गौतम गंभीर के द्वारा खेली गई 10 सबसे बेहतरीन पारियां

Mumbai Sports And Fitness

गौतम गंभीर भले ही लंबे समय से टीम इंडिया से बाहर हों, लेकिन इस बात को नकारा नहीं जा सकता कि वह टीम के बेहद अहम और प्रतिभाशाली क्रिकेटर रहे हैं। लगभग एक दशक के करियर में गंभीर ने 58 टेस्ट में 41.95 के औसत के साथ 4154 रन बनाए हैं, जिनमें 22 अर्धशतक और 9 शतक शामिल हैं। वनडे में उनके नाम पर 147 मैचों में 39.68 के औसत के साथ 5238 रन हैं, जिनमें 34 अर्धशतक और 11 शतक शामिल हैं। 150 से कम वनडे खेलने वाले भारतीय क्रिकेटरों की सूची में शतकों के लिहाज से गंभीर दूसरे नंबर पर हैं। 37 टी20 अंतर्राष्ट्रीय में उनके नाम 932 रन हैं। अपने करियर में गंभीर कई मैच जिताने वाली पारियां खेल चुके हैं। आइए जानते हैं इस खिलाड़ी की 10 सर्वश्रेष्ठ पारियां कौन सी रही हैं: #10. श्रीलंका के खिलाफ 114 रन (अहमदाबाद, 2009) मौका था 2009 में श्रीलंका के भारत दौरे के पहले टेस्ट का। कप्तान धोनी ने टॉस जीतने के बाद पहले बल्लेबाजी का फैसला लिया। भारतीय टीम ने जल्द ही गंभीर, सहवाग, सचिन और लक्ष्मण के रूप में अपने शुरूआती 4 विकेट गंवा दिए। इसके बाद राहुल द्रविड़, युवराज सिंह और धोनी ने पारी को संभाला। द्रविड़ और धोनी ने क्रमशः 177 और 110 रनों की पारियां खेलीं। वहीं युवराज ने 68 रनों का योगदान दिया। भारत ने पहली पारी में 426 रनों का स्कोर खड़ा किया। श्रीलंकाई बल्लेबाजों का प्रदर्शन और भी बेहतर रहा और उन्होंने भारत के स्कोर को कहीं पीछे छोड़ दिया। महेला जयवर्धने ने शानदार 275 रन बनाए। प्रसन्ना जयवर्धने (154) और तिलकरत्ने दिलशान (112) ने भी शतकीय पारियां खेलीं। इसके बल पर श्रीलंका ने पहली पारी में 760 रन बना डाले। यह टेस्ट की एक पारी में श्रीलंका का दूसरा और टेस्ट क्रिकेट में 6वां सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन था। इसके बाद दूसरी पारी में गंभीर और सहवाग ने अच्छी शुरूआत दी और पहले विकेट के लिए 81 रन जोड़े। अर्धशतक पूरा करने के थोड़े वक्त बाद ही सहवाग पवेलियन लौट गए। राहुल द्रविड़ भी 38 रन बनाकर आउट हो गए। गंभीर का साथ दिया अमित मिश्रा ने और उन्होंने अपना अर्धशतक पूरा किया। चौथे दिन के खेल तक भारत का स्कोर था 190/2। 5वें दिन अमित मिश्रा जल्द ही आउट हो गए, लेकिन गंभीर डटे रहे और अपना शतक पूरा किया। गंभीर ने 13 चौकों की मदद से 114 रन बनाए। गंभीर ने भारत को ड्रॉ की स्थिति तक पहुंचाया। #9. ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 92 रन (सीबी सीरीज, 2012) Gautam Gambhir of India plays the ball d टेस्ट सीरीज में ऑस्ट्रेलिया के हाथों क्लीन स्वीप के बाद भारत कॉमनवेल्थ बैंक त्रिकोणीय श्रृंखला का पहला मैच भी ऑस्ट्रेलिया से हार गया। सीरीज के अपने दूसरे मैच में भारत ने पर्थ में श्रीलंका को हरा दिया। सीरीज के अपने तीसरे मैच में एडिलेड में भारत का सामना एक बार फिर ऑस्ट्रेलिया से था। भारत ने डेविड वॉर्नर और पॉन्टिंग को जल्द ही चलता किया, लेकिन डेविड हसी के अर्धशतक (72) और डेब्यू कर रहे पीटर फॉरेस्ट (66) की पारी की बदौलत ऑस्ट्रेलिया ने भारत को 270 रनों का लक्ष्य दिया। जवाब में गंभीर और सहवाग अच्छा खेल दिखा रहे थे, लेकिन 20 रन बनाकर वीरू अपना विकेट गंवा बैठे। गंभीर अपनी लय कायम रखते हुए जरूरी रनरेट के हिसाब से रन बनाते रहे। गंभीर ने टीम के लिए 92 रन जोड़े। 