैठने की व्यवस्था थी जिसे बाद में कम करके 66 हजार सीट में तबदील कर दिया गया। इसके बावजूद, ईडन गार्डन्स भारत का सबसे बड़ा स्टेडियम है और विश्व में एमसीजी के बाद दूसरा सबसे विशाल मैदान है। ईडन गार्डन्स इस समय आईपीएल फ्रैंचाइज कोलकाता नाईट राईडर्स का होम ग्राउंड है। इन वर्षों में, ये मैदान हर फॉर्मेट में कई ऐसे मुकाबलों का गवाह बना है जो इतिहास के सुनहरे पन्नों पर दर्ज हैं। उनमें से टॉप-10 मैच ये हैं: 10. भारत बनाम पाकिस्तान - 2004 वनडे एक बार फिर ईडन गार्डन्स पर खेले गए भारत-पाकिस्तान के बीच हाई वॉल्टेज मुकाबला, भारत के लिए एक और हार का सबब साबित हुआ। 2004 में खेला गया ये प्लेटेनियन जुबली मुकाबला 20 साल के सलमान बट्ट के अपने सबसे बड़े प्रतिद्वंदी के खिलाफ शानदार प्रदर्शन के लिए याद किया जाता है। 293 के बड़े टारगेट का पीछा करते हुए, बट्ट ने सधी हुई शुरुआत की और मौकों को भुनाते हुए गेंद को कई बार बाउंड्री के पार पहुंचाया। शोएब मलिक के साथ बट्ट ने मजबूत साझेदारी की जिस वजह से ये मुकाबला भारत के हाथ से निकलता दिखाई देने लगा लेकिन मलिक को 61 रन पर भारत ने पवेलियन पहुंचा दिया। कुछ ओवर बाद, एक बार फिर भारत की झोली में खुशियां आती दिखाई जब सलमान बट्ट 68 के निजी स्कोर पर रिटायर्ड हर्ट हो गए। कप्तान इंजमाम उल हक 75 रन बनाकर क्रीज पर डटे रहे और युनिस खान के आउट होने के बाद, सलमान बट्ट वापस आए और अपनी सेंचुरी पूरी की। इसी के साथ पाकिस्तान ये मुकाबला एक ओवर पहले ही जीत गया। युवराज सिंह की 62 गेंदों पर 78 रन की शानदार पारी भी किसी काम न आई। इसके अलावा वीरेंदर सहवाग, वीवीएस लक्ष्मण और होम ग्राउंड हीरो सौरव गांगूली का योगदान से बनाए 292 रन, पाकिस्तान के सामने कम रह गए। 9. भारत बनाम इंग्लैंड - 2002 वनडे 9 पांच एकदिवसीय मैचों की श्रृंख्ला के ईडन गार्डन्स पर खेले गए पहले मैच में इंग्लैंड को अपने दम पर मार्कस ट्रेस्कोथिक ने जीत की दहलीज तक पहुंचाया लेकिन इंग्लैंड इस मौके पर भी मेजबान के सामने नहीं टिक पाई। विशाल टारगेट का पीछे कर रही इंग्लैंड कमजोर स्थिती में थी, लेकिन मार्कस ट्रेस्कोथिक की शानदार बल्लेबाजी ने दर्शकों को हिलने नहीं दिया। ट्रेस्कोथिक एक छोर से बल्लेबाजी संभालते रहे लेकिन दूसरे छोर से लगातार एक-एक करके विकेट गिरते रहे। स्पिनर्स पर कहर बरसाते हुए मार्कस ने अपना दूसरा एकदिवसीय शतक जमाया। 36 ओवर में 224 रन पर 4 विकेट गंवाने के बाद, इंग्लैंड को जीत के लिए महज 58 रनों की दरकार थी लेकिन जवागल श्रीनाथ ने इंग्लैंड की उम्मीदों को तोड़ते हुए विकटों की झड़ी लगा दी। इसी के साथ भारत ये मुकाबला 22 रन से जीत गया। पहली पारी में राहुल द्रविड़ की अनुपस्थिति में भारत के लिए तीसरे नम्बर पर बल्लेबाजी करते हुए दिनेश मोंगिया ने आधारशिला रखते हुए 71 रन जोड़े। सचिन तेंदुलकर और सौरव गांगुली ने भी बल्लेबाजी का जलवा दिखाया और आखिरी ओवरों में हेमांग बदानी 33 रन जोड़कर भारत का स्कोर 281 रन पर पहुंचाया। 