10 अंतर्राष्ट्रीय स्टार खिलाड़ी जिन्हें आईपीएल की नीलामी में कोई भी खरीदार नहीं मिला

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आईपीएल से क्रिकेट की दुनिया में बहुत बड़ा बदलाव आया है। आज इस लीग में खेलने के लिए खिलाड़ी अपने देश की तरफ से नहीं खेलना पसंद करते हैं। एंड्रू फ़्लिंटॉफ़ जैसे क्रिकेटरों ने इस लीग को देश से ऊपर तवज्जो दी है। आईपीएल की शुरूआत साल 2008 में काफी धूम-धड़ाके के साथ हुई। आज ये दुनिया की सबसे लोकप्रिय लीग है। इसमें पैसा खूब है, साथ ही दिग्गज और अनुभवी क्रिकेटर भी इससे जुड़े हुए हैं। आईपीएल में खिलाड़ियों की खरीद-फरोख्त नीलामी की प्रक्रिया से होती है। जिसमें फ्रैंचाइज़ी अपने लिए बेहतरीन खिलाड़ी खरीदने की कोशिश करते हैं। लेकिन कई बार ऐसा भी हुआ है कि कई बड़े खिलाड़ी इस नीलामी में नहीं बिक पाए हैं। आइये एक नजर डालते हैं, ऐसे खिलाड़ियों पर जिन्हें बीते 9 सीजन में किसी भी फ्रैंचाइज़ी ने नहीं खरीदा:

#1 शाकिब-अल-हसन(2009, 2010)

बांग्लादेश के प्रतिभावान बाएं हाथ के ऑलराउंडर को साल 2009 और 2010 में किसी भी टीम ने आईपीएल में नहीं खरीदा था। साल 2009 में शाकिब दुनिया के सर्वश्रेष्ठ ऑलराउंडर थे। उस वक्त उनके साथी मशरफे मुर्तजा ने कहा था, ''मुझे बहुत ख़ुशी होगी अगर आईपीएल कोई टीम शाकिब को खरीदे क्योंकि उसने गेंद और बल्ले से जबरदस्त प्रदर्शन किया है।'' इसके अलावा उनके टी-20 रिकॉर्ड भी उन्हें आईपीएल की नीलामी में बिकने के लिए काफी थे। उन्होंने 54 मैचों में 24 के औसत से रन बनाते हुए 6 अर्धशतक बनाये थे। 84 का उनका उच्च स्कोर और 65 विकेट भी उनके खाते में थे। शाकिब को साल 2011 में केकेआर ने 4 लाख 25 हज़ार यूएस डॉलर में खरीदा। तब से वह आज तक केकेआर से जुड़े हुए हैं। इसके अलावा वह 2012 में बांग्लादेश प्रीमियर लीग में आइकॉन प्लेयर भी रहे हैं। साथ ही बिग बैश में वह एडिलेड स्ट्राइकर की तरफ से खेलते हैं। सीपीएल में वह बारबडोस की तरफ खेल चुके हैं। साल 2014 में केकेआर ने आईपीएल का ख़िताब भी जीता था। जिसमें शाकिब ने 11 पारियों में 227 रन और 11 विकेट लिये थे। #2 हर्शल गिब्स (2011) 175615947-zouks-south-african-overseas-player-gettyimages-1473577829-800 गिब्स आईपीएल के पहले संस्करण में डेक्कन चार्जेज की तरफ से खेले थे। जहाँ उनका प्रदर्शन अच्छा नही रहा था। लेकिन 2009 में उनकी टीम ने खिताबी जीत की। जिसमें उनका प्रदर्शन भी अच्छा था। उन्होंने 53 रन की पारी फाइनल में खेली थी। जिसकी बदौलत डेक्कन आईपीएल जीतने वाली दूसरी टीम बन गयी थी। लेकिन साल 2011 में गिब्स की किसी भी फ्रैंचाइज़ी ने नहीं खरीदा। साल 2012 में उन्हें मुंबई इंडियंस ने 50 हजार यूएस डॉलर में खरीदा। लेकिन वह अपना प्रभाव छोड़ने में असफल रहे। उसके बाद वह आईपीएल में नजर नहीं आये। #3 सनथ जयसूर्या (2011) sanath-jayasuriya-1473577981-800 साल 2011 में विस्फोटक बल्लेबाज़ जयसूर्या को किसी भी टीम ने नहीं खरीदा था। पहले सीजन में जयसूर्या मुंबई इंडियंस की तरफ से खेले थे। जहाँ उन्होंने 14 मैचों में 514 रन बनाये थे। पहले सीजन में उन्होंने केकेआर के खिलाफ 48 गेंदों में शतक और 17 गेंदों में 48 रन की दो तेज तर्रार पारियां खेली थीं। जो आईपीएल के इतिहास की सबसे ज्यादा