2008 में सिडनी में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 113 रनों की पारी से पहले तक यह कंगारुओं के खिलाफ गंभीर का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन था। साथ ही, एडिलेड के मैदान पर यह गंभीर का सर्वश्रेष्ठ स्कोर था। #8. न्यूजीलैंड के खिलाफ 137 रन (नेपियर, 2009) Indian cricketer Gautam Gambhir (C) look न्यूजीलैंड को उनकी ही धरती पर पहली बार वनडे सीरीज हराने के बाद भारत ने तीन मैचों की टेस्ट सीरीज का पहला मैच भी जीत लिया। दूसरे मैच की पहली पारी में मेजबान टीम ने शुरूआती 11 ओवरों में ही अपने 3 विकेट गंवा दिए। हालांकि, जेसी राइडर ने दोहरा शतक (201) जमाकर पारी को संभाल लिया। इसके बाद रॉस टेलर (151) और ब्रेंडन मैकुलम (115) ने भी शतक जमा डाले। साथ ही, जेम्स फ्रैंकलिन (52) और डेनियल विटोरी (55) के अर्धशतकों का भी योगदान रहा और न्यूजीलैंड ने कमजोर शुरूआत के बाद भी पहली पारी में 619 रनों का स्कोर खड़ा कर डाला। जवाब में पहली पारी में भारत सिर्फ 305 रन ही बना सका। कीवी टीम के पास 314 रनों की लीड थी और भारत फॉलोऑन की स्थिति में था। दूसरी पारी में सहवाग ने तेज शुरूआत जरूर दी, लेकिन वह सिर्फ 22 रन बनाकर लौट गए। इसके बाद गौतम ने पूरी गंभीरता से पारी को आगे बढ़ाया। गंभीर ने सचिन, द्रविड़ और लक्ष्मण के साथ अहम साझेदारियां कीं। गंभीर ने 2 दिन तक अपना खेल जारी रखा और 436 गेंदों पर 137 रनों की मैराथन पारी खेली। इसके बाद युवराज और लक्ष्मण की जोड़ी ने मैच को ड्रॉ के परिणाम तक पहुंचाया। #7. न्यूजीलैंड के खिलाफ 167 रन (वेलिंगटन, 2009) Indian cricketer Gautam Gambhir celebrat नेपियर में दूसरा टेस्ट ड्रॉ कराने के बाद भारत ने तीसरे टेस्ट की पहली पारी में 379 रन बनाए। इसमें तेंदुलकर (62), भज्जी (60) और कप्तान धोनी (52) के अर्धशतकों का योगदान रहा। गेंदबाजी में भी भारत ने कमाल किया और कीवी टीम को पहली पारी में सिर्फ 197 रन ही बनाने दिए। इस प्रदर्शन के हीरो रहे जहीर खान (5 विकेट) और हरभजन सिंह (3 विकेट)। दूसरी पारी में सहवाग जल्द ही विकेट गंवा बैठे और इसके बाद द्रविड़ और गंभीर ने दूसरे विकेट के लिए 170 रन जोड़े। गौतम ने अपना बेहतरीन प्रदर्शन जारी रखते हुए सीरीज का दूसरा शतक जमा डाला। गंभीर ने 257 गेंदों पर 167 रन बनाए और भारत ने 434/7 के स्कोर पर पारी घोषित कर दी। अब मेजबान टीम के पास 507 रनों का लक्ष्य था। हालांकि, रॉस टेलर, मार्टिन गप्टिल, जेम्स फ्रैंकलिन और कप्तान विटोरी की बदौलत कीवी टीम मैच ड्रॉ कराने में कामयाब रही। भारत ने 1-0 से सीरीज जीत ली। 1968 के बाद न्यूजीलैंड में यह भारत की पहली सीरीज जीत थी। #6. न्यूजीलैंड के खिलाफ 138 (जयपुर, 2010)107230528 गंभीर की 116 रनों की पारी की बदौलत भारत ने पहले कीवी टीम को टेस्ट सीरीज 1-0 से हराया और फिर विराट कोहली के शतक की बदौलत वनडे सीरीज के पहले मैच में भी भारत ने शानदार जीत हासिल की। मौका था दूसरे वनडे (सवई मानसिंह स्टेडियम, जयपुर) का और भारत पहले फील्डिंग कर रहा था। स्कॉट स्टाइरिस और मार्टिन गप्टिल ने शानदार अर्धशतक जमाए और कीवी टीम ने भारत को 259 