साल 2017 में इन टॉप 10 खिलाड़ियों ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट को कहा अलविदा

N MANGAL

हर चीज़ का अंत निश्चित है, क्रिकेट के मैदान पर भी साल 2017 में कई खिलाड़ियों के करियर का अंत हुआ। क्रिकेट में अपनी जिंदगी का एक हिस्सा देने वाले कई क्रिकेटरों ने इस साल 2017 में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट को अलविदा कह दिया। आइए जानते हैं साल 2017 में क्रिकेट से संन्यास लेने वाले टॉप 10 खिलाड़ी कौन कौन रहे:

# 10 नवरोज़ मंगल

अफगान क्रिकेट टीम ने क्रिकेट की दुनिया में भी अपना नाम अस्तित्व में लाया। क्रिकेट की दुनिया में अफगानिस्तान को पहचान दिलाने में नवरोज मंगल का काफी हाथ रहा है। नवरोज मंगल अफगानिस्तान क्रिकेट टीम के कप्तान थे। अपनी कप्तानी में नवरोज मंगल ने शानदार प्रदर्शन करते हुए टीम को एकदिवसीय क्रिकेट में पहचान दिलाई। इतना ही नहीं उनकी कप्तानी में ही टीम ने अपने पहले टी-20 विश्वकप कप में जगह हासिल की। नवरोज मंगल एक सलामी बल्लेबाज के साथ ही एक मध्य-क्रम के बल्लेबाज के तौर पर भी जाने जाते हैं। उन्होंने वनडे में 1139 बनाए हैं, जिसमें 2 शतक भी शामिल हैं। वहीं टी20 क्रिकेट में उन्होंने 111.47 की स्ट्राइक रेट 505 बनाए हैं। वहीं नवरोज मंगल एक उपयोगी ऑफ-स्पिनर भी थे, जिसमें एकदिवसीय मैचों में 8 विकेट और टी 20 मैचों में 4 विकेट हासिल किए हैं। हालांकि 33 वर्षीय नवरोज मंगल ने 2010 में ही कप्तानी छोड़ दी थी। आईसीसी 2015 विश्व कप के लिए क्वालिफाई करने वाली अफगान टीम के भी वो सदस्य रह चुके हैं। इसके साथ ही नवरोज ने 2017 में अपने क्रिकेट करियर का अंत कर दिया और क्रिकेट से संन्यास ले लिया।

#9 ल्यूक रोंची

L RONCHI

ल्यूक रोंची एक ऐसे खिलाड़ी हैं, जिन्होंने ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड दोनों देशों के लिए अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट खेला है। ल्यूक रोंची ने अपने क्रिकेट करियर की शुरुआत एक विकेटकीपर/बल्लेबाज के तौर पर ऑस्ट्रेलिया की तरफ से की थी। ल्यूक रोंची अपने आक्रामक शैली की बल्लेबाजी के लिए जाने जाते हैं। अपने चौथे एकदिवसीय मैच में ही उन्होंने 28 गेंदों में 64 रन बनाकर अपनी इस आक्रामक शैली का परिचय दे दिया था। हालांकि ऑस्ट्रेलिया की तरफ से वो इसके अलावा कोई खास प्रदर्शन नहीं कर पाए थे। साल 2012 में ल्यूक रोंची अपने जन्म स्थान न्यूजीलैंड वापस चले गए और वहां से अपने करियर को एक नई शुरुआत देनी चाही। एक साल के बाद साल 2013 में ल्यूक रोंची न्यूजीलैंड की तरफ से क्रिकेट खेलने के योग्य हो गए। 36 वर्षीय ल्यूक रोंची ने साल 2017 में क्रिकेट को अलविदा कह दिया। अपने करियर में उन्होंने एकदिवसीय मैचों में 1397 रन और टी20 मैचों में 359 रन बनाए। इसके अलावा विकेटकीपर के तौर पर भी ल्यूक रोंची काफी सफल साबित हुए। उन्होंने विकेटकीपिंग करते हुए अपने करियर में 134 कैच लपके।