गेंद शेष रहने वाली जीत है। लेकिन 2011 में उन्हें किसी भी टीम ने नहीं खरीदा और इसके बाद वह आईपीएल में नहीं नजर आये। हालाँकि इसके बाद वह बीपीएल में खुलना रॉयल बंगाल और श्रीलंकन प्रीमियर लीग में कन्दुर्ता वारियर की तरफ से खेले थे। #4 डेविड हसी (2014) 504955374-david-hussey-of-the-stars-during-the-big-gettyimages-1473578077-800 डेविड हसी को टी-20 का दिग्गज खिलाड़ी माना जाता है। उन्होंने अबतक 258 टी-20 मैच खेले हैं। आईपीएल में केकेआर की तरफ से 2008-10 तक 6,25,000 यूएस डॉलर में खेले थे। बाद में 2011-13 तक पंजाब के लिए 1.4 मिलियन डॉलर में खेले थे। तब वह दूसरे से सबसे महंगे खिलाड़ी भी बने थे। इस मामले में उन्होंने रिकी पॉन्टिंगऔर अपने भाई माइकल हसी को भी पीछे छोड़ गए। क्योंकि उनका औसत भी 30 के करीब था। साल 2012 में वह गिली की गैरमौजूदगी में किंग्स-XI पंजाब के कप्तान भी थे। लेकिन 2014 में उन्हें किसी भी टीम ने नहीं खरीदा था। चेन्नई सुपरकिंग्स ने उन्हें न खरीदकर अपनी गलती मानी थी और जब ब्रावो चोटिल हुए तो उन्होंने डेविड को इसी सीजन में अपनी टीम में रखा था। #5 इमरान ताहिर (2014) 509764338-imran-tahir-of-the-proteas-celebrates-the-gettyimages-1473578167-800 पाकिस्तानी मूल का ये दक्षिण अफ़्रीकी लेग स्पिनर की क्रिकेट यात्रा काफी लम्बी रही है। ताहिर ने अबतक 25 घरेलू टीमों के लिए खेल चुके हैं। साल 2014 के टी-20 वर्ल्डकप में वह प्रोटेस टीम की तरफ से सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाज़ बने थे। साथ ही टूर्नामेंट में नीदरलैंड के अहसान मलिक के साथ संयुक्त रूप से पहले स्थान पर थे। इसी साल वह टी-20 क्रिकेटर ऑफ़ द इयर के ख़िताब से नवाजे गये थे। ताहिर ने 134 टी-20 मैचों में 156 विकेट लिए हैं। जहाँ उनकी इकॉनमी 6.88 और औसत 21।08 है। उनकी सबसे खतरनाक गेंद गूगली है। टी-20 में ताहिर दूसरी रैंक पर विराजमान हैं। ताहिर को दिल्ली ने कूल्टर नील की जगह टीम में लिए गया था। उन्होंने टीम जैसे ही शामिल हुए उन्होंने अपने प्रदर्शन से सभी को प्रभावित किया। #6 आरपी सिंह (2014) rp-singh-1473578358-800 आरपी सिंह टी-20 क्रिकेट के भले ही बड़े नाम नहीं हैं। हालाँकि आईपीएल में जहाँ भारतीय खिलाड़ियों को आराम से अंतिम 11 में जगह मिल जाती है। ऐसे में आरपी सिंह का न बिकना आश्चर्यजनक था। 2009 के आईपीएल में ये बाएं हाथ का गेंदबाज़ सबसे ज्यादा विकेट लेने वाला गेंदबाज़ था। जिसकी वजह से उन्हें 2009 के वर्ल्ड कप में भारतीय टीम में वापसी करने का मौका मिला था। आईपीएल में अबतक वह 90 विकेट ले चुके हैं। सबसे ज्यादा विकेट लेने के मामले में वह 11वें स्थान पर हैं। डेक्कन के बाद 2011 में वह कोच्ची टीम में शामिल हुए थे। उसके बाद वह मुंबई और बंगलौर की तरफ से खेले। उन्होंने 2013 के सीजन में चेन्नई के खिलाफ अंतिम गेंद नोबाल फेंक दी थी। जिसकी वजह से आरसीबी ये मैच हार गया था। इसलिए 2014 में उन्हें कोई खरीददार ही नहीं मिला। हालाँकि उनका बेस प्राइस 1 करोड़ था। साल 2016 में उन्हें राइजिंग पुणे ने अपनी टीम में शामिल किया था। #7 उस्मान ख्वाजा (2016) 506539206-usman-khawaja-of-the-thunder-walks-off-after-gettyimages-1473578455-800 ख्वाजा ने बिग बैश लीग 2015-16 में