इस फ़ेहरीस्त में मोहम्मद अज़हरउद्दीन और विराट कोहली दो बार जगह बना पाने में क़ामयाब रहे
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क्रिकेट में हम अक्सर एक जुमला सुनते रहते हैं, 'कप्तानी पारी'। अब सवाल उठता है कि कप्तानी पारी का मतलब किस तरह की पारी से है। दरअसल, जब कप्तान जरूरत के समय और परिस्थिति के हिसाब से अपनी पारी को गढ़ता है और पूरी टीम के मनोबल में इजाफा करता है, तब उसकी पारी को कप्तानी पारी की संज्ञा मिलती है। आज हम बात करने जा रहे हैं, भारतीय कप्तानों द्वारा टेस्ट क्रिकेट में खेली गईं, ऐसी ही 10 यादगार पारियों के बारे में। खासतौर पर वे पारियां, जो विदेशी धरती पर खेली गईं।
#10 महेंद्र सिंह धोनी- दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ 90 रन (सेंचुरियन - 2010)
एम एस धोनी, भारत के सबसे सफल कप्तानों में से एक हैं। वैसे तो आंकड़ों के हिसाब से धोनी के नाम पर सिर्फ 6 टेस्ट शतक हैं और सारे घरेलू जमीन पर ही हैं, लेकिन फिर भी बड़ी जरूरत के मौकों पर धोनी ने हमेशा पारी का नेतृत्व किया है।
2010/11 में भारत, दक्षिण अफ्रीका के दौरे पर था। उस वक्त टीम इंडिया टेस्ट में नंबर 1 थी। दक्षिण अफ्रीका के पिचें बेहद तेज हैं और हमेशा से ही भारतीय बल्लेबाजों के लिए चुनौतीपूर्ण रही हैं। पहले टेस्ट की पहली पारी में नंबर 1 टीम इंडिया बुरे प्रदर्शन के साथ 136 रनों पर ही सिमट गई। जिसके जवाब में दक्षिण अफ्रीका ने पहली पारी में 620 रनों का विशाल स्कोर खड़ा कर दिया।
दूसरी पारी में भी भारत संघर्ष करता ही दिख रहा था। सचिन क्रीज पर थे और मध्यक्रम में उनका साथ देने उतरे धोनी। पिछली पारी में धोनी सिर्फ 33 रन ही बना सके थे। जब धोनी, सचिन का साथ देने उतरे, तब तक भारत, दक्षिण अफ्रीका से 200 रन पीछे था। धोनी ने तेज पारी खेलते हुए 106 गेंदों में ही 90 रन बना डाले और सचिन के साथ मिलकर 172 रनों की साझेदारी की।
धोनी के यह बेहद खास 90 रन फैन्स के जहन में ताजा नहीं रह पाए क्योंकि इस मैच में ही सचिन ने अपने टेस्ट करियर का 50वां शतक जड़ा। भारत मैच हार भी गया, लेकिन बोलिंग के लिए मददगार पिच पर और दक्षिण अफ्रीका के तेजतर्रार बोलिंग अटैक के सामने धोनी की यह 90 रनों की पारी अपनी खास जगह बना गई। इस पारी को विदेशी धरती पर धोनी की सर्वश्रेष्ठ पारियों गिना जा सकता है।