#8 ड्वेन स्मिथ

D SMITH

ड्वेन स्मिथ वेस्टइंडीज़ के प्रमुख बल्लेबाजों में से एक थे। अपने पदार्पण मैच में ड्वेन स्मिथ ने दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ ऐसे समय में आक्रामक शतक लगा दिया जब वेस्ट इंडीज की टीम मुश्किल हालात में थी। एकदविसीय मैचों में ड्वेन स्मिथ जहां टीम का प्रमुख हिस्सा थे तो वहीं उन्होंने अपने करियर में सिर्फ 10 टेस्ट मुकाबले खेले हैं। आक्रामक शैली के लिए पहचाने जाने वाले ड्वेन स्मिथ ने 105 एकदिवसीय मैच खेले और 18.57 की औसत से 1560 रन बनाए। इसके साथ ही उनकी स्ट्राइक रेट 92.69 रही। इसके अलावा उन्होंने गेंदबाजी करते हुए 5.02 की इकॉनोमी रेट ने 61 विकेट झटके हैं। अपने करियर में खेले गए 33 टी20 मुकाबले में ड्वेन स्मिथ ने 18.18 की औसत और 122.78 की स्ट्राइक रेट से 582 रन बनाए हैं। वहीं साल 2015 से वेस्ट इंडीज के लिए एक भी अंतरराष्ट्रीय मुकाबला नहीं खेलने के चलते ड्वेन स्मिथ ने इस साल अपने करियर का अंत करने का फैसला लिया।

#7 दक्षिण अफ़्रीका की 'कोलकप तिकड़ी'

SA KOLPAK

सितंबर 2016 में क्रिकेट दक्षिण अफ्रीका ने एक संशोधित चयन नीति की घोषण की जिसमें हर मैच के लिए शुरुआती 11 में कम से कम 6 अश्वेत खिलाड़ियों का चयन किए जाने की बात कही गई थी। इनमें कम से कम दो अश्वेत अफ्रीकियों को भी टीम में शामिल किया जाना था। इस निर्णय के बाद दक्षिण अफ्रीकी टीम के खिलाड़ियों का एक तबका काफी भयभीत हो गया था। दक्षिण अफ्रीका की टीम का ये भय अंत में सच साबित हुआ और राष्ट्रीय क्रिकेट टीम के तीन खिलाड़ी काइल एबॉट, रिली रुसो और डेविड वीज़े ने इंग्लिश काउंटी के साथ कोलपक डील साइन कर ली। इस डील के साथ ही वो प्रभावी ढंग से अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से बाहर हो गए। इन तीन में एबॉट एक नियमित खिलाड़ी के रूप में दक्षिण अफ्रीका की टीम का हिस्सा थे। इस फैसले के कारण दक्षिण अफ्रीका क्रिकेट टीम के कोच रसेल डोमिंगो ने खिलाड़ियों के जरिए लिए गए इस फैसले की आलोचना भी की थी और उन पर आरोप भी लगाया था कि वे प्रबंधन के साथ इमानदार नहीं हैं। वहीं कप्तान फ़ैफ़ डू प्लेसी ने क्रिकेट दक्षिण अफ्रीका से आगे से ऐसे हालात रोकने के लिए तुरंत कार्रवाई करने की अपील की थी।