8. भारत बनाम इंग्लैंड - 2012 टेस्ट 8 कई बार भारत अपने घरेलू मैदान पर मेहमान टीम के सामने पस्त हुआ है। टेस्ट में बेस्ट बनने के लिए इंग्लिश टीम ने दौरे को लेकर काफी मेहनत की थी जिसका परिणाम उन्हें शानदार जीत के साथ मिला। इस सीरीज से पहले जेम्स एंडरसन को उप-महाद्वीप में अपने कमतर प्रदर्शन के लिए आलोचना झेलनी पड़ी थी, जिसके बाद जिमी ने अपनी रिवर्स स्विंग का जादू दिखाते हुए पहली पारी में भारतीय टीम को 316 पर ढेर कर दिया था। जिसके बाद बल्लेबाजी करने उतरी इंग्लैंड टीम ने शानदार प्रदर्शन किया और कप्तान एलिस्टर कुक ने 190 रन की दमदार पारी खेली। निक कॉम्पटन, जोनाथन ट्रॉट और केविन पीटरसन के योगदान से इंग्लैंड को पहली पारी ने 207 रन की बढ़त हासिल हुई। पहाड़ जैसे स्कोर से पिछड़ने के बाद, भारतीय टीम दबाव में आ गई और दूसरी पारी में भी 247 पर ऑल आउट हो गई जिसमें एंडरसन और फिन ने तीन-तीन विकेट झटके। इसी के साथ 41 रन का टारगेट इंग्लैंड ने आसानी के साथ पार किया और 7 विकेट से मैच अपने नाम किया।7. भारत बनाम श्रीलंका - 2014 वनडे 7 ये मुकाबला अब तक का इस मैदान पर खेला गया सबसे यादगार मैच है। इस मैच में पहली बार लोगों को एक खिलाड़ी की 264 रन की ताबड़तोड़ पारी देखने का मौका मिला। विरोधी टीम जवाब में महज 251 रन ही बना पाई। शुरूआत में रोहित 16 गेंदों में 4 रन बनाकर संघर्ष करते हुए दिखे, रोहित को थिसारा परेरा से कैच ड्रॉप करने के बाद जीवनदान मिला। और रोहित ने इस मौके को भुनाते हुए 33 चौके और 9 छक्कों की मदद से ताबड़तोड़ बल्लेबाजी करते हुए ईडन गार्डन्स पर दोहरा शतक जड़ दिया। रोहित शर्मा अकेले भारतीय खिलाड़ी हैं जिन्होंने दो बार वनडे क्रिकेट में दोहरा शतक जमाकर टीम इंडिया का स्कोर 400 के पार पहुंचाया है। ये मुकाबला वहीं समाप्त दिख रहा था जब श्रीलंका 10 ओवर में अपने 4 विकेट गवांकर 48 रन ही बना पाई थी। 6. भारत बनाम इंग्लैंड - 1973 टेस्ट 6 ये मैच भी भारत ने अपने तरीके से जीता, स्पिनर्स ने शूरूआत से ही अपना दबदबा कायम कर दिया। हालांकि इंग्लैंड ने भी कड़ी प्रतिस्पर्धा करते हुए मैच का रुख पलटने की काफी कोशिश की और टोनी ग्रेग के अर्धशतक ने मुकाबले को 192 रन के टारगेट के करीब पहुंचाया। लेकिन 114 पर 4 विकेट के नुकसान के बाद, इंग्लैंड 163 पर ऑल आउट हो गई जिसमें बिशन सिंह बेदी ने 5 विकेट अपने नाम किए। भागवत चंद्रशेखर ने 4 विकेट झटके और पहली पारी में भी अपने नाम 5 विकेट किए थे। भारतीय स्पिनर्स ने इंग्लिश टीम को चारो खाने चित कर दिया और पहली पारी में भी 174 पर पवेलियन पहुंचा दिया था जहां भारतीय टीम ने पहली पारी में 210 रन बनाए थे। इस मैच में फारुख इंजीनियर और सलीम दुर्रानी ने अर्धशतक जड़ा था। भारत ने चेन्नई टेस्ट जीतकर सीरीज 2-1 से अपने नाम की। 