भारत को 2011 विश्व कप जिताने में गंभीर की इस पारी के योगदान को भुलाया ही नहीं जा सकता। इस ऐतिहासिक मुकाबले में श्रीलंका ने भारत के सामने 275 रनों का लक्ष्य रखा था। लक्ष्य ज्यादा दुर्लभ नहीं था, लेकिन अपने विश्व कप फाइनल के इतिहास की लीक पर चलते हुए भारत ने ओपनर्स जल्द ही गंवा दिए। भारत 31 रनों पर 2 विकेट गंवा चुका था। गंभीर ने भारत को संभाला और दबाव को अपने ऊपर हावी नहीं होने दिया। उन्होंने बाउंड्रीज भी लगाईं और जरूरी सिंगल्स भी लिए। गंभीर ने कोहली के साथ मिलकर 83 रनों की साझेदारी की। इसके बाद धोनी के साथ ऐतिहासिक साझेदारी। आउट होने तक गंभीर ने भारत को बेहतर स्थिति तक ला दिया था। इसके बाद धोनी ने श्रीलंकाई शेरों को वापसी का कोई मौका नहीं दिया और विश्व क्रिकेट के सबसे लाजवाब फिनिशर ने एक बार फिर फैन्स को लाजवाब कर दिया। लेखकः नीलाभ्र रॉय, अनुवादकः देवान्श अवस्थी