पाकिस्तान क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान शाहिद अफरीदी ने एक समय वनडे क्रिकेट का सबसे तेज शतक लगाकर पूरी दुनिया में खलबली मचा दी थी। अफरीदी को लोग प्यार से 'बूम बूम' अफरीदी बुलाते हैं। पाकिस्तान के 2009 के टी-20 वर्ल्ड कप जीत में उनका बड़ा योगदान था।
शुरुआत में शाहिद अफरीदी ने अपनी विस्फोटक बल्लेबाजी से अपना एक अलग मुकाम बनाया लेकिन करियर के आधे पड़ाव पर उनकी लेग स्पिन उनकी बल्लेबाजी से ज्यादा मजबूत हो गई। अपनी गेंदबाजी से उन्होंने पाकिस्तान को कई मैच जिताए। आइए आपको बताते हैं शाहिद अफरीदी के क्रिकेट करियर के 3 बड़े लम्हों के बारे में।
शाहिद अफरीदी के अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट करियर के 3 बड़े लम्हे
3. 2009 टी-20 वर्ल्ड कप में शानदार प्रदर्शन
पाकिस्तान के 2009 टी-20 वर्ल्ड कप जीत में शाहिद अफरीदी का बहुत बड़ा योगदान था। सेमीफाइनल और फाइनल मुकाबले में उन्होंने शानदार प्रदर्शन किया और मैन ऑफ द् मैच रहे। सेमीफाइनल मैच में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ अफरीदी के ऑलराउंड प्रदर्शन ने पाकिस्तानी टीम को जीत दिला दी।
अफरीदी ने बल्लेबाजी में सबसे पहले 46 गेंदों पर 50 रनों की संतुलित पारी खेली। इसके बाद गेंदबाजी में हर्शेल गिब्स और एबी डीविलियर्स जैसे खतरनाक बल्लेबाजों को आउट कर पाकिस्तान की जीत सुनिश्चित की। इसके बाद श्रीलंका के खिलाफ फाइनल मैच में अफरीदी ने 4 ओवरों में महज 20 रन देकर 1 विकेट चटकाए। जब बल्लेबाजी करने के लिए उतरे तो उन्होंने 40 गेंदो पर 54 रनों की तेज पारी खेली। उनके इस ऑलराउंडर खेल की वजह से पाकिस्तानी टीम अपना पहला टी-20 वर्ल्ड कप जीतने में सफल रही।
1992 के बाद ये पहली बार था जब पाकिस्तान ने कोई ICC ट्रॉफी जीती थी। फाइनल मैच में बेहतरीन प्रदर्शन के लिए अफरीदी को मैन ऑफ द् मैच चुना गया था।
2. एशिया कप 2014
2014 के एशिया कप मुकाबले में अपनी शानदार बल्लेबाजी से अफरीदी ने एक बार से सभी पाकिस्तानी लोगों का दिल जीत लिया। भारत के खिलाफ मैच में लक्ष्य का पीछा करते हुए मैच काफी रोमांचक स्थिति में पहुंच चुका था। पाकिस्तान को जीत के लिए आखिरी 4 गेंदों पर 9 रन चाहिए थे और विकेट मजह 1 बचा था। सामने गेंदबाजी कर रहे थे रविचंद्रन अश्विन।
पूरे मैच में अश्विन शानदार गेंदबाजी कर रहे थे। वो अपनी गेंदबाजी में ऑफ स्पिन और कैरम बॉल का गजब का मिश्रण कर रहे थे। लेकिन फाइनल ओवर में अफरीदी ने अश्विन की चौथी गेंद को उड़ाकर मारा और गेंद सीधे बाउंड्री लाइन के बाहर जाकर गिरी। अब पाकिस्तान को जीत के लिए 3 गेंदों पर 3 रन चाहिए थे। तीसरी गेंद पर भी अफरीदी ने छक्का लगाकर पाकिस्तान को 1 विकेट से जीत दिला दी और एशिया कप के फाइनल में पहुंचा दिया। इन 2 छक्कों के साथ ही पाकिस्तानी फैंस की खुशी साफ देखी जा सकती थी। जबकि भारतीय फैंस काफी मायूस थे।
अफरीदी उस मैच में 34 रन बनाकर नाबाद रहे और पाकिस्तान को जीत दिलाकर ही लौटे। जिस तरह से उन्होंने अश्विन की आखिरी 2 गेंदों पर छक्के लगाए उससे पूरे मैच का पासा ही पलट गया।
1.अपनी पहली ही पारी में सबसे तेज वनडे शतक, नैरोबी, अक्टूबर 1996
16 साल के शाहिद अफरीदी ने केन्या के खिलाफ अपना डेब्यू किया लेकिन पहले मैच में उन्हें बल्लेबाजी का मौका नहीं मिला। लेकिन श्रीलंका के खिलाफ जब उन्हें अपना पहली अंतर्राष्ट्रीय पारी खेलना का मौका मिला तो उन्होंने दिखा दिया कि वो कितने विस्फोटक बल्लेबाज हैं।
अफरीदी ने अपनी पहली अंतर्राष्ट्रीय पारी में तेजतर्रार शतक लगाया। श्रीलंकाई गेंदबाजों पर उन्होंने मैदान के चारों तरफ शॉट लगाए। इस शतक के साथ ही वो वनडे में सबसे कम उम्र में शतक लगाने वाले पहले खिलाड़ी बन गए। इसके अलावा उन्होंने उस वक्त का सबसे तेज वनडे शतक भी बनाया।
अफरीदी ने 37 गेंदों पर 11 छक्कों और 6 चौकों की मदद से तूफानी शतक लगाया। अफरीदी का सबसे तेज शतक का रिकॉर्ड कई सालों तक कायम रहा। 2014 में न्यूजीलैंड के कोरी एंडरसन ने 36 गेंदों पर शतक लगाकर अफरीदी का ये रिकॉर्ड तोड़ा। इसके बाद 2015 में साउथ अफ्रीका के धाकड़ बल्लेबाज एबी डिविलियर्स ने वेस्टइंडीज के खिलाफ 31 गेंदों पर शतक लगाकर कोरी एंडरसन का भी रिकॉर्ड तोड़ दिया।