एक पारी में पांच विकेट लेने वाले गेंदबाज की इस उपलब्धि को यादगार माना जाता है। लेकिन अगर एक गेंदबाज पांच विकेट या उससे ज्यादा विकेट निकालता है और अपने इस कारनामे में दस रन से भी कम रन देता है, तो यह काम असाधारण से कम नहीं होता है। एक बल्लेबाज वह होता है जो रन बनाता और एक बड़ा टारगेट तैयार करता है लेकिन एक गेंदबाज वह है जो विकेट लेता है और अपनी टीम के लिए जीत सुनिश्चित करता है। सीमित ओवरों के क्रिकेट की शुरुआत के बाद से अधिकांश नियमों ने बल्लेबाजी पक्ष की सहायता की है जिससे गेंदबाजों को विकेट लेना मुश्किल हो गया है। इस सूची में उन गेंदबाजों को शामिल किया है जो क्रिकेट के सबसे लंबे प्रारूप में रनों प्रवाह को रोकने में तो कामयाब रहे हैं साथ ही साथ विकेट चटकाने में पीछे नहीं रहे हैं, जिससे विपक्षी बल्लेबाजों के लिए दोगुनी मुश्किले पैदा हो गयीं। आईये उन 4 गेंदबाजों पर नज़र डालतें हैं जिन्होंने बढ़ते हुए समय के अनुसार इस उपलब्धि को हासिल किया है। (मानदंड: इस सूची में उन गेंदबाजों को शामिल किया गया है जिन्होंने 2000 के बाद इस उपलब्धि को हासिल किया है।)
#1 जर्मेन लॉसन- 6/3 , वेस्टइंडीज के लिए बनाम बांग्लादेश, ढाका 2002
वेस्टइंडीज़ के जर्मेन लॉसन का टेस्ट करियर काफी छोटा था लेकिन जमैका के इस तेज गेंदबाज ने अपनी तेज गति और सटीकता के साथ बल्लेबाजों की नींद उड़ा दी थी। जिसमें 2002 में बांग्लादेश के खिलाफ टेस्ट में उनकी प्रसिद्ध उपलब्धि में 6/3 के दुर्लभ आंकड़े शामिल थे। उन्होंने 13 टेस्ट मैचों में वेस्टइंडीज का प्रतिनिधित्व किया और 29.66 के औसत से 51 विकेट लिए, जिसमें दो बार पांच विकेट लेने का कारनामा भी शामिल था। बाद में वह साल 2008 में कोल्पाक खिलाड़ी के रूप में इंग्लिश काउंटी साइड लीसेस्टरशायर में शामिल हो गए।
#2 माइकल क्लार्क- 6/9,ऑस्ट्रेलिया के लिए बनाम भारत, मुंबई 2004
अपनी बल्लेबाजी विविधिताओं के लिए जाने जाने वाले पूर्व ऑस्ट्रेलियाई कप्तान को इस सूची में देखना आश्चर्यजनक जरूर है। उन्होंने 115 टेस्ट, 245 वनडे और 34 टी-20 में ऑस्ट्रेलिया का प्रतिनिधित्व किया। उनकी बल्लेबाजी और नेतृत्व क्षमताओं के अलावा क्लार्क कंगारुओं के लिए एक उपयोगी बाएं हाथ के ऑर्थोडॉक्स गेंदबाज रहे हैं। क्लार्क जब अपने करियर का चौथा टेस्ट खेल रहे थे, उन्होंने एक मैच पलटने वाली गेंदबाज़ी करते हुए 2004 में आयोजित श्रृंखला के चौथे और अंतिम टेस्ट में शक्तिशाली भारतीय बल्लेबाजी लाइनअप को पूरी तरह से तहस नहस करते हुए नौ रन (टेस्ट में उनके सर्वश्रेष्ठ गेंदबाजी के आंकड़े) पर छह विकेट निकाल लिए। उनकी गेंदबाजी प्रयासों के कारण ऑस्ट्रेलिया भारत को 205 तक सीमित कर सका। अपने करियर के दौरान चोट लगने का मतलब था कि क्लार्क को अपनी गेंदबाजी छोड़नी पड़ी और टीम में उनका योगदान उनकी बल्लेबाजी और चुस्त क्षेत्ररक्षण कौशल के माध्यम से ही सामने आ सका था। लेकिन इस गेंदबाजों की सूची में एक बल्लेबाज का जगह बनाना बेहद सराहनीय है।
