क्रिकेट इतिहास में हमने देखा है कि आमतौर पर एक बल्लेबाज को ही टीम का कप्तान बनाया जाता है। उम्मीद की जाती है कि बल्लेबाज एक कप्तानी पारी खेले और टीम के लिए उदाहरण पेश करे। हम बात करने जा रहे हैं उन शानदार 10 पारियों की, जो भारतीय कप्तानों ने विदेशी जमीन पर खेलींः
#10 विराट कोहली – श्रीलंका के खिलाफ 131 रन (कोलंबो - 2017)
विराट कोहली को 2017 में वनडे टीम की कमान सौंपी गई। उन्होंने इंग्लैंड के खिलाफ 122 रनों से साल की और अपनी कप्तानी पारी की बेहतरीन शुरूआत की। कोहली ने चैंपियन्स ट्रॉफी और वेस्टइंडीज दौरे पर पर भी अपना फॉर्म बरकरार रखा। श्रीलंका में सीरीज के पहले वनडे में ही कोहली ने 82 रनों की नाबाद पारी खेली। लेकिन इस सीरीज के दौरान ही कोहली ने एक लाजवाब पारी खेली। भारत सीरीज पहले ही अपने नाम कर चुका था और मौका था चौथे वनडे का। भारत पहले बल्लेबाजी कर रहा था और दूसरे ओवर में ही शिखर धवन पवेलियन लौट चुके थे। इसके बाद कोहली पिच पर आए और उन्होंने श्रीलंकाई गेंदबाज़ी अटैक की धज्जियां उड़ा दीं। रोहित शर्मा (102) के साथ मिलकर कोहली ने बेहतरीन साझेदारी की। 96 गेंदों ने कोहली ने 131 रनों की पारी खेली, जिसमें 17 चौके और 2 छक्के शामिल रहे। यह कोहली का 29वां शतक था। मैच में भारत ने 168 रनों से बड़ी जीत हासिल की।
#9 महेंद्र सिंह धोनी – ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 44* रन (ऐडिलेड - 2012)
अक्सर महेंद्र सिंह धोनी की तारीफ मैदान पर उनके असाधारण धैर्य के लिए भी होती है। 12 फरवरी, 2012 को सीबी ट्राई-सीरीज के दौरान धोनी ने एकबार फिर साबित कर दिखाया कि वह इस तारीफ के सही हकदार हैं। टेस्ट सीरीज में भारत 4-0 से करारी हार झेल चुका था। वनडे सीरीज में भारत ने एक मैच जीता था और एक हार गया था। तीसरे मैच में भारत और ऑस्ट्रेलिया आमने-सामने थे। बोलर्स ने अच्छा प्रदर्शन किया और ऑस्ट्रेलिया को 269 पर समेट दिया। जवाब में भारत ने अच्छी शुरूआत की, लेकिन विकेट गिरते रहे। जब धोनी मैदान पर आए, तब भारत 178/4 पर था। धोनी के बाद अब कोई बड़ा बल्लेबाज नहीं बचा था, इसलिए धोनी लगातार स्ट्राइक बदलते रहे। धोनी ने सुरेश रैना (38) के साथ धैर्यवान साझेदारी की। रैना के आउट होने के बाद सारा दबाव धोनी के ऊपर आ गया। भारत को अब 23 गेंदों में 31 रन चाहिए थे। धोनी डंटे रहे। जीत के लिए आखिरी ओवर में 13 रन चाहिए थे। स्ट्राइक पर अश्विन थे और उन्होंने पहली गेंद मिस कर दी। दूसरी गेंद पर अश्विन ने एक रन लेकर स्ट्राइक धोनी को दी। फिर क्या, कमान विश्व क्रिकेट के सबसे बेहतरीन फिनिशर के हाथों में थी। धोनी ने आते ही लॉन्ग-ऑन पर एक लंबा छक्का लगा दिया। भारत के खाते में मैच आ गया और धोनी के खाते में फैन्स का भरोसा।
#8 सचिन तेंदुलकर – जिम्बाब्वे के खिलाफ 104 रन (बेनोनी - 1997)
1997 का साल सचिन के वनडे करियर के लिए अच्छा नहीं जा रहा था। शुरूआती 13 पारियों में वह सिर्फ 2 बार 50 से अधिक रन बना पाए थे। ट्राई-सीरीज (भारत, दक्षिण अफ्रीका, जिम्बाब्वे) के 5 मैचों में भारत एकबार भी जीत नहीं पाया था। मौका था सीरीज के 9वें मैच का और भारत के लिए करो या मरो वाली स्थिति थी। भारत का सामना जिम्बाब्वे से था। पिछली भिड़ंत मे भारत को हार का मुंह देखना पड़ा था। इस बार जिम्बाब्वे ने भारत को जीत के लिए 241 रनों का लक्ष्य दिया। भारतीय बल्लेबाजी का ऊपरी क्रम ढेर हो गया और 34 रनों पर टीम ने 2 विकेट गंवा दिए, लेकिन सचिन अब भी क्रीज पर थे। सचिन ने अपने करियर का 11वां शतक लगाते हुए, 104 रनों की शानदार पारी खेली और भारत को सीरीज के फाइनल तक पहुंचाया। सचिन ने 97 गेंदों का सामना किया, जिनमें उन्होंने 8 चौके और 1 छक्का लगाया।