5. वेस्ट इंडीज बनाम इंग्लैंड - 2016 टी-20 वर्ल्ड कप फाइनल 5 हाल ही में जो सबसे रोमांचक मुकाबला हुआ वो इस लिस्ट में नम्बर पांच पर है। टूर्नामेंट से पहले खिताब का सबसे प्रबल दावेदार मानी जा रही भारतीय टीम की सेमीफाइनल में हुई शर्मनाक हार के बाद, इंग्लैंड के खिलाफ फाइनल के लिए वेस्ट इंडीज को भारतीय फैंस का भी पूरा स्पोर्ट मिला, इंडीज ने इंलैंड के 23 रन पर तीन विकेट झटक दिए थे। जिसके बाद जो रूट, जोस बटलर और डेविड विले ने पारी को संभाला और बोर्ड पर 155 रन का स्कोर लगाया और आखिर में ड्वेन ब्रावो ने अपनी गेंदबाजी का जलवा दिखाते हुए तीन विकेट अपने नाम किए। फाइनल मुकाबले में लक्ष्य का पीछा करने उतरी कैरेबियाई टीम को रूट ने दूसरे ही ओवर में खतरनाक क्रिस गेल और जेसन चार्ल्स का विकेट लेकर बैकफुट पर पहुंचा दिया। सेमीफाइनल में जादूई पारी खेलने वाले सिमंस भी फाइनल में शून्य पर पवेलियन लौट गए। जिसके बाद मैच का रुख इंग्लैंड के पक्ष में दिखाई दे रहा था। लेकिन मार्लन सैमुअल्स ने मोर्चे को संभालते हुए 83 रन बनाए। जिसमें ब्रावो ने भी 25 रन का योगदान दिया। हालांकि इस मैच से सुर्खियों में आए कर्लोस ब्रैथवेट इस मैच के असली हीरो रहे। जिन्होंने बेन स्टोक्स को आखिरी ओवर में 4 लंबे छक्के जड़कर फाइनल का खिताब वेस्ट इंडीज की झोली में डाला। 4. भारत बनाम पाकिस्तान - 1999 एशियन टेस्ट चैंपियनशिप 4 भारत की हार के बावजूद ये रोमांचक मैच इस सूची में चौथे स्थान पर है। ये एशियन टेस्ट चैंपियनशिप रावलपिंडी एक्सप्रेस शोएब अख्तर की तूफानी गेंदबाजी के लिए याद किया जाता है जब उन्होंने लगातार दो गेंदों पर राहुल द्रविड़ और सचिन तेंदुलकर को पवेलियन की राह दिखाई थी। जवागल श्रीनाथ ने पहली पारी में पांच विकेट हालिस कर पाकिस्तान को 185 रन के स्कोर पर रोक दिया था लेकिन सदागोप्पन रमेश की 79 रन की पारी के बावजूद भारतीय टीम महज 38 रन की बढ़त ले पाई। दूसरी पारी में सईद अनवर ने 188 रन की विशाल पारी खेलकर पाकिस्तान को सम्मानजनक स्कोर तक पहुंचाने में अहम योगदान दिया और पाकिस्तान ने भारत के सामने 279 रन का लक्ष्य रखा। भारतीय टीम ने सधी हुई शुरूआत की लेकिन पाकिस्तानी गेंदबाजों ने भारतीय टीम को 232 पर ऑल आउट कर 46 रन से मैच जीत लिया। 