#3 वर्नन फिलैंडर- 5/7, दक्षिण अफ्रीका के लिए बनाम न्यूजीलैंड, केपटाउन 2013
वर्नन फिलैंडर इस समय बेहतरीन टेस्ट गेंदबाजों में से एक गिने जाते हैं। उन्होंने अपनी गुणवत्ता वाली स्विंग गेंदबाजी के साथ कई बार विपक्षी टीम की बल्लेबाजी को धराशायी किया है जिसके कारण उन्होंने टेस्ट क्षेत्र में अबतक 200 से अधिक विकेट अपने नाम कर लिये है। कहने की जरूरत नहीं है कि वर्नन फिलैंडर और डेल स्टेन ने टेस्ट में सबसे घातक गेंदबाजी संयोजनों में से एक का गठन किया। आज तक उन्होंने 21.46 के औसत से 204 विकेट लिए हैं जिनमें 13 बार उनके नाम पांच विकेट और दो बार दस विकेट लेने का कारनामा शामिल है। उनकी सटीक गेंदबाजी ने उन्हें 5/7 के अद्भुत आंकड़ों के साथ मैच पूरा करने में मदद की जिसकी मदद से अफ्रीकी टीम ने 100 मिनट में न्यूजीलैंड की पूरी टीम को सिर्फ 45 रनों पर ढेर कर दिया। हालांकि उन्होंने खेल के सबसे लंबे प्रारूप में जबरदस्त सफलता हासिल की है, लेकिन वह खेल के छोटे प्रारूपों में अपने प्रदर्शन को दोहराने में नाकाम रहे हैं।
#4 डेल स्टेन- 6/8, दक्षिण अफ्रीका के लिए बनाम पाकिस्तान, 2013 जोहांसबर्ग
डेल स्टेन ने 2004 में सेंट जॉर्ज पार्क में इंग्लैंड के खिलाफ दक्षिण अफ्रीका के लिए अपने टेस्ट मैच की शुरूआत की। लेकिन तब इस बात का अंदाजा नहीं लगाया जा सकता था कि यह गेंदबाज अपनी पीढ़ी के सबसे महान तेज गेंदबाजों में से एक बन जाएगा। हालांकि उनके करियर की शुरुआत बहुत खास नहीं रही थी क्योंकि उन्होंने अपने पहले तीन टेस्ट में केवल 8 विकेट लिए। फिर वह धीरे-धीरे रैंक की ओर बढ़ने लगे और अपने व अपने देश के लिए कई उच्च आयाम को स्थापित किया । वह इस सूची में शामिल हैं क्योंकि उन्होंने पाकिस्तान के खिलाफ अपनी धारदार तेज गेंदबाजी की बदौलत 6/8 के शानदार आंकड़ों से मेहमानों की क्लास लगा दी थी। जिसकी मदद से दक्षिण अफ्रीकी टीम ने सिर्फ 49 रनों पर पाकिस्तानी टीम को समेट दिया और उन्हें टेस्ट व श्रृंखला पर कब्जा जमाने में मदद की। हालांकि चोटों ने स्टेन से खेल से दूर रखा है और वह लगातार 140 किमी प्रति घंटे से अधिक गेंदबाजी करने के लिए संघर्ष कर रहे हैं।
लेखक- सिद्धार्थ सिद्धू अनुवादक- सौम्या तिवारी