#7 राहुल द्रविड़ – इंग्लैंड के खिलाफ 92*रन (ब्रिस्टल –2007)
2007 का इंग्लैंड दौरा, भारत के लिए अच्छा रहा। भारत ने 1-0 से टेस्ट सीरीज जीती, लेकिन वनडे सीरीज की शुरूआत टीम के लिए अच्छी नहीं रही। पहले मैच में भारत को 104 रनों से हार झेलनी पड़ी। दूसरे वनडे में भारत ने पहले बल्लेबाजी का फैसला लिया। ओपनिंग पार्टनरशिप में 113 रन जोड़े गए। 32वें ओवर तक भारत 2 विकेट खोकर 180 रन बना चुका था। इसके बाद तेंदुलकर 99 रनों पर आउट हो गए। चौथे नंबर पर बल्लेबाजी करने उतरे राहुल द्रविड़। पिच बल्लेबाजी के लिए अच्छी थी और भारत को बड़े स्कोर की उम्मीद थी, जिसे द्रविड़ ने अंजाम तक पहुंचाया। द्रविड़ ने सिर्फ 63 गेंदों में 92 रनों की नाबाद पारी खेली, जिसमें उन्होंने 11 चौके और 1 छक्का जड़ा। भारत का स्कोर 329 तक पहुंचा और भारत ने 9 रनों से मैच भी जीत लिया। द्रविड़ को उनकी सराहनीय पारी के लिए 'मैन ऑफ द मैच' चुना गया।
#6 मोहम्मद अजहरूद्दीन – पाकिस्तान के खिलाफ 101 रन (टॉरंटो - 1998)
1998 में भारत और पाकिस्तान ने कनाडा में सहारा फ्रेंडशिप कप खेला। पहले मैच में जीतने के बाद, भारत को अगले 3 मैचों में हार झेलनी पड़ी। भारत का इरादा किसी भी हालत में पांचवां वनडे जीतने का और सम्मान बचाने का था। पहले बल्लेबाजी करते हुए भारत ने 12ओवरों में 2 विकेट खो दिए और टीम का स्कोर था सिर्फ 35 रन। सचिन अच्छी बल्लेबाजी कर रहे थे, लेकिन उन्हें दूसरे छोर पर अच्छे साथ की जरूरत थी। कप्तान मोहम्मद अजहरूद्दीन चौथे नंबर पर बल्लेबाजी करने आए। उन्होंने तीसरे विकेट के लिए सचिन के साथ 121 रनों की साझेदारी की। सचिन (77) के आउट होने के बाद अहजर ने आक्रामक खेल दिखाना शुरू किया। अजहर ने 111 गेंदों में 101 रन बनाए और भारत 256 रन बना सका। हालांकि, अजहर का शतक बेकार गया क्योंकि पाकिस्तान ने 5 विकेटों से मैच जीत लिया।
#5 महेंद्र सिंह धोनी – वेस्टइंडीज के खिलाफ 95 रन (किंगस्टन - 2009)
2009 में भारत, वेस्टइंडीज के दौरे पर था। मौका था दूसरे वनडे का। भारत ने टॉस जीतकर, पहले बल्लेबाजी का फैसला लिया, लेकिन टीम की शुरूआत खराब रही। भारत ने दूसरा ओवर खत्म होने से पहले ही महज 7 रनों पर अपने 3 विकेट गंवा दिए। अब बारी थी महेंद्र सिंह धोनी की। गेंदबाजों को अच्छा स्विंग मिल रहा था, इसलिए धोनी ने बड़ी सावधानी से पारी को आगे बढ़ाया और अपना विकेट बचाकर रखा। युवराज सिंह (35) के साथ धोनी धीरे-धीरे टीम को एक अच्छे स्कोर तक ले जाने की कोशिश में लगे हुए थे। दोनों के बीच 47 रनों की साझेदारी के बाद विकेटों का गिरना फिर शुरू हो गया। 22वें ओवर तक भारत 82 रन बनाकर 8 विकेट खो चुका था। ऐसा लग रहा था कि भारत का स्कोर 100 का आंकड़ा भी नहीं छू पाएगा। धोनी की कोशिश जारी रही और उन्होंने भारत को 188 रनों के स्कोर तक पहुंचाया। आखिरी विकेट धोनी का ही गिरा और उन्होंने 95 रन बनाए। हालांकि भारत मैच हार गया, लेकिन धोनी की यह पारी विदेशी जमीन पर उनकी सर्वश्रेष्ठ पारियों में शुमार है।