रनों का लक्ष्य दिया। सीरीज के लिए कप्तान बनाए गए गंभीर ने मुरली विजय के साथ ओपनिंग करते हुए भारत को अच्छी शुरूआत दी। पहले विकेट के लिए दोनों ने 87 रन जोड़े। विजय 33 रन बनाकर विटोरी का शिकार हुए। इसके बाद विराट कोहली ने गंभीर का खूब साथ निभाया और दोनों ने दूसके विकेट के लिए 116 रन जोड़कर भारत को और भी मजबूत स्थिति में ला दिया। गंभीर ने 89 गेंदों में अपना शतक पूरा किया। कोहली 64 रन बनाकर आउट हो गए, लेकिन गंभीर ने अपनी पारी जारी रखी। भारत ने 8 विकेट से मैच जीत लिया। गंभीर को मैच ऑफ द मैच भी चुना गया। इतना ही नहीं, भारत ने कीवी टीम का सीरीज में 5-0 से क्लीन स्वीप कर दिया और गंभीर को ही मैन ऑफ द सीरीज भी चुना गया। #5. श्रीलंका के खिलाफ 150 रन (कोलंबो, 2009) Indian cricketer Gautam Gambhir  celebra भारत के लिए दौरा काफी अच्छा साबित हो रहा था, क्योंकि 5 मैचों की सीरीज में टीम 3 मैच जीत चुकी थी। चौथे वनडे में भारत ने टॉस जीता और पहले बल्लेबाजी का फैसला लिया। भारत को पहला झटका लगा और सहवाग 5 रन बनाकर आउट हो गए। हालांकि, इसका गंभीर पर कोई फर्क नहीं पड़ा और उन्होंने श्रीलंकाई गेंदबाजी को अपनी टाइमिंग और फुटवर्क से खूब छकाया। कप्तान धोनी ने गंभीर का साथ दिया और दोनों ने दूसरे विकेट के लिए 188 रन जोड़े। धोनी के आउट होने के बाद भारत ने युवराज और इरफान पठान के विकेट भी जल्द ही गंवा दिए, लेकिन गंभीर ने अपनी लय और खेल जारी रखा। गंभीर 150 रनों पर पहुंचे और भारत ने 300 रनों का आंकड़ा पार कर लिया। इसके बाद मुरलीधरन ने गंभीर को अपना शिकार बनाया और साथ ही वनडे में 502 विकेट के वसीम अकरम के रिकॉर्ड को तोड़ डाला। भारत ने 333 रनों का लक्ष्य रखा और जवाब में श्रीलंकाई टीम सिर्फ 265 रन ही बना सकी। गंभीर को उनके प्रदर्शन के लिए मैन ऑफ द मैच भी चुना गया। #4. पाकिस्तान के खिलाफ 75 रन (जोहांसबर्ग, 2007) ICC Twenty20 Final  - Pakistan v India 2007 टी20 विश्व कप के फाइनल में गंभीर की पारी को कभी भुलाया नहीं जा सकता। पूरे टूर्नामेंट के दौरान गंभीर बेहतरीन फॉर्म में थे। फाइनल मैच में भारत की भिड़ंत थी पाकिस्तान से। दिलचस्प बात यह है कि भारत की इस मैदान (जोहान्सबर्ग) से बेहद कड़वी यादें जुड़ी थीं, क्योंकि इस मैदान पर ही 4 साल पहले भारत ऑस्ट्रेलिया के हाथों विश्व कप फाइनल हारा था। मैच शुरू हुआ और भारत ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी का निर्णय लिया। भारत के टी20 के स्टार खिलाड़ियों यूसुफ पठान, धोनी और युवराज सभी ने निराश किया, लेकिन गौतम ने एक तरफ से कमान संभाली। गंभीर ने टूर्नामेंट का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया और 54 गेंदों पर 75 रन बनाए। गंभीर, उमर गुल का शिकार हुए और भारत ने पाक को 158 रनों का लक्ष्य दिया। पाकिस्तान की हालत (77/6) खराब ही थी, लेकिन मिस्बाह-उल-हक ने उन्हें मैच में वापस ला दिया। हालांकि, मिस्बाह के जोखिम भरे स्कूप की वजह से पाकिस्तान मैच गंवा बैठा। गंभीर के 75 रनों की शानदार पारी के बावजूद मैन ऑफ द मैच इरफान पठान को मिला, जिन्होंने 3/16 का स्पेल डाला था। #3. श्रीलंका के खिलाफ 150 रन (ईडन गार्डन्स, 2009) 4 श्रीलंका के खिलाफ 5 मैचों की वनडे सीरीज में भारत 2-1 से आगे था। चौथा मैच था ईडन गार्डन्स में। 