महेंद्र सिंह धोनी... नाम सुनते ही दिमाग में एक कूल कप्तान और शानदार फिनिशर की छवि उभरकर सामने आ जाती है। आज भले ही वह भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान नहीं हैं, फिर भी उनके मैदान में उतरते ही लगता है कि हां अब सबकुछ सही है। यही नहीं जब कभी भी टीम गेंदबाजी कर रही होती है तो वह अपने अनुभव के अनुसार सभी को जरूरी निर्देश देते रहते हैं। खासतौर से जब टीम मुश्किल हालातों में फंसी होती है तो वे कप्तान कोहली की मदद के लिए खुद ही आगे आ जाते हैं।
धोनी मैदान में शांत होने के साथ ही एक अलग अंदाज में उग्र भी होते हैं, उनकी यही प्रतिभा उन्हें दूसरे खिलाड़ियों से खास बना देती है। वहीं, इतने लम्बे समय तक कप्तान के तौर पर भारतीय क्रिकेट टीम को बड़े मुकाम पर पहुंचाना आसान काम नहीं होता है। उनके इसी शानदार करियर को ध्यान में रखते हुए आज हम आपके लिए उनके जीवन की 3 ऐसी घटनाएं लेकर आए हैं, जो यह सिद्ध करती हैं कि धोनी सही मायने में एक सफल कप्तान और महान खिलाड़ी हैं।
#सीबी सीरीज 2008 (चौथा मैच - भारत बनाम ऑस्ट्रेलिया)
ऑस्ट्रेलिया को ऑस्ट्रेलिया में हराना हमेशा एक कठिन काम रहा है। वहीं, ऑस्ट्रेलियाई टीम के लिए हार तो जैसे उन्हें और परेशान कर देती थी। यह सीबी सीरीज़ का लीग चरण था और भारतीय गेंदबाजों ने ऑस्ट्रेलिया को 159 रन पर रोक दिया था।
रनों का पीछा करते हुए एमएस धोनी और रोहित शर्मा क्रीज पर जम चुके थे। भारत को मैच जीतने के लिए अंतिम 10 रनों की जरूरत थी। इस समय, धोनी ने अचानक दस्ताने बदलने के लिए आवाज लगाई। यह सुरेश रैना थे, जो उनके लिए दस्ताने ले गए।
दरअसल, वह पवेलियन तक एक जरूरी संदेश भेजना चाहते थे। वह चाहते थे कि इस मैच को जीतने के बाद बालकनी पर कोई भी जीत का जश्न न मनाए। इस बीच, धोनी ने रोहित को भी निर्देश दे दिया कि मैच खत्म होने के बाद वह जब ऑस्ट्रेलियाई टीम से हाथ मिलाएं तो उनके साथ कैसे पेश आएं।
इस संदेश से धोनी यह साबित करना चाहते थे कि भारतीय जीत कोई तुक्का नहीं थी। धोनी का यह एक शानदार दिमागी खेल था। इसने अजेय ऑस्ट्रेलियाई टीम को झंकझोर कर रख दिया। यह संदेश जब ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ियों के दिमाग में गया तो कमाल ही हो गया। भारतीय टीम ने सीबी सीरीज़ में शानदार खिताबी जीत दर्ज की।