#6 सईद अजमल

S AJMAL

इस साल नवंबर 2017 में पाकिस्तान के सईद अजमल ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट के सभी फॉर्मेट से संन्यास की घोषणा कर दी। सईद अजमल ने अपने करियर में गेंदबाजी के दौरान कई विकेट झटके, अपने करियर के दौरान सईद अजमल के गेंदबाजी एक्शन पर भी काफी सवाल उठे। 40 वर्षीय सईद अजमल ने अपने करियर में 113 वनडे मुकाबले खेले। इम मुकाबलों में सईद अजमल ने 4.18 की इकॉनोमी रेट से 184 विकेट अपने नाम किए। वहीं उनके नाम एकदिवसीय मैचों में 324 रन दर्ज हैं। इसके अलाव टेस्ट मैचों में भी सईद अजमल ने शानदार गेंदबाजी करते हुए 35 टेस्ट खेले। इनमें उन्होंने 2.59 इकॉनोमी रेट से 178 विकेट अपने नाम किए। टी20 मैचों में भी सईद अजमल की गेंदबाजी अच्छी रही। अपने टी20 करियर में सईद अजमल ने 6.36 की इकॉनोमी रेट से 85 विकेट हासिल किए। साल 2009 में पाकिस्तान की टीम ने आईसीसी टी20 विश्व कप को अपने नाम किया था। सईद अजमल की गेंदबाजी ने इस टूर्नामेंट में टीम की जीत के लिए अहम योगदान दिया था। साल 2010 के आईसीसी टी20 विश्व कप और साल 2011 के आईसीसी विश्व कप में पाकिस्तान की टीम ने सेमीफाइनल तक का सफर तय किया था। सईद अजमल भी विश्व कप के सेमीफाइनल में पहुंचने वाली टीम का हिस्सा थे। साल 2012 की शुरुआत में, जब पाकिस्तान ने यूएई में इंग्लैंड के खिलाफ एक टेस्ट सीरीज का आयोजन किया था तो उस सीरीज में सईद अजमल ने अपनी गेंदबाजी के बूते इंग्लैंड टीम की बल्लेबाजी क्रम को तहस नहस कर दिया था। इस सीरीज में सईद अजमल ने 24 विकेट अपने नाम किए थे और पाकिस्तान के 3-0 से सीरीज जीत में अहम भूमिका निभाई थी।

#5 एडम वोजेस

A VOGES

एडम वोजेस पिछले दो सालों से ऑस्ट्रेलिया के लिए फॉर्म में खेलने वाले खिलाड़ियों में से एक थे। साल 2004-05 सीजन के दौरान एडम वोजेस ने ऑस्ट्रेलिया के लिए एक लिस्ट ए गेम में 62 गेंदों में शतक जड़ा था। साल 2006/07 एशेज के लिए उनका टीम में चयन किया गया लेकिन वो एशेज के लिए ऑस्ट्रेलिया की टीम की तरफ से कोई मैच नहीं खेल पाए। साल 2007 में एडम वोजेस ने अपने टी20 और एकदिवसीय मैचों में पदार्पण किया। हालांकि चयनकर्ताओं ने उन्हें टीम में ज्यादा मौके नहीं दिए और साल 2007 से साल 2013 के बीच उन्होंने केवल 31 एकदिवसीय और 7 टी20 मुकाबले ही खेले। एकदिवसीय और टी20 मैचों में साल 2013 के बाद मौके नहीं मिलने के चलते साल 2015 में 35 की उम्र में उन्होंने टेस्ट फॉर्मेट में वेस्टइंडीज के खिलाफ पदार्पण किया। इस मौके का उन्होंने जमकर फायदा उठाया और अपने डेब्यू टेस्ट मैच में नाबाद शतकीय पारी को अंजाम दे दिया। इसके साथ ही वो अपने डेब्यू मैच में ही शतक लगाने वाले सबसे उम्रदराज खिलाड़ी भी बन गए। अपने टेस्ट करियर में एडम ने 20 टेस्ट मैच खेले। इनमें उन्होंने 61.88 की औसत से 1485 रन बनाए। इनमें 5 शतक भी शामिल है। साथ ही उनके नाम 2 दोहरे शतक भी टेस्ट क्रिकेट में दर्ज हैं। साल 2017 में एडम वोजेस ने क्रिकेट से संन्यास ले लिया।