2007 में भारत-पाकिस्तान टेस्ट मैच के बाद यह इस मैदान पर पहला मैच था। इत्तेफाक से इस मैदान पर पिछला वनडे भी भारत और श्रीलंका के बीच ही खेला गया था। श्रीलंकाई कप्तान कुमार संगाकार ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी का फैसला लिया। उपुल थरंगा (118) और संगकारा (60) की पारियों की बदौलत श्रीलंका ने भारत को 316 रनों का लक्ष्य दिया। भारत की शुरूआत बेहद खराब रही और पहले 4 ओवरों में टीम ने सहवाग और तेंदुलकर के विकेट गंवा दिए। गंभीर और कोहली ने टीम को उबारा। गंभीर आक्रामक खेल दिखा रहे थे और श्रीलंकाई गेंदबाजों पर हावी हो रहे थे। दोनों ने मिलकर तीसरे विकेट के लिए 224 रन जोड़े और वनडे में तीसरे विकेट के लिए यह भारत की दूसरी सबसे बड़ी साझेदारी थी। कोहली (107) ने इस मैच में अपना पहला वनडे शतक जमाया। कोहली के आउट होने के बाद गंभीर ने और तेजी से रन बटोरना शुरू किया और वह वनडे में दूसरी बार 150 रनों के आंकड़े तक पहुंचे। भारत ने 9 गेंद शेष रहते ही मैच जीत लिया। मैच जिताने के बाद अभी गंभीर का दिल जीतना बाकी था। उन्होंने अपना मैन ऑफ द मैच अवॉर्ड विराट कोहली को दिया। #2. ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 206 रन (दिल्ली, 2008) 83488610 अपने घरेलू मैदान (फिरोजशाह कोटला) पर गंभीर की इस पारी को इस मैदान के इतिहास की सबसे बेहतरीन पारियों में से एक माना जा सकता है। मोहाली में दूसरा टेस्ट जीतने के बाद भारत, बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी में 1-0 की लीड पर था। तीसरा टेस्ट दिल्ली में होना था। भारत ने पहले बल्लेबाजी की और शुरूआत में ही सहवाग और द्रविड़ के विकेट गंवा दिए। अपने टेस्ट करियर का पहला दोहरा शतक लगाते हुए गंभीर ने पूरी तरह से भारत को मैच में वापस ला दिया और ऑस्ट्रेलिया के लिए परेशानी खड़ी कर दी। गंभीर ने तेंदुलकर के साथ 130 रन और लक्ष्मण के साथ 278 रनों की साझेदारियां कीं। गंभीर 206 रन बनाकर आउट हुए। भारत ने 613/7 के स्कोर पर अपनी पारी घोषित की। मैच ड्रॉ हुआ। शेन वॉटसन को एल्बो मारने के चलते गंभीर को आखिरी टेस्ट से सस्पेंड कर दिया गया। इसके बावजूद गंभीर सीरीज के सबसे ज्यादा रन बनाने वाले बल्लेबाज रहे। #1. श्रीलंका के खिलाफ 97 रन (मुंबई, 2011) India v Sri Lanka - 2011 ICC World Cup Final भारत को 2011 विश्व कप जिताने में गंभीर की इस पारी के योगदान को भुलाया ही नहीं जा सकता। इस ऐतिहासिक मुकाबले में श्रीलंका ने भारत के सामने 275 रनों का लक्ष्य रखा था। लक्ष्य ज्यादा दुर्लभ नहीं था, लेकिन अपने विश्व कप फाइनल के इतिहास की लीक पर चलते हुए भारत ने ओपनर्स जल्द ही गंवा दिए। भारत 31 रनों पर 2 विकेट गंवा चुका था। गंभीर ने भारत को संभाला और दबाव को अपने ऊपर हावी नहीं होने दिया। उन्होंने बाउंड्रीज भी लगाईं और जरूरी सिंगल्स भी लिए। गंभीर ने कोहली के साथ मिलकर 83 रनों की साझेदारी की। इसके बाद धोनी के साथ ऐतिहासिक साझेदारी। आउट होने तक गंभीर ने भारत को बेहतर स्थिति तक ला दिया था। इसके बाद धोनी ने श्रीलंकाई शेरों को वापसी का कोई मौका नहीं दिया और विश्व क्रिकेट के सबसे लाजवाब फिनिशर ने एक बार फिर फैन्स को लाजवाब कर दिया। लेखकः नीलाभ्र रॉय, अनुवादकः देवान्श अवस्थी