#4 राहुल द्रविड़ – वेस्टइंडीज के खिलाफ 105 रन (किंग्सटन-2006)
2006 की शुरूआत भारत के लिए अच्छी रही थी। मई में वेस्टइंडीज दौरे से पहले, भारत ने 14 वनडे मैचों में सिर्फ 3 मैच गंवाए थे। 2007 में कैरेबियन धरती पर भारत को विश्व कप खेलना था और इसलिए 2006 की यह सीरीज भारत के लिए काफी महत्वपूर्ण थी। पहले वनडे मैच में भारत ने टॉस जीतकर पहले फील्डिंग करने का फैसला लिया। मैच 45 ओवरों तक सीमित किया गया और क्रिस गेल की शतकीय (123) पारी की बदौलत विंडीज ने 251 रन बनाए। भारत ने अच्छी शुरूआत की और पहले विकेट के लिए 56 रन जोड़े, लेकिन इसके बाद 3 विकेट जल्द ही गिर गए। राहुल द्रविड़ ने मोहम्मद कैफ के साथ मिलकर हालात को संभाला और 123 रनों की साझेदारी की। इस साझेदारी में बड़ा योगदान द्रविड़ (105) का ही रहा। भारत को जीत हासिल हुई।
#3 विराट कोहली – वेस्टइंडीज के खिलाफ 102 रन (पोर्ट ऑफ स्पेन - 2013)
इंग्लैंड में चैंपियन्स ट्रॉफी जीतने के बाद वेस्टइंडीज में हुई त्रिकोणीय श्रृंखला (वेस्टइंडीज, श्रीलंका और भारत के बीच) में भारत की शुरूआत अच्छी नहीं रही। भारत पहले दो मैच हार चुका था और फाइनल में जगह बनाने के लिए अगले दोनों मैच जीतना भारत के लिए जरूरी था। वेस्टइंडीज ने टॉस जीतकर पहले गेंदबाजी का फैसला लिया। भारतीय टीम के ओपनर्स रोहित शर्मा और शिखर धवन ने पहले विकेट के लिए 123 रनों की साझेदारी की और भारत को एक मजबूत शुरूआत मिली। पहला विकेट गिरने के बाद विराट कोहली क्रीज पर आए, लेकिन उन्हें दूसरे छोर से स्थाई साथ नहीं मिला और विकेट गिरते रहे। हालांकि, कोहली ने पारी को संभाले रखा और 83 गेंदों में 102 रन बनाए। भारत ने 7 विकेट खोकर 311 रन बनाए। आखिरी 10 ओवरों में भारत ने 101 रन जोड़े, जिसमें कोहली का खास योगदान रहा।
#2 सौरव गांगुली – दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ 141* रन (नैरोबी - 2000)
स्पॉट फिक्सिंग के लंबे और विवादास्पद दौर के तुरंत बाद ही सौरव गांगुली ने टीम इंडिया की कमान संभाली थी। आईसीसी नॉकआउट ट्रॉफी में भारत लगातार दूसरी बार सेमीफाइनल तक पहुंचा था। सेमीफाइनल मुकाबले में भारत का सामना दक्षिण अफ्रीका से था। टॉस जीतने के बाद भारत ने पहले बल्लेबाजी का फैसला लिया। इस मैच में गांगुली ने 141 रनों की नाबाद और कप्तानी पारी खेली। गांगुली की पारी की बदौलत भारत ने 295 रन बनाए। भारत की गेंदबाजी भी अच्छी रही और टीम को जीत हासिल हुई।
#1 कपिल देव – जिम्बाब्वे के खिलाफ 175* रन (ट्रेंटब्रिज - 1983)
1983 विश्व कप में भारत शुरूआती दो मुकाबलों में जीता और अगले दो में उसे हार मिली। टीम का पांचवां मैच जिम्बाब्वे के खिलाफ था। भारत ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी का फैसला लिया, लेकिन भारत ने सिर्फ 17 रनों पर 5 विेकेट खो दिए। इसके बाद कपिल देव ने मैदान में आकर खेल का रुख ही बदल दिया। कपिल की नाबाद 175 रनों की पारी की बदौलत भारत ने 50 ओवरों में 266 रन बनाए। कपिल देव ने छोटी बाउंड्री का खूब फायदा उठाया और अपनी पारी में 16 चौके और 6 छक्के लगाए। भारत ने 31 रनों से जिम्बाब्वे पर जीत दर्ज की। लेखकः साहिल जैन अनुवादकः देवान्श अवस्थी