सिडनी थंडर की तरफ से 4 पारियों में 345 रन बनाये थे। जिनमें 3 मैचों में उन्होंने टीम को मैच भी जिताए थे। उनका प्रदर्शन सिर्फ टी-20 तक ही सीमित नहीं था। वह पूरे साल देश और क्लब क्रिकेट में शानदार फॉर्म में रहे। गाबा टेस्ट में न्यूज़ीलैंड के खिलाफ ख्वाजा ने 174 और उसके बाद उन्होंने सभी फॉर्मेट में लगातार 9, 121,109,144,56,62,104 और 70 रन बनाये थे। कुल मिलाकर उन्होंने 141 के औसत से 849 रन बनाये थे। ऑस्ट्रेलिया के मुख्य चयनकर्ता मार्क वा ने कहा था, “वह बल्लेबाज़ी ऐसी कर रहे जैसा करने की लोग सोचते हैं।" इसके बावजूद उन्हें आईपीएल की किसी भी फ्रैंचाइज़ी नहीं खरीदा। बाद में केविन पीटरसन की जगह पर उन्हें पुणे ने अपनी टीम में शामिल किया था। #8 हाशिम अमला (2016) 450567476-hashim-amla-of-surrey-hits-out-while-ben-gettyimages-1473578548-800 हाशिम अमला टी-20 क्रिकेट के बड़े बल्लेबाज़ हैं। ऐसा उनका प्रदर्शन बोलता है। उनका औसत 30 का और स्ट्राइक रेट 126 का है। जिसमें 20 अर्धशतक और उच्च स्कोर 97 का है। वह जिस तरह से क्लासिकल बल्लेबाज़ी करते हुए रन बटोरते हैं। वह देखने लायक होता है। आईपीएल में उनके साथी सलामी बल्लेबाज़ डीकाक आईपीएल में काफी महंगे बिकते हैं। लेकिन वह नहीं बिकते हैं। ये हैरान कर देने वाला होता है। किंग्स इलेवन पंजाब के शान मार्श जब चोटिल हुए तो उन्हें टीम में शामिल किया गया। जहाँ उन्होंने छह मैचों में 157 रन बनाये। जिसमें उनका उच्च स्कोर 96 रन रहा। #9 मार्टिन गप्टिल (2016) 516306872-martin-guptil-of-new-zealand-bats-during-the-gettyimages-1473578612-800 विश्वकप 2015 में गुप्टिल ने 237 रन की पारी खेली थी। जो वनडे का दूसरा सबसे बड़ा व्यक्तिगत स्कोर है। टी-20 में भी उनका औसत 34 का है। उनकी शानदार फील्डिंग टीम के प्लस पॉइंट होती है। आईपीएल नीलामी में गुप्टिल को कोई खरीददार नहीं मिला था। जबकि साल 2011-12 में वह रिचर्ड हैडली मैडल जीत चुके हैं। साथ ही वह कीवी टीम के लिए वनडे और टी-20 के बेहतरीन बल्लेबाज़ हैं। वह बिग बैश और सीपीएल में भी खेल चुके हैं। लेकिन आईपीएल में उन्हें मौका नहीं मिला था। हालाँकि मुंबई के लेंडल सिमंस के चोटिल होने के बाद उन्हें टीम में शामिल किया गया। जहाँ गुप्टिल को 3 मैच खेलने को मिले थे। लेकिन वह प्रभावित करने में असफल साबित हुए। #10 तिलकरत्ने दिलशान (2014, 2015, 2016) dilshan-1473578743-800 दिलशान 2011 से 2013 तक आरसीबी के अहम खिलाड़ी थे। वह गेल के साथ सलामी बल्लेबाज़ी की जिम्मेदारी सँभालते थे। वह गैरपरम्परागत दिलस्कूप शॉट से 2009 के विश्वकप में काफी सफल रहे थे। दिलशान ने वनडे में 10 हजार से ज्यादा रन बन बनाये हैं। उनके लिए किसी भी गेंदबाज़ को खेलने में कोई दिक्कत नहीं रही। उन्होंने सभी फॉर्मेट में शतक बनाये हैं। साल 2011 में उन्होंने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ कैंडी में 54 गेंदों पर नाबाद 104 रन बनाये थे। श्रीलंका और आरसीबी के लिए वह काफी अच्छा प्रदर्शन कर चुके थे। लेकिन 2013 के बाद उन्हें आईपीएल में किसी भी फ्रैंचाइज़ी ने नहीं खरीदा। इस तरह दिलशान का आईपीएल करियर खत्म हो गया। लेखक-रोहित शंकर, अनुवादक-जीतेन्द्र तिवारी

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