#4 शाहिद आफ़रीदी

S AFRIDI

लगभग दो दशकों के लिए शाहिद आफरीदी पाकिस्तान क्रिकेट टीम के लिए एक प्रमुख खिलाड़ी के रूप में टीम का हिस्सा रहे इस सूची में शाहिद आफरीदी के नाम को शामिल करने से पहले हमने नीचे दिए गए स्टेप्स पर काम किया: #उनकी उम्र के बारे में जांच-पड़ताल की। #उस तारीख को नोट किया जब उन्होंने संन्यास लेने की घोषणा की। #उस तारीख और वर्तमान तक बीच में आए दिनों की संख्या का अनुमान लगाया। #प्रार्थना की कि कहीं वे अपने संन्यास से पीछे न हट जाएं। हालांकि कुछ पाठकों को लगता है कि हम पागल हो रहे हैं लेकिन हम ऐसा नहीं है। हम अपने अधिकारों को अच्छी तरह से जानते हैं क्योंकि हम एक ऐसे क्रिकेटर की बात कर रहे हैं जिन्होंने 5 बार संन्यास लेने की घोषणा की है और 4 बार इस फैसले को वापस ले लिया है। मजाक से इतर, शाहिद आफरीदी ने संन्यास से खेल और मनोरंजन की गुणवत्ता के मामले में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट को शून्य पर छोड़ दिया है। अपने करियर में शाहिद आफरीदी ने 27 टेस्ट मैच खेले, जिनमें उन्होंने 36.51 की औसत से 1716 रन बनाए। वहीं एकदिवसीय मैचों में शाहिद आफरीदी ने 398 मैच खेले और 23.58 की औसत से 8064 रन बनाए। इसके साथ ही एकदिवसीय मैचों में उन्होंने 395 विकेट भी हासिल किए। अपने करियर में शाहिद अफरीदी शानदार बल्लेबाजी करने के लिए जाने जाते थे।

#3 मिस्बाह-उल-हक़

MISBAH

पाकिस्तान क्रिकेट टीम के अहम खिलाड़ी मिस्बाह उल हक ने भी साल 2017 में संन्यास ले लिया। अपने लंबे करियर में मिस्बाह उल हक ने कई उतार चढ़ाव का सामना किया। असफल होने पर उन्हें आलोचनाओं का सामना भी करना पड़ा। मिस्बाह उल हक से ये बात हर कोई सीख सकता है कि जब तक सफलता न मिल जाए तब तक कोशिश करती रहनी चाहिए। मिस्बाह उल हक हार मानने वालों खिलाड़ियों में से नहीं थे, वे जब भी आउट ऑफ फॉर्म होते तो फॉर्म में वापस आने के लिए जी जान लगा देते थे। साल 2001 में मिस्बाह उल हक ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में पदार्पण किया। शुरुआत में मिस्बाह उल हक असफल रहे लेकिन साल 2007 में उन्होंने दमदार प्रदर्शन के बूते पाकिस्तान क्रिकेट टीम में फिर से वापसी की। मिस्बाह उल हक ने अपने करियर में 75 टेस्ट मैचे खेले। जिनमें उन्होंने 46.62 की औसत से 5222 रन बनाए। वहीं एकदिवसीय मैचों में मिस्बाह उल हक ने 162 मैच खेले। इनमें उन्होंने 43.41 की औसत से 5122 रन बनाए। साल 2007 में खेले गए पहले आईसीसी टी20 टूर्नामेंट का फाइनल मुकाबला हर किसी को याद होगा। जब मिस्बाह उल हक भारत के खिलाफ मैच को जीतने के लिए पाकिस्तान के लिए अंत तक कमान संभाले हुए थे और पाकिस्तान को जीत की दहलीज तक ला खड़ा किया था, हालांकि वो टीम को जीत दिलाने में नाकाम साबित हुए थे। इसके बाद से ही मिस्बाह उल हक टीम का अहम हिस्सा हो गए थे। इसके बाद मिस्बाह उल हक पाकिस्तान क्रिकेट टीम के कप्तान भी बने। अपनी कप्तानी में मिस्बाह उल हक ने पाकिस्तान को मजबूत किया और टीम को नंबर 1 टेस्ट टीम बनाया था।