3. भारत बनाम साउथ अफ्रीका - 1993 हीरो कप सेमीफाइनल 3 1990 के दशक वनडे क्रिकेट में भारत की ये जीत सबसे यादगार पलों में से एक है। भारतीय टीम ने पहले बल्लेबाजी करते हुए साउथ अफ्रीका के खिलाफ बोर्ड पर 195 रन लगाए और सचिन तेंदुलकर ने यहां गेंदबाजी का जलवा दिखाया। पहले, कप्तान मोहम्मद अजहरुद्दीन ने 90 रन की बड़ी पारी खेली और टीम को मुश्किल हालात से बचाने की कोशिश की। फाइनल में पहुंचने के लिए 196 रनों के लक्ष्य का पीछा करने उतरी साउथ आफ्रीका, एक समय पर 103 रन पर 3 विकेट गवांने के बाद मजबूद दिखाई दे रही थी। आसान दिख रही जीत साउथ अफ्रीका के लिए मुश्किल तब बन गई जब अगले 39 रन बनाने में टीम के 4 विकेट झटक गए। आखिरी ओवर में साउथ अफ्रीका को जीत के लिए 6 रन की दरकार थी। लेकिन कप्तान अजहर ने सबको चौंकाते हुए जवगल और प्रभाकर को आखिरी ओवर देने की बजाय गेंद सचिन के हाथों में थमा दी। सचिन ने पूरी शिद्दत से गेंदबाजी करते हुए आखिरी ओवर में मजह 3 रन देकर टीम इंडिया को 2 रन से जीत दिलाने में अहम रोल निभाया। 2. ऑस्ट्रेलिया बनाम इंग्लैंड - 1987 वर्ल्ड कप फाइनल 2 लिस्ट में शामिल इस मुकाबले में भारत नहीं है लेकिन क्रिकेट के महा मुकाबले की जंग लड़ रहे दो विरोधी आमने-सामने हैं। 1987 वर्ल्ड कप फाइनल में ऑस्ट्रेलिया इंग्लैंड के खिलाफ खड़ा हुआ और पहली बार वर्ल्ड चैंपियन बना। इस रोमांचक मुकाबले में आखिर तक किसका पलड़ा भारी है ये कहना मुश्किल था लेकिन ऑस्ट्रेलिया ने 7 रन से मैच जीतकर खिताब अपने नाम किया। डेविड बून की 75 रन की पारी और माइक वेलेटा की ताबड़तोड़ 45 रन की बदौलत ऑस्ट्रेलिया ने 253 रन का स्कोर खड़ा किया। खिताबी जंग में विशाल लक्ष्य का पीछा कर रही इंग्लैंड टीम के मिडिल ऑर्डर ने शानदार प्रदर्शन किया और एक समय था जब इंग्लैंड इस रेस में आगे दिखाई दे रहा था 170 रन पर उनके 3 विकेट ही गिरे थे। लेकिन स्टीव वॉ और एलेन बॉर्डर ने अपनी तूफानी गेंदबाजी से इंग्लैंड को ध्वस्त कर दिया और ऑस्ट्रेलिया ने ईडन गार्डन्स पर इतिहास रच दिया। 1. भारत बनाम ऑस्ट्रेलिया - 2001 टेस्ट 1 ये मुकाबला भारत के लिए किसी ऐतिहासिक पल से कम नहीं था जब भारत ने टेस्ट जीतकर विश्व रैंकिंग में भी अपना वर्चस्व कायम किया था। सीरीज का पहला मैच हारने के बाद ईडन गार्डन्स पर खेले गए इस मुकाबले में भी भारतीय टीम दबाव में थी क्योंकि इस मैच में भी बात फॉलोऑन पर आ गई थी। लेकिन भारतीय टीम ने पहली पारी में फेल होने के बाद खुद को दूसरी पारी में ऐसे संभाला की कई रिकॉर्ड्स बन गए। वीवीएस लक्ष्मण और राहुल द्रविड़ ने चौथे दिन तीहरे शतक की साझेदारी की जिसके बाद भारत के लिए जीत ज्यादा दूर नहीं थी। लक्ष्मण तीहरा शतक लगाने से महज 19 रन से चूंक गए जबकि द्रविड़ ने 180 रन बनाए । ये मुकाबला भारत ने 171 रन से जीता जिसमें हरभजन सिंह ने कुल 13 विकेट लिए जिसमें पहली पारी में उनकी हैट्रिक भी शामिल है।