साझेदारी किसी भी टीम के लिए बहुत ही अहम होती है। क्रिकेट में बैटिंग पार्टनरशिप आपको मैच जिताती भी है और मैच बचाती भी है। दो बल्लेबाजों को सभी मुश्किलों से पार पाते हुए विकेट पर डटे हुए रहना देखना काफी अच्छा लगता है। चाहे विपक्षी टीम कितनी ही कड़ी गेंदबाजी क्यों ना करे। सालों से क्रिकेट में कई ऐसी बैटिंग जोड़िया हुई हैं, जो गेंदबाजों के लिए सिरदर्द साबित हुई हैं।
कुछ जोड़ियों ने कभी-कभी कमाल की साझेदारी की। जैसे- राहुल द्रविड़ और वीवीएस लक्ष्मण की जोड़ी। जिन्होंने पहले कोलकाता में और फिर एडिलेड में ऐतिहासिक साझेदारियां की। तो कुछ जोड़ियों ने मैच दर मैच बड़ी साझेदारी की। जैसे- सचिन तेंदुलकर और राहुल द्रविड़, जिनके नाम सबसे ज्यादा पार्टनरशिप रन का रिकॉर्ड है।
आइए आपको बताते हैं टेस्ट मैचों में औसत के हिसाब से भारत की 4 ऐसी सबसे बड़ी जोड़ियों के बारे में जो अब संन्यास ले चुके हैं।
भारतीय टीम के लिए औसत के हिसाब से टेस्ट मैचों में शीर्ष 4 ऐसी जोड़ी जो अब संन्यास ले चुकी है
1. सौरव गांगुली और सचिन तेंदुलकर - 61.36
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सचिन तेंदुलकर और सौरव गांगुली की जोड़ी का औसत 61.36 है। इन दोनों दिग्गजों ने 71 पारियों में 12 शतकीय और 16 अर्धशतकीय साझेदारियों की बदौलत 4173 रनों की पार्टनरशिप की। इन दोनों बल्लेबाजों के आंकड़े इस बात की गवाही देते हैं कि इनके समय भारतीय टीम का मिडिल ऑर्डर कितना मजबूत था।
ये दोनों बल्लेबाज दुनिया की उन 10 जोड़ियों में से आते हैं 4000 से ज्यादा रनों की साझेदारी की है इन दोनों ने शुरुआत से ही काफी अच्छी साझेदारियां की हैं।
2. राहुल द्रविड़ और वीरेंदर सहवाग - 60.41
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इस जोड़ी के नाम भारत के लिए टेस्ट मैचों में दूसरी सबसे बड़ी ओपनिंग साझेदारी का रिकॉर्ड है और पूरी दुनिया में तीसरी। वीरेंदर सहवाग और राहुल द्रविड़ ने लाहौर में पाकिस्तान के खिलाफ 410 रनों की मैराथन साझेदारी की थी। द्रविड़ और सहवाग ने उस मैच में अपनी धुन पर पाकिस्तानी गेंदबाजों को नचाया था।
इन दोनों बल्लेबाजों ने 58 पारियों में 60.41 की औसत से 3383 रनों की साझेदारी की है । इस दौरान दोनों ने 10 शतकीय और 11 अर्धशतकीय साझेदारियां की। द्रविड़ ने अपने करियर में ज्यादातर 3 नंबर पर ही बल्लेबाजी की है, लेकिन कई मैचों में उन्होंने सहवाग के साथ ओपनिंग भी की है।
3. मोहम्मद अजहरुद्दीन और सचिन तेंदुलकर - 58.17
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केपटाउन टेस्ट में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ इन दोनों बल्लेबाजों की वो साझेदारी कौन भूल सकता है, जो इन्होंने छठे विकेट के लिए बनाए थे। उस मैच में दोनों बल्लेबाजों ने 222 रनों की साझेदारी की थी।
सचिन तेंदुलकर और मोहम्मद अजहरुद्दीन ने 42 पारियों में 58.17 की औसत से 9 शतकीय और 5 अर्धशतकीय साझेदारियां करते हुए 2385 रनों की साझेदारी की है। सभी भारतीय जोड़ियों में इन बल्लेबाजों का 50 से 100 का कन्वर्जन रेट सबसे बेहतर रहा है।
विदेशों में 2 बार 200 से ज्यादा रनों की साझेदारी के अलावा इन दोनों ने 1990 में मैनचेस्टर टेस्ट में शतकीय साझेदारी भी की थी। उस मैच में सचिन ने अपना पहला टेस्ट शतक लगाया था।
4.मोहिंदर अमरनाथ और सुनील गावस्कर - 55.02
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सुनील गावस्कर और मोहिंदर अमरनाथ भारत के दो महान खिलाड़ी और शायद वर्ल्ड क्रिकेट के उन चुनिंदा खिलाड़ियों में से , जिन्होंने उस समय वेस्टइंडीज जैसी मजबूत टीम के खिलाफ रन बनाया। इन दोनों ने महज 44 पारियों में 55.02 की औसत से 10 शतकीय और और 7 अर्धशतकीय साझेदारियां करते हुए 2366 रन जोड़े। इन दोनों ने पहली शतकीय साझेदारी 70 के दशक में पोर्ट ऑफ स्पेन में वेस्टइंडीज जैसी घातक गेंदबाजी के सामने की।
वहीं 1993 में पर्थ टेस्ट में दोनों ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 193 रन जोड़े। जिसकी वजह से भारत ऑस्ट्रेलिया को 339 रनों का लक्ष्य देने में कामयाब रहा, लेकिन दुर्भाग्यवश भारत वो मैच 2 विकेट से हार गया। 1986 में सिडनी टेस्ट में 200 रनों की साझेदारी इनकी सबसे बड़ी साझेदारी थी। उस साझेदारी की वजह से भारत ऑस्ट्रेलिया में सीरीज ड्रॉ करने में कामयाब रहा।