#2 आशीष नेहरा

A NEHRA

साल 2017 में भारतीय टीम से गेंदबाज आशीष नेहरा ने भी क्रिकेट को अलविदा कह दिया। आशीष नेहरा का करियर चोटों से भरा रहा। अपनी चोटों के कारण आशीष नेहरा काफी बार टीम से अंदर बाहर होते रहे लेकिन उन्होंने इनसे हार नहीं मानी। एक इंटरव्यू में आशीष नेहरा ने कहा था कि अपने क्रिकेट करियर के दौरान उन्हें 12 सर्जरियों से गुजरना पड़ा। उनका कहना था कि चोटों की वजह से वे कभी भी मायूस नहीं हुए और भारत के लिए खेलने से बड़ा उनके लिए दूसरा कोई भी प्रेरणास्त्रोत नहीं था। अपनी घातक गेंदबाजी के कारण आशीष नेहरा विपक्षी बल्लेबाजों में खौफ पैदा कर देते थे। इसके अलावा साउथ अफ्रीका में खेले गए 2003 के विश्व कप में इंग्लैंड के खिलाफ उनका 6/23 का प्रदर्शन भी काफी यादगार रहा। चोटों की वजह से आशीष नेहरा साल 2005 और 2009 में टीम से दूर ही रहे। इसके बाद अपने शानदार कमबैक के चलते उन्हें साल 2011 के विश्व कप में भी टीम में जगह बनाई। साल 2011 के विश्व कप में आशीष नेहरा ने टीम के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। आशीष नेहरा ने अपने करियर में 17 टेस्ट मैच खेले और 3.25 की इकॉनोमी रेट से 44 विकेट अपने नाम किए। वहीं एकदिवसीय करियर में आशीष नेहरा ने 120 मुकाबले खेले। इसमें उन्होंने 5.2 की इकॉनोमी रेट से 157 विकेट झटके। क्रिकेट से अपने संन्यास के बाद आशीष नेहरा ने कमेंट्री में अपने करियर की शुरुआत कर दी है।

#1 यूनिस ख़ान

Y KHAN

यूनिस खान पाकिस्तान के सबसे सधे हुए बल्लेबाजों में से एक थे। अपने करियर में यूनिस खान ने पाकिस्तान के लिए कई अहम पारियां खेली लेकिन साल 2017 में यूनिस खान ने भी क्रिकेट को अलविदा कह दिया और संन्यास ले लिया। यूनिस खान ने अपने डेब्यू टेस्ट मैच में ही शतक लगा दिया था। अपने क्रिकेट करियर में यूनिस खान ने 118 टेस्ट मैच खेले। इसमें उन्होंने 52.06 की औसत से 10099 रन बनाए। इसमें यूनिस खान के नाम 34 शतक भी दर्ज हैं। इसके अलावा उनके नाम टेस्ट में 5 दोहरे शतक और 1 तिहरा शतक भी दर्ज है। वहीं एकदिवसीय मैचों में यूनिस खान ने 265 मुकाबले खेले हैं। इनमें उन्होंने 31.25 की औसत से 7249 रन बनाए हैं। पाकिस्तान के पूर्व कप्तान यूनिस खान टेस्ट और एकदिवसीय दोनों ही फॉर्मेट में गेंदबाजों की नाक में दम करने का माद्दा रखते थे। हालांकि टी20 क्रिकेट में यूनिस खान ज्यादा खास प्रदर्शन नहीं कर पाए। टी20 में यूनिस खान ने 25 मैच खेले और 22.1 की औसत से 442 बनाए। हालांकि अपनी कप्तानी में उन्होंने पाकिस्तानी टीम को साल 2009 में आईसीसी टी20 विश्व कप का विजेता जरूर बना दिया था। इसके साथ ही अपने करियर में यूनिस खान ने 286 कैच भी लपके हैं। लेखक: रवि त्रिवेदी अनुवादक: हिमांशु कोठारी